आम का अचार मतलब जिसके बिना भारतीय खाने की थाली अधूरी है। भारत के हर राज्य में आम के अचार को बनाने का अपना तरीका है, लेकिन सभी तरीके में स्वाद भरपूर होता है। आम के अचार की आसान और सबसे लोकप्रिय रेसिपी के साथ- साथ आम के अचार के रख रखाव से उससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों को आइए जानते हैं।
आम का अचार बनाने के लिए सामग्री
ढाई किलो कच्चे आम, 250 ग्राम सरसों के दाने,100 ग्राम मेथी दाना, 300 ग्राम नमक, 100 ग्राम मोटी वाली सौंफ, 60 ग्राम कलौंजी, 50 ग्राम लाल मिर्च हल्का कुटा हुआ, 100 ग्राम हल्दी पाउडर,2 छोटे चम्मच हींग, एक से डेढ़ लीटर सरसों का तेल।
आम का अचार बनाने की विधि
-सबसे पहले आम को अच्छी तरह से धोकर पोंछ लें।
- फिर उसके ऊपर के हिस्से को पहले काट लीजिए, उसके बाद उसके बीच की गुठली को हटाकर अपनी पसंद की साइज में काट लीजिए।
- एक बड़े कांच या स्टील के बर्तन में कटे हुए आमों में एक बड़ा चम्मच नमक और एक बड़ा चम्मच हल्दी मिलाकर कुछ घंटों के लिए धूप में रख देंगे या आप इसे पंखे के नीचे भी छोड़ सकती हैं, ताकि इसमें थोड़ी नमी न रहे। नमी होने पर अचार जल्दी खराब हो जाते हैं। सबसे बेहतरीन विकल्प धूप ही है।
- अब बारी मसालों की है। मेथी दानों और सौंफ को हल्के आंच पर रोस्ट कर लीजिए। उसमें धनिया और काले सरसों को भी हल्का गर्म कर देंगे और उसे एक कटोरी में निकाल लीजिए।
- उसके बाद कड़ाही में कलौंजी को भून कर उसे अलग रख देंगे, क्योंकि अचार में हम इसे साबूत ही इस्तेमाल करेंगे।
- रोस्ट हुए मेथी, सौंफ और काले सरसों को दरदरा मिक्सर में पीस लेंगे।
-अब एक बड़े बर्तन में पीसे हुए दरदरे मसाले, कलौंजी, नमक, हल्दी, लालमिर्च, हींग सारे मसाले को मिक्स करके उसमें आधा लीटर से थोड़ा अधिक सरसों का तेल मिला देंगे अब उसमें कच्चे आम को अच्छे से मिक्स कर देंगे। इसे कुछ घंटे के लिए ऐसे छोड़ देंगे।
- कुछ घंटों बाद एक बरनी को अच्छे से धोकर सूखा लेने के बाद इसमें बचा हुआ सरसों का तेल डाल लेंगे और उसमें मसाले लगे अचार को भर देंगे।
- इस बात का ध्यान रखेंगे कि पूरा अचार तेल में अच्छी तरह से भीगा हो।
अचार को सर्व करें इन डिशेज के साथ
अचार के बिना भारतीय खाना अधूरा है। यही वजह है कि यह हर खाने की जरूरत है। भारतीय घरों में तो रोटी या पराठे के साथ ही अचार को खाने की परपरा रही है। आइए जानते हैं कि और किन डिशेज के स्वाद को अचार बढ़ा सकता है।
दाल चावल
यह हर भारतीय का कम्फर्ट फूड है, जो आए दिन हमारे किचन में बनता रहता है। इस कम्फर्ट फूड को स्वादिष्ट अचार के साथ और भी बनाया जा सकता है।
खिचड़ी
दाल, चावल और सब्जियों से बनी खिचड़ी स्वाद के साथ-साथ सेहत से भी भरपूर होती है। आयुर्वेद भी इस बात को मानता है और सलाह देता है कि हफ्ते में एक बार खिचड़ी जरूर खानी चाहिए और खिचड़ी की सबसे खास यारी अचार के साथ है। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है।
पोहा
प्याज का पोहा हो या आलू का पोहा, यह आम के अचार के बिना अधूरा है। पोहे का असल स्वाद तभी आता है, जब पोहे के प्लेट में आम का अचार भी साथ हो।
मठरी
मठरी उत्तर और पश्चिम भारत का एक लोकप्रिय स्नैक है। चाय के साथ मठरी की संगत सभी को पसंद हैं। इस बार मठरी का लुत्फ़ अचार के साथ लें, जो बेसन से बनी मठरी के स्वाद को और बढ़ा जाएगा।
दही चावल
दही चावल के साथ अचार का मेल एक ऐसी चीज है जिस पर आप हमेशा भरोसा कर सकती हैं। चाहे वह ज्यादा कुछ न बनाने वाला आलस्य का दिन हो या फिर पेट को ज्यादा कुछ न खिलाने की हिदायत का दिन। दही चावल के साथ अचार स्वाद के साथ साथ सेहत को भी बढ़ाता है।
