आप वेजिटेरियन हैं, यानी शाकाहारी खाना खाते हैं, इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि आपने वीगन लाइफ़स्टाइल फ़ॉलो किया है. जी यह भ्रम दिमाग़ से निकाल दीजिए कि वेजिटेरियन का मतलब ही वीगन होता है, क्योंकि यह एक मिथक है. तो आज हम आपको यहां यह बात स्पष्ट करने जा रहे हैं कि आख़िर वीगन लाइफ़स्टाइल क्या होती है और यह कैसे वेजिटेरियन लाइफ़स्टाइल से बिल्कुल अलग है.
वीगन डायट है क्या
वीगन डायट एक ऐसी डायट है, जिसमें मुख्य रूप से सिर्फ़ फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज, ड्राइ फ्रूट्स जैसी चीज़ें ही शामिल होती हैं. दूध के बारे तो आप सोचिएगा भी नहीं. फ़र्ज़ कीजिए कि आपको कोई वेजिटेरियन डायट फ़ॉलो कर रही हैं और आप पनीर की डिश बना कर खाना पसंद करती हैं तो यह हरगिज़ वीगन नहीं हुआ, क्योंकि दूध व दूध से बनी चीज़ें इसमें बिल्कुल नहीं खाई जाती हैं. अंडा, मांस, दूध जैसी चीज़ें इस डायट में नहीं खाई जाती हैं. वीगन सोसायटी की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी. लेकिन बहुत बाद में डायट के रूप में यह चलन में आया. इस डायट में कच्चे फ़ूड पर अधिक फ़ोकस होता है. ज़्यादातर कम फ़ैट व ज़्यादा कार्ब वाले वेजिटेरियन फ़ूड आयटम इसमें शामिल होते हैं. वीगन का सीधा फंडा है, जिन चीज़ों से पर्यावरण को नुक़सान या जानवरों को परेशानी हो या फिर ये चीज़ें इस तरह से ही हासिल होती हों तो उन चीज़ो को डायट में शामिल ही नहीं करना है.
वीगन डायट को फ़ॉलो करने के लिए
वीगन डायट में होल व्हीट, रॉ फ़ूड वीगन और थ्राइव डायट ये तीन तरीक़े शामिल हैं. जहां होल व्हीट में फल, सब्ज़ियां, दाल व नट्स को शामिल किया जाता है. वहीं रॉ फ़ूड वीगन में कच्चे फल, सब्ज़ियां, नट्स और प्लांट बेस्ड फ़ूड आयटम शामिल होते हैं. और थ्राइव डायट में होल व्हीट और रॉ फ़ूड दोनों को ही शामिल किया जाता है.
वीगन के फ़ायदे और नुक़सान
कई एक्सपर्ट ऐसी डायट को सही मानते हैं. कई ग़लत. स्क्वायट के सीनियर फ़िटनेस एक्स्पर्ट और डायटीशियन उत्सव अग्रवाल का मानना है "वीगन डायट बेस्ट डायट नहीं है. क्योंकि इस डायट को फ़ॉलो करने से ऐसे कई ज़रूरी तत्व हैं, जो शरीर में नहीं पहुंच पाते हैं. ख़ासतौर से देखा गया है कि इस डायट को फ़ॉलो करने वालों में विटामिन बी 12, आयरन और प्रोटीन की कमी आती है और ज़ाहिर सी बात है कि इनकी कमी से कई तरह की बीमारियां होने लगेंगी. मैं अपने क्लाइंट को कभी किसी धोखे में रखना पसंद नहीं करता हूं, मैं उन्हें सारी जानकारी दे देता हूं. इसके बावजूद अगर वह वीगन के साथ जाना चाहते हैं तो फिर मैं कुछ नहीं कहता हूं."
एक्स्पर्ट्स का मानना है कि अत्याधिक टोफू, सोया मिल्क और ऐसी चीज़ें हॉर्मोनल परेशानी बढ़ा सकती हैं. इस डायट को करते हुए कई लोगों को ईटिंग डिस्ऑर्डर्स भी हो सकते हैं इसलिए ऐसी डायट पर लम्बे समय तक टिकना मुश्क़िलभरा हो जाता है.
फ़ायदों की बात करें तो एक्स्पर्ट्स का मानना है कि इससे तेज़ी से वज़न कम होता है. वहीं चूंकि आप कुछ भी ऐसा नहीं खा रहे हैं, जो बॉडी को नुक़सान पहुंचाए तो आपको ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी परेशानी नहीं होती है. आप ज़्यादातर समय फल, सब्ज़ियां और नट्स खाते हैं, जिसमें ऐंटीआक्सिडेंट्स व ओमेगा थ्री फ़ैटी ऐसिड्स मिलते हैं. इसलिए जिन्हें डिप्रेशन व बेचैनी की प्रॉब्लम होती है, डॉक्टर कई बार ऐसी चीज़ें खाने को कहते हैं. वीगन डायट वालों को अच्छी नींद भी मिलती है. साथ ही बॉडी को डिटॉक्स करने में भी इस डायट से मदद मिलती है.
कब न फ़ॉलो करें ये डायट
अगर आपको शरीर में पहले से ही ख़ून से संबंधित कोई परेशानी है या फिर किसी प्लांट्स से एलर्जी की परेशानी है तो ये डायट फ़ॉलो नहीं करना चाहिए.
स्क्वायट के सीनियर फ़िटनेस एक्स्पर्ट और डायटीशियन उत्सव अग्रवाल कहते हैं,"ख़ासतौर से अगर लड़कियां प्रेग्नेंट हैं या फिर उन्हें किसी भी तरह की डिफ़िशंसी हैं तो उन्हें ऐसी डायट से बचना चाहिए. डायबिटिक लोगों को भी इस तरह के डायट से ख़ुद को बचाना चाहिए".