बिहार और उत्तर प्रदेश में खान-पान में सत्तू का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। सत्तू का उपयोग नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने में भी होता है। सत्तू का उपयोग अपनी जीवनशैली में शामिल करने के पीछे की वजह सेहत है। क्योंकि सत्तू को देसी पावर फूड कहते हैं, जो कि एक तरह से औषधि मानी जाती है। कई जानकारों का मानना है कि दूध से अधिक सत्तू में प्रोटीन होता है। इसके साथ सत्तू में आयरन और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसमें शुगर की भी मात्रा काफी कम होती है। इस वजह से सत्तू से कई तरह की डिश बनाई जाती है। यह भी माना गया है कि गर्मी के मौसम में सत्तू का सेवन पाचन क्रिया को ठीक रखता है। जानकारों का कहना है कि 30 ग्राम सत्तू में 6 ग्राम प्रोटीन होता है साथ ही भुने हुए चने से बनने के कारण यह एक तरह से फाइब्रस फूड होता है, जो कि पेट की समस्याओं को होने से रोकता है। आइए जानते हैं विस्तार से कि सत्तू से बनने वाली डिश के बारे में।
पहले जानें क्या है सत्तू
सत्तू एक तरह का प्रोटीन युक्त आटा होता है, जो कि भूने हुए चने को पीसकर या भी अन्य तरह की दालों और अनाज को भुन कर बनाया जाता है। बिहार और उत्तर प्रदेश के साथ सत्तू का आटा झारखंड, पंजाब और उत्तराखंड में भी काफी लोकप्रिय है। बाजार में चने की दाल के साथ गेहूं और जौ या फिर ज्वार के भी सत्तू आसानी से मिल जाते हैं। सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम में सत्तू खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसका सेवन जरूरत से अधिक नहीं करना चाहिए।
सत्तू का पराठा
सत्तू का पराठा बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं का आटे में घी और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह से गूंथ लें। ध्यान रखें कि पराठे के लिए आटा ज्यादा मुलायम न गूंदे। इसके बार एक पैन में सत्तू डालें और उसमें लहसुन पेस्ट, अदरक पेस्ट, बारीक कटा प्याज, नींबू का रस, अमचूर, हरा धनिया, कटी हरी मिर्च, अजवायन और स्वादानुसार नमक डालकर सभी को अच्छी तरह से मिक्स करें और 3 चम्मच पानी डालकर पूरे मिश्रण को मिला लें। इसके बाद गूंथे हुए आटे से लोई बनाएं और फिर लोई के बीच में सत्तू का मिश्रण भरें और फिर इसे पराठे की तरह बेल लें। तवा लें और मीडियम आंच पर इसे गर्म करें और फिर तेल लगाकर दोनों तरफ से सत्तू के पराठे को अच्छी तरह से गूंथ लें। ध्यान रखें कि पराठे को दोनों तरफ सुनहरा होने तक सेकें। आप इस सत्तू के पराठे का सेवन दही या फिर अपनी पसंद की चटनी के साथ कर सकती हैं।
सत्तू की लिट्टी
इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में आटा निकालें और थोड़ा नमक मिलाकर आटे को टाइट गूंथ लें। सत्तू का मिश्रण बनाने के लिए अजवाइन, अचार का तेल, हरी मिर्च, लहसुन की कलियां, प्याज और नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब गूंथे हुए आटे की लोइयां बनाकर उसमें सत्तू की स्टफिंग भरें और गोल आकार बना लें। आप इस लिट्टी को तेल में छान सकती हैं या फिर बाटी वाले कूकर पर रखकर भी इसे पका सकती हैं। वैसे, तलने से बेहतर है कि आप इसे बाटी कुकर पर सेंक लें। आप इस लिट्टी को किसी चटनी के साथ सेवन कर सकती हैं। या फिर आप आलू, बैंगन और टमाटर को आग पर सेंक कर इसमें लहसून,प्याज, हरी मिर्च के साथ धनिया बारीक करके मिला लें और फिर चोखा बनाकर सत्तू की लिट्टी के साथ इसका सेवन करें।
सत्तू शरबत