अचार से जुड़ी दिलचस्प बातें
- इतिहासकारों की मानें तो अचार की खोज आज से तीन हजार पहले टिगरिश की घाटियों में हुआ था। यहां के लोग खीरे का अचार बनाकर खाते थे।
- मोहनजोदड़ो की सभ्यता में भी अचार का जिक्र है। वे लोग काफी समय तक खाने को सुरक्षित रखने के लिए नमक और तेल में डुबोकर रखते थे ताकि वह लंबे समय तक खाने के लायक बना रहे, जो अचार बनाने की रेसिपी की तरह ही है।
- अचार और उससे जुड़े मसालों की वजह से आम धारणा यह है कि अचार भारतीय फूड है, लेकिन अचार पूरे विश्व के फूड कल्चर का अहम हिस्सा है। इसका नाम भी विदेश से ही आया है। अचार शब्द देशी नहीं, बल्कि पुर्तगाली शब्द है।
- भारत में अचार से जुड़ी कहानी का प्रमाण 1594 ई में गुरलिंगा देसिका के पाठ लिंगपुराण में मिलता है।
- फूड एक्सपर्ट्स की मानें तो, आम के अचार की शुरुआत आंध्र प्रदेश के डेल्टा डिस्ट्रिक्ट से हुई थी, जिन्हें वहां की लोकल भाषा में अवकाया कहा जाता था।
स्वाद भी स्वास्थ्य भी
आम का अचार पाचन तंत्र को दुरुस्त करता ही है, क्योंकि आम के अचार में प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया होता है, जो गुड बैक्टीरिया माना जाता है।
- आम के अचार में आयरन और कैल्शियम होता है, जिससे शरीर में खून की कमी को भी दूर किया जा सकता है।
- अचार में शामिल हींग पेट दर्द से लेकर एसिडिटी की समस्या में भी फायदेमंद हो सकता है।
- अचार में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होता है, क्योंकि अचार आम को पका कर नहीं, बल्कि कच्चा बनाया जाता है, जो दिल को मजबूत बनाये रखने में मदद करता है।
- आम में विटामिन सी होता है, जो बाल और त्वचा दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है।
- आम के अचार में मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को मेंटेन रखने में मददगार है।
- आम में ल्यूटिन, जेक्सैंथिन और विटामिन ए होता है, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। यह उम्र से संबंधित नेत्र रोगों को रोकने में भी सहायक हो सकते हैं।
- आम का अचार खाने से खराब बैक्टीरिया पेट को संक्रमित नहीं करते हैं।
आम का अचार इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मददगार पाया गया है। आम में भी विटामिन, कॉपर, फोलेट और विटामिन ई जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यून बूस्टर की तरह काम करते हैं।
- स्टडीज से यह बात भी सामने आयी है कि अचार हमारे नर्वस सिस्टम और मेन्टल हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
जानें अचार के रख रखाव का तरीका
अचार को बनाने का काम बहुत मेहनत का होता है। ज्यादातर घरों में एक साथ ढेर सारा अचार बना लिया जाता है। थोड़ी सी लापरवाही से आपकी सारी मेहनत खराब हो सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं, इनके रख रखाव के कुछ तरीकों के बारें में, जिससे अचार को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
- अचार को रखने के लिए कांच, मिट्टी या चीनी मिट्टी के बर्तन का ही इस्तेमाल करें। प्लास्टिक या धातु के बर्तन को इस्तेमाल में न लाएं।
- अचार को इस बर्तन में रखने के पहले उसे अच्छे से साबुन और पानी की मदद से धो लेना चाहिए। आप चाहें तो इसके लिए गुनगुने पानी से भी धो सकती हैं और पूरी तरह से सूख जाने के बाद ही उस बर्तन में आम के अचार को भरें।
- शुरुआत के कुछ हफ्ते कम से कम छह से सात दिन इसे कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन के ऊपर मलमल का कपड़ा बांधकर अचार को धूप दिखाएं।हर दिन कम से कम चार से पांच घंटे धूप दिखाएं।
