होली साल का सबसे पहला और बड़ा त्योहार बनकर आती है। होली भारत का एक बेहद रंगीन और उमंग से भरा हुआ त्योहार है। होली के रंग जीवन में रिश्तों की मिठास घोलती है, तो वहीं खाने की थाली में भी स्वाद का रंग भर देती है। क्या आप जानती हैं कि होली के दौरान अलग-अलग शहरों में कई तरह की खाने की स्वाद भरी डिश बनाई जाती है। कहीं पर मीठा का स्वाद,तो कहीं पर नमकीन चटकारा लेते हुए होली के रंग में स्वाद का आनंद भर सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
दिल्ली की गुजिया की रेसिपी

होली के मौके पर दिल्ली की गुजिया एक खास मिठाई होती है, जो इस त्योहार की पहचान बन चुकी है। यह मिठाई खासतौर पर खोया, सूजी और नारियल से बनाई जाती है और इसे खासतौर पर चीनी या फिर शक्कर की चाशनी में डुबोकर परोसा जाता है। गुजिया की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह स्वाद से भरपूर होने के बाद काफी खस्ता बन जाती है। गुजिया बनाने की प्रक्रिया में खोया,नारियल, सूखे मेवे और खसखस का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस स्वाद से भरी रेसिपी को बनाने के लिए सबसे पहले, एक बर्तन में मैदा और नमक डालें। अब इसमें घी डालकर अच्छी तरह मिला लें। यह मिश्रण मोइयां जैसा होना चाहिए। धीरे-धीरे पानी डालते हुए आटे को गूंध लें। आटा न तो बहुत सख्त होना चाहिए और न ही बहुत नरम। इसे एक कपड़े से ढककर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। गुजिया की फीलिंग बनाने के लिए एक कढ़ाई में सूजी को हल्का सा भून लें, फिर इसे एक प्लेट में निकालकर अलग रख लें। उसी कढ़ाई में मावा (खोया) डालकर हल्का सा भून लें, जब तक वह हल्का सुनहरा न हो जाए। अब उसमें सूजी, नारियल का बुरादा, कटे हुए ड्राई फ्रूट्स, किशमिश, इलायची पाउडर और चीनी डालकर अच्छे से मिला लें। आप इसमें गुलाब जल भी मिला सकती हैें और इसे ठंडा होने के रख दें। इसके बाद मेदे के आटे से रोटी का आकार बनाएं और अब इसमें एक चम्मच तैयार फिलिंग डालें और फिर किनारों को अच्छे से मोड़कर सील कर दें। आप सील करने के लिए किनारों को हल्का सा पानी लगा सकते हैं। इसे आप गुजिया का आकार दें। एक कढ़ाई में घी या तेल गर्म करें और जब तेल या घी अच्छी तरह से गर्म हो जाए, तो इसमें गुजिया डालें। आप इस गुजिया को मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक क्रिस्पी होने तक तल लें। आप इस गुजिया के ठंडा होने पर इसे चाशनी में मिला लें। इस तरह से आप इस होली दिल्ली की गुजिया बना सकती हैं।
वाराणसी की ठंडाई

