वजन घटाने के लिए रागी एक जरूरी तत्व है, न सिर्फ वजन घटाने बल्कि काफी सारी बीमारियों को यह नियंत्रित करता है, इस अनाज के सेवन से शरीर को पूर्ण रूप से पोषण मिलता है और यह कई बीमारियों को बचाये रखने में भी मदद करता है। रागी काफी सेहतमंद होता है, इसका अनुमान अध्ययन में लगाया जा चुका है। रागी, मुख्य रूप से एक अनाज है, जो कि भारत के साथ-साथ अफ्रीका के विभिन्न इलाकों में उगाया जाने वाला एक अनाज है, इसका वैज्ञानिक नाम ‘एलुसीन कोरकाना’ है। इसका उत्पादन सबसे अधिक कर्नाटक में होता है, इसे कई जगहों पर मड़ुआ, नाचनी और केझ्वारगु नाम से भी जाना जाता है, इसमें फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। तो आइए जानें रागी के फायदे के बारे में।
रागी के पोषक तत्व
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रागी की सबसे खास बात यह होती है कि यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, इसमें जो टैनिन, पॉलीफेनोल्स और फ्लेवनॉइड्स जैसे कई फेनॉलिक कंपाउंड पाए जाते हैं, उसकी वजह से फ्री रेडिकल होते हैं और यह एजिंग की समस्या, गठिया की परेशानी और हृदय रोग को बेहतर करने में मदद करती है। रागी में एंटी इन्फ्लेमेट्री प्रभाव होता है, इसलिए सूजन से जुड़ी समस्याओं में रागी खाने के फायदे होते हैं। सूजन के प्रभाव को कम करने के लिए रागी खाना चाहिए। मधुमेह की समस्या को कम करने के लिए भी इसे डायट में शामिल करना चाहिए। इसमें एंटी डायबिटिक गुण के विषय में पता चलता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। रागी को डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। रागी का उपयोग वजन को नियंत्रित करने में भी अच्छा होता है। इसमें एमिनो एसिड पाया जाता है, जो भूख को कम करने के लिए वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। रागी एक हाई फाइबर है। रागी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी अच्छा है। इसमें मौजूद फायटिक एसिड और डायटरी फाइबर कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक होते हैं। इसमें प्रोटीन होता है, जो शरीर में ऊर्जा देने के लिए काफी अच्छा होता है। यह बच्चों के रोगों को कम करने में लिए काफी अच्छा होता है। रागी का सेवन से हृदय को स्वस्थ रखना बेहतर होता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने भी बेहतर होता है। एक खास बात यह है कि रागी में मौजूद फेरुलिक एसिड यूवी विकिरणों की वजह से होने वाली त्वचा की क्षति से बचाव कर सकता है। इसमें एंटी एजिंग गुण भी मौजूद होता है, इसलिए इसका इस्तेमाल फेस्क मास्क के रूप में किया जाता है।
रागी को कैसे करें डायट में शामिल
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रागी को आप रोटी की तरह खा सकती हैं। रागी को डोसे के रूप में खाना खाना चाहिए। पराठे बनाने के लिए रागी का आटा उपयोग कर सकती हैं। रागी की इडली भी बनाई जा सकती है, रागी की चकली और चिप्स भी काफी अच्छे लगते हैं, सेहतमंद भी होते हैं। इसे बनाना भी काफी आसान होता है।
रागी से बनने वाले डिश
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रागी और ओट्स का चिला
सामग्री
चार चम्मच रागी का आटा, एक चम्मच ओट्स का पाउडर, एक कप पानी
एक चुटकी दालचीनी पाउडर, 1/4 चम्मच सेंधा नमक, एक चुटकी काली मिर्च पाउडर, एक चुटकी अजवाइन
दो चम्मच घी।
बनाने की विधि