- धूप में रखने के साथ-साथ अचार को चम्मच से ऊपर नीचे भी तीन से चार बार करें, जिससे पूरे अचार को अच्छी तरह से धूप मिल सके और साथ ही मसाले भी आपस में मिक्स हो जाएं।
- धूप दिखाने के बाद कपड़ा हटाकर बरनी का ढक्क्न अच्छी तरह से बंद कर दें , ताकि उसमें हवा न जाएं उसे वातानुकूलित जगह पर रख दें ।
- अचार को पानी से हमेशा बचाकर रखें, साथ ही यह भी कोशिश करें कि इसे नमी वाली जगह से भी दूर रखें। वरना यह जल्दी खराब हो सकते हैं।
- अचार को निकालने के लिए हमेशा साफ और सूखे हुए चम्मच से ही निकालें। हाथों का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें, इसके साथ ही चम्मच को कभी भी अचार की बरनी में ना छोड़ें। अचार को निकालने के बाद उसे हटा लें।
- अगर आप अपने खाने में अचार का इस्तेमाल करती हैं, तो रोजाना इस्तेमाल के लिए एक छोटी सी बरनी में थोड़े मात्रा में अचार निकाल लें, इससे यह जल्दी खराब नहीं होगा।
एक्सपर्ट टिप्स
शेफ रीना कहती हैं :
-आम का अचार बनाते हुए हमेशा ऐसे कच्चे आमों का चुनाव करें , जो बिना दाग-धब्बे वाले हो। इसके साथ ही वह मोटे छिलके वाला और खट्टा हो, इससे अचार बहुत टेस्टी बनता है।
अचार बनाते हुए मसालों के साथ-साथ उसके तेल का भी ध्यान रखना जरूरी है। अच्छी मात्रा में तेल मिलाने से यह अचार के स्वाद को बढ़ा देता है। सरसों का तेल आम के अचार के लिए पहली पसंद है।
- अगर आपको अचार बन जाने के बाद उसमें तेल की कमी लग रही है, तो आप सरसों के तेल को पहले गरम कर लें, फिर ठंडा होने के बाद उसे अचार की बरनी में डाल सकती हैं।
- अचार के मसालों के लिए अगर आप बाजार के बजाय घर के बने मसालों का इस्तेमाल करेंगी, तो अचार लंबे समय तक खराब नहीं होगा, बल्कि स्वाद भी भरपूर देगा।
- मसालों को पीसने से पहले उन्हें कुछ घंटे के लिए धूप में रख देना चाहिए, जिससे मसालों से अतिरिक्त नमी न रह जाए।
- नमक को हल्का भुनने के बाद अचार में डालेंगी, तो अचार काफी सालों तक खराब नहीं होंगे। इसके साथ ही नमक का इस्तेमाल सही मात्रा में करें, क्योंकि यह एक प्रिजर्वेटिव की तरह काम करता है।
-अचार को स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए आप रेगुलर नमक के बजाय काला नमक और सेंधा नमक का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
तो मौजूदा समय में बाजार में आम के अचार की वेरायटी आपको आसानी से मिल जाएगी, लेकिन हमारी दादी -नानी से लेकर मौजूदा दौर की डायटीशियन भी इस बात को मानती हैं कि घर के बने हुए अचार से अच्छी सेहत भी जुड़े होते हैं, तो आम के अचार की इस रेसिपी के साथ घर पर ही आम का अचार बनाएं और पूरे साल अपने खाने के जायके को आम के अचार के साथ बढ़ाते हुए अपने स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचा सकती हैं।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
क्या अचार को फ्रीज में रख सकते हैं?
अचार को फ्रीज में रखने से यह जल्दी खराब हो सकते हैं। अचार को हमेशा रूम टेम्प्रेचर में ही रखें, इससे अचार सालों साल चलते है।
कैसे मालूम हो सकता है कि अचार खाने के लायक हो गया है?
आप देखेंगी तेल अचार से एक इंच तक ऊपर आ गया है, और अचार थोड़ा नरम हो गया है, तो यह खाने लायक हो गया है।
क्या अचार हर दिन खा सकते हैं?
हां, अगर आप संतुलित मात्रा में इसे अपने खान-पान में शामिल करती हैं।
अचार खाने का सही समय क्या है ?
एक्सपर्ट्स की मानें ,तो रात को अचार खाने से बचना चाहिए। सुबह अचार खाना सबसे बेहतर समय होता है।
किन लोगों को अचार नहीं खाना चाहिए?
स्ट्रोक और दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को अचार का सेवन नहीं करना चाहिए।