वाराणसी की ठंडाई होली की शान है। ठंडाई को बनाने के लिए दूध, शक्कर, बादाम,पिस्ता, इलायची और केसर के साथ कई जगहों पर भांग भी मिलाया जाता है। ठंडाई होली की सबसे खास डिश होती है। यह ड्रिंक ठंडी, मीठी और मसालेदार होती है, और इसे दूध, ड्राई फ्रूट्स, और मसालों के साथ तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले आपको ठंडाई का पेस्ट तैयार करना है। इसके लिए सबसे पहले, बादाम, पिस्ता, खसखस, लौंग और इलायची को एक मिक्सर या ग्राइंडर में डालें। इसके बाद इस सभी के साथ दूध मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट के गाढ़ा होने जैसा तैयार करें। अब एक गहरे बर्तन में ठंडा दूध डालें और उसमें चीनी डालकर अच्छे से मिला लें, ताकि चीनी पूरी तरह से घुल जाए। फिर इस दूध में तैयार किया हुआ पेस्ट डालें और अच्छे से मिलाकर शेक करें, ताकि पेस्ट और दूध अच्छे से मिक्स हो जाए। अगर आप गुलाब जल या ताजे गुलाब की पत्तियां डालना चाहते हैं, तो अब डाल सकते हैं। यह ठंडाई को एक खास खुशबू और स्वाद देता है। इसके बाद आपको तैयार की गई ठंडाई को फ्रिज में 2 घंटे के लिए रख देना है। आपको अगर इसे जल्दी सर्व करना है, तो आप इस ठंडाई में बर्फ भी मिला सकती हैं।
जयपुर में होली की शान दाल बाटी चुरमा

जयपुर और राजस्थान में होली के समय पारंपरिक राजस्थानी पकवान दाल बाटी चुरमा बनाया जाता है। दाल बाटी चुरमा तीन मुख्य भागों में बंटा होता है: दाल, बाटी और चुरमा। इसे बनाने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन इसका स्वाद लाजवाब होता है। सबसे पहले दाल बनाना पड़ता है और इसके लिए सबसे पहले तुअर दाल और मसूर दाल को अच्छे से साफ करके प्रेशर कुकर में डालें। इसके बाद हल्दी,हरी मिर्च, टमाटर और 2 कप पानी डालकर 3 से 4 सीटी तक उबाल लें। एक कढ़ाई में घी गरम करें, उसमें जीरा डालें और फिर अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर उसे भून लें। अब इसमें धनिया पाउडर, गरम मसाला, लाल मिर्च पाउडर डालकर मसाला भूनें। उबली हुई दाल को कढ़ाई में डालें और अच्छे से मिला लें। दाल को मध्यम आंच पर 10-15 मिनट तक पकने दें, ताकि मसाले दाल में अच्छे से घुल जाएं। अंत में इस दाल में नमक और अमचूर पाउडर डालकर 2 से 3 मिनट के लिए अच्छी तरह से पकाएं। इस तरह से आप अपने लिए मसालेदार दाल तैयार कर लेती हैं। इसके बाद आपको बाटी तैयार करनी होती है। बाटी तैयार करने के लिए सबसे पहले गेहूं का आटा, सूजी, बेकिंग सोडा, और नमक को एक बर्तन में छान लें। अब इसमें घी डालें और अच्छे से मिला लें। धीरे-धीरे पानी डालते हुए आटा गूंध लें, आटा नरम और मीडियम सख्त होना चाहिए। इस आटे को आपको 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रखना है। एक कढ़ाई में पानी उबालें और उसमें बाटियां डालकर 10-15 मिनट उबालें। आप इस बाटी को बाटी वाले बर्तन में रखकर भी पका सकती हैं। आटे से चुरमा बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं का आटा और सूजी मिला लें। इसमें 1 टेबल स्पून घी डालें और अच्छे से मिला लें। आटे में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए नरम आटा गूंध लें। आटे से छोटे-छोटे गोले बनाकर उसे बेलन से बेल लें। इन बेलन से बने आट के गोलों को घी में अच्छे से तलें, ताकि ये कुरकुरी हो जाएं। तले हुए चुरमा को बारीक क्रम्बल करके एक बर्तन में निकाल लें। अब इसमें चीनी, इलायची पाउडर और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालें। अच्छे से मिला लें। इस तरह से आपका चुरमा तैयार हो जाता है।
उत्तर प्रदेश में होली के दिन दही वड़ा