एक चम्मच ओट्स मिक्सर में डालकर बारीक पीस लें। एक छोटे बर्तन में रागी का आटा ले और उसमें बारीक पिसा ओट्स मिला दे। अब इसमें सेंधा नमक, अजवाइन, दालचीनी का पाउडर और काली मिर्च का पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें। थोड़ा-थोड़ा पानी डालते जाए और एक गाढ़ा घोल बना लें।
इसके बाद गैस पर एक लोहे का तवा रखकर उसे गर्म करें। फिर तैयार किये गए घोल को गोल आकार में फैला दें, और ऊपर से थोड़ा-सा घी लगा दें। अब मध्यम आंच पर दोनों तरफ सुनहरा भूरा होने तक अच्छे से सेंक लें।
रागी और मूंग दाल की लप्सी
सामग्री
दो चम्मच रागी और मूंग दाल का पाउडर, एक चुटकी इलायची पाउडर,एक चम्मच गुड़ का पाउडर या खजूर का सिरप, आधा चम्मच घी, एक कप पानी। आधा कप रागी
आधा कप मूंग दाल, 1/4 कप बादाम, 1/4 कप काजू, दो चम्मच चिरौंजी
बनाने की विधि
रागी और मूंग दाल को अलग-अलग पानी से धो कर 3-4 घंटों के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद किसी सूती कपड़े पर फैला कर 5-6 घंटे धूप में सूखा लें। पूरी तरह से सूखने के बाद दोनों को कड़ाही में ड्राई रोस्ट कर लें। फिर जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो मिक्सर में बारीक पीस लें। इसके साथ ही साथ बादाम, काजू और चिरौंजी को भी हल्का-सा रोस्ट करके मिक्सी में पीस लें। अब इन सारी सामग्री को एक साथ अच्छे से मिक्स करके रख लें। गैस पर एक पेन रखें उसमें घी डालें। घी गर्म हो जाने के बाद उसमें दो चम्मच रागी और मूंग दाल का पाउडर डालें। हल्का सा भून लें। अब इसमें में गुड़ का पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं। इसके बाद इलायची पाउडर डाल दें। अब इसमें थोड़ा थोड़ा पानी डालती जाएं और चलाती जाएं। और फिर इसके बाद 5 से 8 मिनट तक पकाकर गैस बंद कर दें
रागी उत्तपम
सामग्री
1/3 कप रागी का आटा, 1/4 कप गाजर,1 छोटा चम्मच सोया के पत्ते, 1/4 कप टमाटर, 1/4 कप प्याज, 1 छोटा चम्मच घी, नमक स्वाद के अनुसार।
बनाने की विधि
एक बड़ी थाल में सबसे पहले रागी का आटा लेकर पानी के साथ मिलाकर गाढ़ा बैटर बना लें। इसमें आपको फिर थोड़ा-सा नमक और 1/4 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर भी मिलाना है। इस तरह से रागी आटा का एक पेस्ट तैयार हो जाएगा। अब गैस पर तवा गरम करें। अब कटोरी की मदद से या बड़े चम्मच से तवे पर बैटर को मोटे डोसा की तरह डालें और एक तरफ सुनहरा होने तक सेंक लें। इसके बाद आपको बैटर के ऊपर बारीक कटा हुआ प्याज, टमाटर, गाजर और सोया के पत्ते छिड़ने हैं। पूरी चरह से डोसा पर समान रूप से फैला दें। सब्जियों को पकाने के लिए ऊपर से ढक दें। अब प्लेट हटाकर सब्जियों पर घी छिड़कें। इसके बाद दूसरी तरफ सेंकने के लिए पलट दें। जब दोनों तरफ से इसका रंग सुनहरा होने तक पका लें।
रागी खाने से नुकसान
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रागी में फाइबर होता है, इसलिए इसके अधिक सेवन से पेट संबंधी समस्याएं होती हैं और कई बार पेट फूलने और पेट में ऐंठन की समस्या होती है। जिन्हें एलर्जी की समस्या है, उन्हें रागी का सेवन करने से पहले सोचना चाहिए।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
क्या रागी खाने से नींद आती है ?
रागी का सेवन अनिद्रा की समस्या को अधिक बढ़ाता है। शरीर को आराम देने में भी यह एक अच्छा स्रोत है।
क्या रागी हर दिन खाया जा सकता है ?
रागी का सेवन गेहूं की रोटी के विकल्प के रूप में किया जा सकता है, रागी में आयरन एक अच्छा स्रोत होता है।