बनारस गए और बनारसी खाने का जायका न लिया तो फिर क्या किया। जी हां, उत्तर प्रदेश के खास शहरों में से एक है, बनारस यानी वाराणसी यानी काशी, जहां की हर गली में आपको स्वाद का जायका लेने का मौका मिलेगा। आइए जानते हैं विस्तार से।
टमाटर चाट
टमाटर चाट आमतौर पर जितने तरह के भी चाट होते हैं, उन सबसे अलग है और सिर्फ बनारस के घाटों पर ही टमाटरी चाट का मजा लिया जा सकता है, इसलिए यहां आएं तो इसे खाना न भूलें। ये चाट बनाने के लिए उबले हुए आलू में कई तरह के मसाले मिले होते हैं, फिर इसमें टमाटर का गूदा मिलाकर धीमी आंच पर पकाया जाता है और फिर मिट्टी के कुल्हड़ में इसे धनिया पत्ती से गार्निश करके परोसा जाता है। आपने अगर बनारस जाकर इस चाट का मजा नहीं लिया, तो समझो कुछ नहीं किया।
बनारस का पान
बनारसी पान तो पूरी दुनिया में लोकप्रिय है। जी हां, गुलकंद से लेकर कत्थे वाला स्पेशल पान यहां की पहचान है। माना जाता है कि रामायण के संदर्भ में हनुमान जी को भेंट में माता सीता ने पान की एक माला दी थी। महाभारत में अर्जुन द्वारा किए जाने वाले यज्ञ में पान के बारे में चर्चा है। दरअसल, भारत में मुगल शासकों को बनारस के पान पसंद आये, मुगलों ने ही पान में चूना, इलायची और लौंग जैसी चीजें डाल कर खाया करते थे। यहां के पानों में बनारसी सादा पान, बनारसी मीठा पान, पंचमेवा पान, जर्दा पान, गुलाब पान और केसर पान लोकप्रिय है।
बनारस की लस्सी
बनारस आने पर लस्सी पिए बिना भी आपको कहीं नहीं जाना चाहिए, इसकी वजह यह है कि यहां की लस्सी पूरे भारत में सबसे अलग होती है। यहां की लस्सी को लेकर कहते हैं ‘ई बनारसी लस्सी ह गुरु, देखते विचार में पर जईब कि एके खाईल जाला की पीअल जाला ‘, यहां की लस्सी की खासियत होती है कि केसर वाले पानी से इसे बनाया जाता है, जिसमें दही डाली जाती है, फिर गाढ़ी लस्सी को फेटा जाता है। इसे मिट्टी के कुल्हड़ में सर्व किया जाता है, जिसकी वजह से लस्सी का स्वाद दोगुना हो जाता है।
कचौड़ी सब्जी
यह भी बनारस की खासियत है कि यहां की कचौड़ी सब्जी काफी लोकप्रिय है। खासतौर से सुबह-सुबह कचौड़ी-सब्जी खाने का मजा ही कुछ और है, इसके साथ जो जलेबी का कॉम्बिनेशन होता है, वो तो और कमाल होता है, गौरतलब है कि बनारस के लंका इलाके में स्थित 'चाची की दुकान' कचौड़ी-सब्जी के लिए लोकप्रिय है।
मलईयो
मलईयो एक ऐसा स्वीट डिश है, जो आपको हमेशा खाने को नहीं मिलेगा, लेकिन ठंड के मौसम में आप इसे खूब खा सकती हैं, इसे बनाने की विधि दिलचस्प है, इसे बनाने के लिए दूध को चीनी में उबाला जाता है और फिर रातभर खुले आसमान के नीचे शीत में रख दिया जाता है। फिर बर्तन में दूध को खूब फेंटा जाता है। इससे झाग तैयार होता है।
बनारस की चाय
बनारस की चाय पूरी दुनिया में लोकप्रिय है, कहावत भी है कि बनारसी पानी से पहले चाय पीना पसंद करते हैं। बनारस में अस्सी इलाके की चाय लोकप्रिय रही है। अस्सी की चाय की अड़ी की बात हो और पप्पू की चाय बात न हो ऐसा नहीं हो सकता है, यहां जमाने से लोग चाय का स्वाद ले रहे हैं। यहां चाय की अर्क तैयार करने के लिए केतली में पानी को घंटों पकाया जाता है और फिर कपड़ा वाली छननी में चाय की पत्ती डालकर हर गिलास में लीकर बूंद-बूंद टपकाते हैं। फिर अलग से दूध चीनी मिलाया जाता है और बड़े ही खास तरीके से चाय में चम्मच हिलाया जाता है, जो इसे भारत के अन्य चाय वाली स्थानों से अलग बनाता है।