उत्तर प्रदेश में होली के दिन दही वड़ा एक खास और पारंपरिक व्यंजन है, जो इस त्योहार की मिठास और उल्लास को बढ़ाता है। यह हल्का, स्वादिष्ट और ताजगी देने वाला होता है, और होली के रंगों के बीच इसकी महक और स्वाद लोगों को बहुत आकर्षित करता है। आपको इसके लिए सबसे पहले वड़े बनाने होंगे। सबसे पहले उरद दाल को 4-5 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। फिर पानी निकालकर दाल को अच्छे से पीस लें। दाल को पीसते समय थोड़ा सा पानी डालें ताकि दाल का घोल मुलायम हो। इस पीसे हुए घोल में जीरा, हरी मिर्च, अदरक, हींग, हरा धनिया और नमक डालकर अच्छे से मिक्स करें। अब अपने हाथों से वड़े का आकार बनाकर, गर्म तेल में डालें और गोल्डन ब्राउन होने तक तलें। जब वड़े तले जाएं, तो उन्हें तेल से निकालकर गर्म पानी में डाल दें। वड़ों को 5-10 मिनट तक पानी में छोड़ने से ये सॉफ्ट हो जाएंगे। फिर इन वड़ों को पानी से निकालकर अच्छे से निचोड़ लें। इसके बाद आपको दही को तैयार करना है। सबसे पहले दही को एक बर्तन में डालकर अच्छे से फेट लें और फिर थोड़ा पानी डालकर दही को पतला करें। इसके बाद चीनी, भुना हुआ जीरा पाउडर, काला नमक और चाट मसाला डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अब तले हुए वड़ों को तैयार दही में डालें और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें, ताकि वड़े दही में अच्छे से सोख लें।फिर ऊपर से भुना जीरा पाउडर, काला नमक, लाल मिर्च पाउडर, हरी चटनी और हरे धनिए से गार्निश करें।
पटना की मठरी और ठंडाई की रेसिपी

पटना की मठरी और ठंडाई भी एक खास रेसिपी है, जो कि होली के दिन तैयार की जाती है। पटना में होली पर मठरी और ठंडाई खास पकवान होते हैं। मठरी एक कुरकुरी और तली हुई डिश है, जो मसालों से भरपूर होती है और मिठास में भी होती है। इसे विभिन्न तरह के मसालों और आटे के साथ तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले, एक बड़े बर्तन में मैदा, सूजी, बेकिंग पाउडर, अजवाइन, और जीरा डालें। इन सभी सामग्री को अच्छे से मिला लें।इसमें घी डालकर अच्छे से मिला लें, ताकि आटे में घी पूरी तरह से घुल जाए और यह रेशमी हो जाए। इसमें धीरे-धीरे पानी डालते हुए आटा गूंध लें। आटा थोड़ा सख्त होना चाहिए। इस आटे को आपको 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रखना है। आपके फिर आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाना है और फिर इस लोई को बेलन से बेल लें और मठरी के छोटे-छोटे गोल आकार बना लें। एक पैन में घी या तेल गर्म करें और जब तेल गर्म हो जाए, तो उसमें मठरी डालें और धीमी आंच पर गोल्डन और क्रिस्पी होने तक भूनें। तली हुई मठरी को निकालकर पेपर नैपकिन पर रखें, इससे अधिक तेल निकल जाता है।
पटना की ठंडाई बनाने की रेसिपी
पटना की इस होली स्पेशल ठंडाई को बनाने की भी एक खास रेसिपी है। सबसे पहले, बादाम, पिस्ता, खसखस और मखाने को एक साथ पीसकर पेस्ट बना लें। आप इसमें थोड़ा दूध डालकर पेस्ट को मुलायम बना सकते हैं। अब एक बर्तन में ठंडा दूध डालें और उसमें चीनी मिलाकर अच्छे से फेंट लें, ताकि चीनी पूरी तरह से घुल जाए। इस दूध में तैयार किया हुआ पेस्ट डालें और अच्छे से मिला लें। इसके बाद आपको इसमें इलायची पाउडर मिलाना है। आप इसमें गुलाब जल भी मिला सकती हैं। इस ठंडाई को आपको एक या दो घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। आप इस ठंडाई का सेवन कर सकती हैं।