लोहड़ी, मकर संक्रांति , माघ बिहू और पोंगल ऐसे त्यौहार हैं, जो अलग-अलग समय पर भारत के अलग-अलग इलाके में एक दिनों के अंतराल में ही मनाये जाते हैं, तो आइए जान लेते हैं कि इस दौरान कहां कौन-कौन से पकवान बनाये जाते हैं।
मकर सक्रांत पर बनने वाले व्यंजन
मकर संक्रांति हर वर्ष 14 जनवरी को मनाई जाती है, इस दौरान गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर भारत, बिहार और झारखंड में यह पर्व मनाया जाता है। खासतौर से बिहार और उत्तर प्रदेश के इलाकों में इस दौरान दही चूड़ा और गुड़ खाया जाता है, तो रात के समय इस दिन विशेषकर खिचड़ी बनाई जाती है। बिहार और उत्तर प्रदेश में कतरनी चूड़ा के साथ दही और गुड़ खाया जाता है और खिचड़ी विशेष कर गोभी, आलू, मटर और मौसमी सब्जियां जिनमें गाजर भी शामिल हैं, इन सबको मिला कर खिचड़ी बनाई जाती है, जो काफी टेस्टी लगती है, इसके अलावा, इस दिन तिल के लड्डू भी खाये जाते हैं, तिल के लड्डू, चूड़ा का लड्डू, मुढ़ी(मुरमुरे) और गुड़ के बने लड्डू बेहद अच्छे लगते हैं। इस दौरान महाराष्ट्र में चिनिया बादाम और गुड़ की भी चिक्की बनती है।
लोहड़ी पर बनने वाले पकवान
लोहड़ी पर बनने वाले पकवानों की बात करें, तो लोहड़ी पर पंजाब और हरियाणा में मक्के दी रोटी और सरसो का साग बनता है, इसके अलावा पिन्नी, आटे के लड्डू, गुड़ के लड्डू और गजक खाये जाते हैं।
पोंगल पर बनने वाले व्यंजन
दक्षिण भारत में लोहड़ी और संक्रांति के आस-पास ही यह पर्व मनाया जाता है। यह चार दिनों का त्यौहार होता है। पोंगल के मौके पर चावल, गुड़ और मूंग दाल को मिला कर बनाया जाता है। पोंगल के पहले दिन भगवान इंद्र को सक्कराई पोंगल का भोग लगाया जाता है। वहीं पायसम एक खीर वाली रेसिपी है, चावल, दूध और गुड़ से बनती है, इसके अलावा, शुगरकेन पोंगल, वेन पोंगल बनाया जाता है। इमली चावल, लेमन राइस, दही राइस और इडली सांभर भी इस दौरान खाना लोग पसंद करते हैं।
असम के बिहू में बनने वाले व्यंजन
असम में साल में तीन बार बिहू का त्यौहार मनाया जाता है। यह फसल की कटाई और बुवाई से जुड़ा हुआ त्यौहार है। इस दौरान तिलपीठा रेसिपी का चावल बनाया जाता है। इसमें तिल, चावल और गुड़ का इस्तेमाल होता है, इसके अलावा, नारियल पीठा बनाया जाता है। चावल से बनने वाले माह-कोराई, संदोह गुरी भी बनाई जाती है।