हेल्थ एंड वेलनेस : सात्विक डायट से खुद को बनाएं सेहतमंद
हमारी जो लाइफस्टाइल इन दिनों है, उसमें इंटरनेट पर इस कदर डायट ऑप्शंस और लोगों के सलाह पड़े हुए हैं कि क्या आजमाया जाये, क्या नहीं यह समझ नहीं आता है, ऐसे में सात्विक आहार को लेकर भी लोगों के मन में काफी गलतफहमियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है, इन दिनों यह डायट ट्रेंड में है, लेकिन इसके बारे में सही जानकारी जरूरी है. तो आइये जानें, इसके बारे में विस्तार से.
सात्विक आहार का मतलब
योग और आयुर्वेद के अनुसार फ़ूड तीन तरह के होते है. राजसिक, तामसिक और सात्विक.राजसिक मसालेदार खाने को कहते हैं. तामसिक नॉन वेज खाने से सम्बंधित है, जबकि सात्विक आहार शुद्ध शाकाहारी
और कम मसाले वाला खाना होता है, जिसे आयुर्वेद में सबसे बेस्ट फ़ूड माना गया है, क्योंकि राजसिक फ़ूड को डाइजेस्ट करने में परेशानी रहती है और तामसिक फ़ूड शरीर को आलसी बनाता है,जबकि सात्विक आसानी से पच जाता है. और इस वजह से आयुर्वेद में इसे हेल्थी माइंड और हेल्थी बॉडी बनाने वाला फ़ूड माना जाता है.
क्या-क्या है सात्विक आहार में शामिल
सात्विक खाने में फ्रूट्स, ड्राय फ्रूट्स, नट्स, हरी सब्जियां,अनाज ,दालेंऔर डेयरी प्रोडक्ट शामिल है. सात्विक में लहसुन,प्याज और मशरूम जैसी चीजों को शामिल नहीं किया गया है. ताज़ा पका हुआ भोजन सात्विक माना जाता ,है लेकिन वह स्टीम या हल्के मसाले में हल्का भुना हुआ हो. सात्विक फ़ूड को बनाने का ही नहीं, खाने का भी तरीका अलग होता है. इसमें आपको जमीन पर बैठकर, धीरे-धीरे चबाकर खाना, खाना होता है.
हेल्थी भी हार्टी भी
हम लेडीज, वेटलॉस के लिए कितनी डायट और नुस्खे ढूंढ़ती रहती हैं, लेकिन सबसे कारगर उपाय सात्विक फ़ूड में है. यह डायट हमें, सिर्फ छरहरी नहीं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी दूर रख सकता है. एक सर्वे के मुताबिक 29 प्रतिशत महिलाओं की दिल की बीमारी के कारण मौत हो जाती है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता बताते हैं कि हृदय रोग की वजह से सिर्फ, असमय मृत्यु ही नहीं महिला,एं कई बार विकलांगता का भी शिकार हो जाती हैं. जानकारों की मानें तो हार्ट अटैक ज्यादातर शरीर में, उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर के कारण होता है. सात्विक फ़ूड में कम कोलेस्ट्रॉल और तेल होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को आर्टरीज में जमा नहीं होने देता. साथ ही फल और सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन से भरपूर होती हैं , जो दिल को हर्टी और हेल्थी रखती हैं. हार्ट अटैक के अलावा सात्विक भोजन डायबिटीज,किडनी,लीवर, पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियों को कम करने में भी कारगर है.
पाएं खूबसूरत त्वचा और घने बाल भी
महंगे कॉस्मेटिक्स ट्रीटमेंट से लेकर ढेर सारे मेकअप प्रोडक्ट्स, आप सबकुछ अपनी त्वचा पर आज़मा चुकी हैं और फिर भी आपकी त्वचा अच्छी नहीं दिख रही है, तो सात्विक फ़ूड आपके लिए, वह वंडर कर सकता है, जो आप काफी समय से अपने चेहरे में देखना चाहती थी. वैसे भी एक्सपर्ट की मानें तो, वे भी यही कहते हैं कि हम जो खाते ,हैं असल में हमारी त्वचा पर सबसे ज़्यादा असर उसी का होता है. केमिकल क्रीम और ट्रीटमेंट कुछ समय के लिए मदद कर सकती है, लेकिन समस्या को स्थायी रूप से खत्म करना है, तो सात्विक फ़ूड को जीवनशैली में शामिल कर लीजिए. हेल्थी,ब्यूटीफुल और ग्लोइंग स्किन के लिए सीड्स, तेल, फल, सब्जियां और सूखे मेवे सभी अच्छे हैं. यह ऐसी सम्पूर्ण डाइट है, जो आपके शरीर में सभी खोए हुए हेल्थी न्यूट्रिशन की पूरा करती है, जिससे आपकी त्वचा की बनावट में सुधार होने के साथ-साथ, बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है. आयुर्वेद में यह बात लिखी भी है कि जितना अधिक आप नेचुरल चीजों को खाती हैं . आप उतनी ही सुंदर होती हैं, इसलिए सात्विक को अपने खान-पान में शामिल कर लें.
