लोहड़ी, मकर संक्रांति, बिहू और पोंगल में कई स्वादिष्ट डिश बनाये जाते हैं। खिचड़ी से लेकर पिट्ठे बनाये जाते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
दही-चूड़ा
दही-चूड़ा बहुत ही चाव से बिहार में मकर संक्रांति के दिन खाया जाता है, ऐसे से तो दही-चूड़ा हमेशा ही खाया जाता है और पूरे साल ही इसे खाया जाता है। लेकिन संक्रांति में मुख्य रूप से इसे खाना पसंद किया जाता है। इस समय दरअसल, धान के फसल की कटाई होती है। उसी चावल तैयार होता है, उससे चूड़ा बनता है और इसलिए खाया जाता है, गुड़ को भी ठंड में खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, बस इसलिए इस समय दही-चूड़ा लोग खाते हैं। यह एक तरह से फसलों की कटाई का समय माना जाता है और प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए दही-चूड़ा खासतौर से खाया जाता है।
खिचड़ी
बिहार-झारखण्ड और उत्तर प्रदेश की बात करें, तो खिचड़ी स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी चीज मानी जाती है, कई तरह के दाल और चावल को मिला कर खिचड़ी तैयार की जाती है और इसे शौक से कई तरह के चोखे के साथ खाया जाता है। इस दिन खिचड़ी में आलू, गोभी और मटर भी डाले जाते हैं और खूब खाये जाते हैं। खिचड़ी में घी भी इस दिन जरूर खाई जाती है। इसे बेहद स्वाद से बनाया जाता है और खाया जाता है। बता दें कि बिहार में मकर संक्रांति को साल का पहला पर्व माना जाता है।
तिलकुट
मकर संक्रांति की अगर बात की जाए, तो तिलकुट एक ऐसी चीज है, जो तिल और गुड़ से बनाई जाती है और इस पर्व में दही-चूड़े के साथ जरूर खाई जाती है, यह काफी स्वादिष्ट लगती है, यह बिहार की पसंदीदा मिठाई है, जिसे खाकर लोग बहुत एन्जॉय करते हैं। गया का तिलकुट सबसे अधिक लोकप्रिय होता है। ठंड के दिनों में तिल शरीर को ठंडक भी देती है, इसलिए भी तिलकूट जरूर खाई जानी चाहिए। तिलकुट बनाने के लिए, एक कड़ाही में तिल डाल कर, हल्का कलर होने तक भूनना जरूरी है। इसमें फिर भूने हुए तिल में से एक चौथाई कप तिल निकाल कर, बाकी तिल को मिक्सर जार में डाल कर पीस लेना है और एक बड़े बर्तन में निकाल लेना है। अब इस तरह गुड़ को मिक्सर जार में डाल कर बारीक पीस लेना है। अब गुड और तिल को एक साथ मिला लेना है। फिर इसमें घी डाल कर सभी चीजों को अच्छे से मिला लेना है। इसके बाद, दोनों हाथ पर थोड़ा सा घी लगा लेना है और फिर मिश्रण लेकर उन्हें गोल आकार दे दें। बस ये तैयार हैं।
तिल और मूंगफली की चिक्की
महाराष्ट्र में तिल और मूंगफली की चिक्की खूब बनती है। इस दिन बड़े ही शौक से इसे खाया जाता है। तिल को गुड़ के साथ अच्छे से मिक्स करके और मूंगफली को भी मिक्स करके चिक्की तैयार की जाती है। आपको इसे बनाने के लिए सबसे पहले कड़ाही में घी गर्म कर लेना होता है और फिर इसमें तिल मिलाकर मध्यम आंच पर चलाते हुए हल्का ब्राउन होने तक भूनना होता है। फिर इसमें गुड़ का चूरा, सूखा नारियल और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाकर गैस बंद कर दें। और याद रहे कि जब मिश्रण हल्का गर्म रहे, तभी चिक्की बना लेनी चाहिए।
लाई
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में बड़े ही शौक से मुढ़ी, चावल, चूड़ा और तिल की लाई बनाई जाती है, इन चीजों को अच्छे से भूनने के बाद, उसमें गुड़ डाल कर गर्म रहने पर भी लाई को हाथों से लड्डू के आकार देना होता है, मकर संक्रांति के दिन गरीबों के बीच भी इसे बांटा जाता है और बहुत शौक से खाया जाता है।
