बिहार और उत्तर प्रदेश में खाने की समानता लगभग एक जैसी है, लेकिन कुछ चुनिंदा डिश एक दूसरे से काफी भिन्न हैं।। हम आज आपको बिहार और उत्तर प्रदेश की चुनिंदा डिश के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप आसानी से कम समय में घर पर बना सकती हैं। नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने के लिए भी आप इन सारी डिश को बनाकर इसके स्वाद का आनंद उठा सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
सत्तू पराठा रेसिपी
बिहार में सत्तू का पराठा अक्सर गर्मियों के मौसम में खाया जाता है। सत्तू का पराठा शरीर को ऊर्जा देता है और काफी जल्दी बनकर तैयार भी हो जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं के आटे में घी और नमक स्वादानुसार मिलाकर इसे तरह से गूंथ लें। एक बाउल में सत्तू, लहसुन और अदरक पेस्ट, बारीक कटा प्याज, नींबू रस, अमचूर, हरा धनिया, कटी हरी मिर्च, अजवाइन और नमक के साथ अच्छी तरह से मिलाएं। इसके बाद इस मिश्रण में 2 चम्मच पी भी मिलाएं। इसके बाद गूंथा हुए आटे से लोई बनाएं इसके बाद इसमें सत्तू का मिश्रण भरें और हल्के हाथ से पराठा का आकार बना लें। दोनों तरफ तेल या फिर घी लगाकर इस पराठे को अच्छी तरह सेंक लें। आप इस भरावन वाले सत्तू के पराठे का सेवन चटनी या टोमेटो सॉस के साथ कर सकती हैं।
दाल पीठा रेसिपी
दाल पीठा बिहार और झारखंड की पारंपरिक फूड है। आप इसे सुबह के नाश्ते में या फिर स्नैक्स के तौर पर भी इसका सेवन कर सकती हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले चना दाल और चावल को 4 घंटे के लिए अलग-अलग भिगोकर रख दें। इसके बाद चावल को दरदरा पीस लें और स्वादानुसार नमक मिलाएं और फिर चावल के इस पेस्ट को अच्छी तरह से पकाकर बैटर को पूरी तरह से सूखा दें और फिर ठंडा हो जाने के बाद आटे जैसा गूंथ लें। फिर भिगोई हुई चना दाल से पानी निकालकर एक बाउल में डालें और साथ ही बारीक कटी हुई हरी मिर्च, अदरक और लहुसन के टुकड़े के साथ स्वादानुसार नमक और हल्दी के साथ अच्छी तरह से सभी सामग्री को मिला लें। इसके बाद चावल के आटे को पूरी जैसा बेलें और इसके बीच में दाल का मिश्रण भरें और फिर बंद कर दें। दूसरी तरफ एक बर्तन में पानी डालकर उसे गर्म करने रख दें और जब पानी में उबाल आ जाए, तो उसमें तैयार किए दाल पीठा डालकर धीमी आंच पर पकाएं। दालपीठा पक जाने पर पानी के ऊपर तेरने लगेगा। तैयार है आपके लिए दाल पीठा। आप इसका सेवन अपने पसंद की किसी भी चटनी के साथ कर सकती हैं।
तेहरी की रेसिपी
यह उत्तर प्रदेश की सबसे खास डिश है। इसे आसानी से कम समय में बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए अपनी आवश्यकता अनुसार चावल को भिगो कर 20 मिनट के लिए रख दें। इसके बाद, आलू, टमाटर, हरी मिर्च और प्याज को भी अच्छी तरह से काट लें और एक गहरे पैन में सरसों का तेल गर्म करने के बाद हींग और जीरा डालकर अच्छी तरह से भूनें इसके बाद टमाटर और मटर के बाद आप अपने पसंद की कोई अन्य सब्जी भी मिलाएं और 3 चम्मच दही भी मिलाने के बाद आवश्कता अनुसार हल्दी और नमक मिलाएं। इसके बाद चावल को 2 से 3 बार अच्छी तरह से धो कर कुकर में डालें 2 से 3 सीटी आने पर गैस को बंद कर दें। आप इस तेहरी को रायते के साथ भी सेवन कर सकती हैं।
दम आलू
उत्तर प्रदेश में दम आलू भी कई प्रकार से बनाया जाता है। इसे बनाना काफी आसान है। सबसे पहले 4 से 5 आलू को उबाल लें। आलू को ठंडा होने के लिए रख दें। दूसरी तरफ हरी धनिया, 2 हरी मिर्च, सूखी धनिया, अदरक का छोटा सा टुकड़ा, 1 चम्मच जीरे के साथ, 1 टमाटर को अच्छी तरह से पीस लें। पैन में राई का तेल गर्म होने पर हींग डालें और इसके बाद पीसे हुए मसाले को अच्छी तरह से सुनहरा होने तक धीमी आंच पर भुनें और इसके बाद उबले हुए आलू को चार हिस्सों में काट कर भूने हुए मसाले में मिला लें। आप इस दम आलू को लाई यानी कि कुरमुरे के साथ या फिर भूने हुए पोहे के साथ भी सेवन कर सकती हैं। नाश्ते के लिए यह एक स्वादिष्ट डिश है।
दाल-चावल भुजिया
दाल-चावल और आलु की भुजिया उत्तर प्रदेश और बिहार की सबसे खास और आरामदायक डिश मानी जाती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले तुअर दाल को अच्छी तरह से धो कर इसे कुकर में 4 सीटी आने तक पका लें और ठीक इसी तरह चावल को भी 2 सीटी आने तक पका लें। आलू को बारीक-बारीक काट लें और इसके बाद सरसों के तेल के गर्म होने पर 2 से 3 हरी मिर्च, हींग और आधा चम्मच जीरा डालें और फिर कटे हुए आलू को इसमें मिलाएं और ढक कर रख दें। थोड़ी देर बाद, इसमें हल्दी पाउडर, नमक, धनिया पाउडर और लाल मिर्च पाउडर आवश्यकता अनुसार मिलाएं। इसके बाद आलू के सुनहरे लाल होने तक इस भुजिया को पकाती रहें। आप इस दाल-चावल भुजिया का सेवन सलाद और अचार के साथ भी कर सकती हैं।