मूड को भी कर दे चिल
यह बात हमारे सभी शास्त्रों में लिखी हुई है कि हमारे ज़्यादातर ऋषियों,मुनियों और योगियों ने अपनी ज़िंदगी में सात्विक भोजन को ही अपनाया था , क्योंकि यह मन को शांति और संतुष्टि देता है. गौर करें तो इसकी वजह साइंटिफिक है, क्योंकि सात्विक से जुड़े ज़्यादातर फ़ूड प्रोडक्ट्स रिफ्रेश और नेचुरल
होते हैं, इसलिए कहा जाता है कि ये आपको अधिक सकारात्मक और जीवन से भरपूर बनाती हैं.अवसाद, चिंता और तनाव, चिड़चिड़ापन को भी कम करती हैं.
यह आपकी थकान को भी दूर भगाता है. हम महिलाओं की लाइफ स्टाइल इतनी हेक्टिक घर और आफिस संभालने से हो जाती है कि थकान हमारी रोजाना ज़िन्दगी का भी हिस्सा बन चुका है. सात्विक भोजन में कार्बोहाइड्रेट भले ही कम हो, लेकिन एनर्जी का बहुत ही अच्छा सोर्स माना जाता है, जिस वजह से सात्विक फ़ूड ना सिर्फ आपकी थकान को दूर करता है बल्कि पीसफुल और हेल्थी माइंड भी देगा.
सात्विक डायट को कुछ इसी तरह से कर सकते हैं फॉलो
न्यूट्रिशियन सुधा अरोरा ने इस सात्विक डाइट को इस तरह से बनाया है, जो आसानी से आप अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकती हैं.
दिन की शुरुआत चाय या कॉफी के बजाय 2 ग्लास पानी से कीजिए. यह बॉडी को डिटॉक्स करने में कारगर होता है.
सुबह साढ़े सात बजे फ्रेश होकर आप फल या ड्राई फ्रूट्स खा सकती हैं. फलों में केला,सेव या जो भी मौसमी फल हो वो खा सकती हैं. ड्राई फ्रूट्स में आप भीगे बादाम और अखरोट खा सकती हैं. अगर आप फलों और ड्राई फ्रूट्स से पहले नाश्ता करना चाहती हैं तो वो भी कर सकती हैं, जिसमें इडली,उपमा,पोहा आप शामिल कर सकती हैं, जिसमें घी का इस्तेमाल कीजिए. नाश्ता करने के डेढ़ से दो घंटे के बाद आप फल और सूखे मेवे खा सकती हैं.
दस बजे के करीब आप नारियल पानी पी सकती हैं या आप चाहे तो लेमन ग्रास टी भी .
11 बजे से 1 बजे के बीच आप लंच कर सकती हैं. लंच में अलग-अलग साबूत अनाज से बनी हुई चीजों का सेवन करें. गर्मियों में ज्वार और रागी का उपयोग घी के साथ कर सकती हैं. दाल के साथ मौसमी सब्जियां अपनी थाली में शामिल कीजिए. लंच में छाछ भी एक अच्छा ऑप्शन है.
शाम के 4 बजे के नाश्ते से पहले अगर आपको भूख लगे तो आप छाछ पी सकती हैं. शाम के नाश्ते में भी आप पोहे, इडली, डोसे में से अपनी पसंद से कोई एक फिर शामिल कर सकती हैं.
सात से आठ बजे के बीच 1 कटोरी सलाद, खिचड़ी,एक कटोरी हरी सब्जियां खाना सेहतमंद होगा.
रात को सोने से पहले हल्दी या केसर मिला दूध पी सकती हैं.
सात्विक डायट अपनाने से पहले ध्यान रखें
सात्विक भोजन या डायट को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, अगर आप गर्भवती हैं तो भूल कर भी अपने से यह डायट अपनाना शुरू न करें, क्योंकि आपको गर्भावस्था में कई तरह के पोषण की जरूरत होती है और कई बार सात्विक डायट में इसकी कमी हो जाती है. साथ ही आग कोई स्पेशल मेडिकल कंडीशन या कोई हार्मोनल दवाइयां खा रही हैं, तब भी इन बातों का ख्याल रखें कि डॉक्टर से सलाह करने के बाद ही, इसे खाएं.