गर्मी के मौसम में सत्तू का शरबत भी आपके लिए दवाई के तौर पर काम करता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अधिक मात्रा में इसका उपयोग करें। सत्तू का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में पुदीने का पत्ता, जीरा पाउडर, नींबू के रस के साथ पूरे मिश्रण को अच्छी तरह से मिला लें आप इसमें जरूरत के अनुसार पानी भी मिला सकती हैं। इसके बाद एक गिलास में सत्तू का शरबत मिलाकर ऊपर से नींबू का रस, पुदीने का पत्ता और जीरा पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं और इसका सेवन करें।
सत्तू का हलवा
सत्तू का उपयोग आप मीठा बनाकर भी कर सकती हैं। आपने बेसन का हलवा खाया होगा, ठीक इसी तरह सत्तू का हलवा भी खाने में स्वाद ले आता है और आप इसे पार्टी या फिर किसी त्योहार के समय भी पकवान की थाली में परोस सकती हैं। सत्तू का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले पैन को गर्म करें और फिर उसे हल्का सा गर्म करें। पैन के गर्म हो जाने के बाद आप उसमें घी डालें और घी के मेल्ट हो जाने के बाद सत्तू डालकर अच्छी तरह से चलाएं। कोशिश करें कि कि चलाते वक्त सत्तू को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। ध्यान रखें कि गैस को धीमी आंच पर ही रखें और सत्तू को 4 से 5 मिनट के लिए भूनें। जब आपको सत्तू में से खुशबू आने लगती है, तो फिर इसमें चीनी मिलाएं और अच्छी तरह से मिक्स करें। अंत में मेवे ( ड्राई फ्रूट्स) को बारीक काटकर मिक्स कर दें। ठंडा हो जाने के बाद सत्तू के हलवे का सेवन करें।
सत्तू का लड्डू
इस लड्डू को बनाने के लिए सबसे पहले पैन में घी को गर्म करें और और फिर पूरे सत्तू को पैन में डाल दें और उसे चलाते रहें। ध्यान रखें कि आपको सत्तू को मीडियम आंच पर ही भूनना है। 5 से 10 मिनट तक भूनने के बाद गैस बंद कर दें और फिर सत्तू अच्छी तरह से भुना है या नहीं इसकी खुशबू को पहचान सकती हैं। इसके बाद आप इसमें अपनी पसंद से काजू, बादाम को बारीक करके मिला लें और साथ में शक्कर और इलायची पाउडर भी मिलाएं। इसके बाद अपने हाथों से इस पूरे मिश्रण को सत्तू का आकार दें। ध्यान रखें कि आप इस सत्तू के लड्डू को कुछ दिनों तक स्टोर करके रख सकती हैं। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ सत्तू के लड्डू सेहतमंद भी होते हैं।
सत्तू का चीला
सत्तू का चीला सुबह के नाश्ते के लिए सेहतमंद डिश का काम करेगा। इसे बनाने के लिए सबसे पहले सत्तू के आटे के साथ बेसन, सूजी मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार कर लें। अब इसमें हरी मिर्च, अजवाइन, जीरा और स्वादानुसार नमक को मिक्स कर लें। आप इस घोल में बारीक प्याज, टमाटर और धनिया भी मिला सकती हैं और साथ ही अपनी पसंद की कोई भी सब्जी भी बारीक काटकर इस घोल में मिला सकती हैं। इस घोल को 10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और फिर एक पैन को गर्म करें और उस पर हल्का सा घी लगाएं और रोटी की तरह गोल सत्तू को पैन पर फैला दें और दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेंक लें। आप इस सत्तू के चीला के चीला का सेवन चटनी के साथ कर सकती हैं।
सत्तू का सेवन से पहले रखें इन बातों का ध्यान
सत्तू को अपने खान-पान में शामिल करने से आपको कई सारे फायदे मिलते हैं, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करना आपकी सेहत को तकलीफ भी पहुंचा सकता है। सत्तू का अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण पेट में गैस की समस्या हो सकती है। अगर किसी को पेट या फिर किडनी से जुड़ी कोई समस्या है, तो उन्हें सत्तू का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। जिन लोगों को चने से एलर्जी है, उन लोगों को भी सत्तू के सेवन से दूरी बना लेनी चाहिए।