गुड़ की खीर
गुड़ की खीर एक ऐसी चीज होती है, जिसे लोग शौक से खाते हैं और इसे खाने की सबसे खास अहमियत हो जाती है लोहड़ी में। लोहड़ी के दिन इसे विशेष रूप से बनाया जाता है और खाया जाता है। इस दिन चावल और गुड़ के साथ ही खीर बनाई जाती है और स्वीट डिश के रूप में पूरे परिवार के साथ एन्जॉय भी किया जाता है।
मक्के की रोटी और सरसों का साग
मक्के की रोटी एक टेस्टी आयटम है, जिसे ठंड के मौसम में सरसों के साग के साथ खाना पसंद किया जाता है। इसलिए आपको भी मक्के की रोटी और सरसों का साग खाना चाहिए, लोहड़ी के लिए यह बहुत ही अच्छा आयटम होता है। यह त्यौहार फसल और प्रकृति पर्व ही माना जाता है, इसलिए इसे खाना भी बेहद अच्छा होता है। मक्के की रोटी टेस्टी लगती है और सरसों का साग भी काफी सेहत के लिए अच्छा होता है।
रेवड़ी
रेवड़ी एक ऐसी चीज है, जो सेहत के लिए अच्छी तो होती ही है, इनके बिना आपकी लोहड़ी कभी भी पूरी नहीं हो सकती है। इसे भी तिल से बनाया जाता है और स्नैक्स के रूप में इसे खाना सभी पसंद करते हैं। रेवड़ी बनाने के लिए सबसे पहले सफेद तिल को साफ कर लेना है। अब इसके बाद आपको एक कड़ाही में तिल डालकर उसे धीमी आंच पर सेंक लेना है, फिर तिल को हल्का गुलाबी होने तक भून लेना है, इस बात का खास ध्यान रखें कि तिल को भूनने के दौरान लगातार इसे चलाती रहें, नहीं तो आपका तिल अगर जला तो स्वाद में यह खराब लगेगा। सेंकने के बाद तिल को एक बर्तन में निकालकर अलग रख लेना है, फिर कड़ाही में देसी घी डालकर गर्म करके घी पिघलने के बाद, उसमें कुटा हुआ गुड़ डाल कर अच्छे से कड़ाही में चलाएं। फिर इसे रेवड़ी का शेप दे दें। आपकी रेवड़ी तैयार है।
गजक
मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस पर्व के दौरान गजक खाये जाते हैं। इसे बनाने में भी काफी मेहनत लगती है, लेकिन इसे खाने में बहुत मजा आता है। गजक बनाने के लिए एक कड़ाही में तिल डाल लेना है और लगातार उसे धीमी आंच पर भूनते रहना है। जब तिल अच्छे से भून जाए, तो इन्हें प्लेट में इन्हें निकाल कर ठंडा कर लेना है। फिर इसे अच्छे से पीस लेना है। जब तिल अच्छी तरह भुन जाएं तो इन्हें एक प्लेट में निकाल कर ठंडा कर लें। अब कड़ाही में गुड़, पानी और थोड़ा सा घी डालकर आंच पर पका कर चाशनी तैयार कर लेना है। अब एक प्लेट में थोड़ा-सा घी डालकर बेलन की सहायता से जितना पतला हो सके उतना पतला मिश्रण बेल लें और चाकू की मदद से इसके पीस काट लें। बस आपके लिए स्वादिष्ट गजक तैयार है।
पोंगल
पोंगल त्यौहार के रूप में तमिलनाडु में मनाया जाता है और डिश के रूप में भी पोंगल बनाई जाती है। यह चावल की एक रेसिपी होती है। चावल, पीली मूंग दाल,घी, जीरा, अदरक, काली मिर्च और करी पत्ते से बनाया जाता है। इसे वेन पोंगल डिश भी कहा जाता है। तमिल में वेन का मतलब है सफेद और पोंगल का अर्थ है बुलबुला और उमड़ना, यह चावल दाल से बनने वाली डिश का ही एक रूप है। इसे कई जगहों पर खारा पोंगल भी कहा जाता है। सबसे पहले दाल और चावल को कुछ देर के लिए भीगो देना है। फिर राई-हींग, हल्दी और अदरक डाल कर भून लेना है। फिर इसमें मूंग दाल डाल कर इसे अच्छे से पका लेना है और फिर इसमें चावल और पानी डालना है। फिर नमक, काजू और बाकी चीजें डाल कर कुकर में सीटी लगा लें। फिर पकने के बाद परोसें। इसे मीठे चावल और गुड़ के साथ भी बनाया जाता है, इसकी रेसिपी गुड़ की खीर जैसी ही होती है।