संस्कृति, इतिहास और साहित्य से समृद्ध हिंदी भाषा दुनिया की सबसे अधिक बोली जानेवाली लोकप्रिय भाषाओं में से एक है। यदि आप भी अपने हिंदी ज्ञान को समृद्ध करते हुए अपनी शब्दावली को मजबूत बनाना चाहती हैं तो ये हैं कुछ तरीके।
हिंदी से पहले उसका व्याकरण समझें
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समय के साथ देश-विदेश में लोकप्रिय होती जा रही हिंदी भाषा पर अगर आप भी अपनी पकड़ मजबूत बनाते हुए अपनी मौजूदा हिंदी कौशल को निखारना चाहती हैं, तो हिंदी साहित्य की पुस्तकें आपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं। ये पुस्तकें आपकी हिंदी समझ के साथ हिंदी व्याकरण, उसकी शब्दावली और उसकी सांस्कृतिक बारीकियों को समझाने में भी कारगर साबित होंगी। इस संदर्भ में सबसे पहले डॉक्टर वासुदेव नंदन प्रसाद की लिखी पुस्तक ‘हिंदी व्याकरण और रचना’ का ज़िक्र हम करेंगे। इस पुस्तक में संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, क्रियाविशेषण और काल को वाक्य संरचना के माध्यम से समझाने का प्रयत्न किया गया है। सिर्फ यही नहीं आपकी लेखनी को बेहतर बनाने के लिए इसमें अभ्यास और उदाहरणों का भी समावेश किया गया है। इसके अलावा आपके हिंदी ज्ञान को समृद्ध करने के लिए हिंदी के प्रकांड पंडित डॉक्टर भोलानाथ तिवारी की पुस्तक ‘हिंदी व्याकरण एवं रचना’ भी प्रभावी साबित होगी। इस पुस्तक में व्याकरण संबंधी नियमों की विस्तृत व्याख्या की गई है, जो नौसिखियों के साथ उन्नत विद्यार्थियों के लिए भी लाभदायक है।
व्याकरण के साथ उन्नत शब्दावली भी है आवश्यक
प्रत्येक भाषा की रीढ़ उसकी मज़बूत शब्दावली होती है, जो उस भाषा में आपके संचार को और प्रभावशाली बनाती है। इसके लिए आप आचार्य किशोरी दास वाजपेई की ‘हिंदी शब्द सागर’ और पुस्तक महल की ‘रैपिडेक्स हिंदी-इंग्लिश शब्दकोश’ का अध्ययन कर सकती हैं। अपनी हिंदी भाषा कौशल में सुधार करने के साथ हिंदी शब्दावली का विस्तार करने के लिए ये पुस्तकें आवश्यक संसाधन मुहैया करती हैं। इन पुस्तकों में वाक्य और वाक्यांशों के उदाहरण भी शामिल हैं, जिससे सही संदर्भों में आप सही शब्दों का उपयोग कर पाएं। इन पुस्तकों के अलावा आप डॉक्टर कैलाश चंद्र शर्मा की ‘हिंदी निबंध संग्रह’ का भी अध्ययन कर सकती हैं। इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीति से जुड़े मुद्दों के साथ विभिन्न विषयों पर लिखे गए निबंधों का संग्रह हैं, जो आपकी हिंदी समझ में सुधार करते हुए हिंदी साहित्य और उसकी संस्कृति को और पुख्ता करेगी।
शुरू से शुरू करनेवालों के लिए
व्याकरण, शब्दावली और उच्चारण सहित हिंदी भाषा के सभी पहलुओं को अपने में समेटे एन स्नेल और रुपर्ट स्नेल की पुस्तक ‘संपूर्ण हिंदी’ उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित हो सकती है, जिन्होंने अभी-अभी हिंदी सीखनी शुरू की है। इस पुस्तक के साथ एक ऑडियो सीडी भी होती है, जिससे सीखनेवालों को उनके अभ्यास में मदद मिल सके। इसके अलावा तेज के.भाटिया की लिखी ‘बोलचाल की हिंदी : शुरुआती लोगों के लिए संपूर्ण पाठ्यक्रम’ और रुपर्ट स्नेल और साइमन वेटमैन की ‘टीच योरसेल्फ हिंदी’ भी काफी अच्छी पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों के अलावा कुछ ऐसी पुस्तकें भी हैं, जो विशेष रूप से उनके लिए हैं, जो अंग्रेज़ी भाषा में पारंगत हैं और हिंदी सीखना चाहते हैं। इनमें एंड्री तारानोव की ‘हिंदी वोकैब्युलरी फॉर इंग्लिश स्पीकर्स’ (अंग्रेजी बोलनेवालों के लिए हिंदी शब्दावली) प्रमुख है। यह पुस्तक अंग्रेज़ी बोलनेवालों को ध्यान में रखकर लिखी गई है, जो अपनी हिंदी शब्दावली मज़बूत बनाना चाहते हैं। इसमें हिंदी शब्दों के अंग्रेज़ी अनुवाद के साथ वाक्य और अभ्यास भी शामिल है।
कुछ चुनिंदा साहित्यकार, जो बढ़ाएंगे आपका हिंदी ज्ञान
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हिंदी साहित्य में कई दिग्गज साहित्यकार हैं, जिनकी लेखनी से हिंदी समृद्ध हुई है। इनमें पहला प्रभावशाली नाम तय कर पाना मुश्किल है, किंतु जन-जन के नायक साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद का नाम लिया जा सकता है। सरलता और सहजता की प्रतीक उनकी भाषा में कहीं ऐसा कुछ नहीं, जिसे आप समझ न सकें। विशेष रूप से उनकी लघु कहानियाँ न सिर्फ आपकी पढ़ने की समझ को बेहतर करेगी, बल्कि आपको भारतीय समाज और संस्कृति की एक झलक भी देगी। मुंशी प्रेमचंद के अलावा रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुमित्रानंदन पंत, धर्मवीर भारती, हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा, भारतेन्दु हरिश्चंद्र, गोपालदास ‘नीरज’, जैनेंद्र कुमार और महावीर प्रसाद द्विवेदी की रचनाएं भी पढ़ सकती हैं। इनमें कुछ साहित्यकारों की भाषा आपको क्लिष्ट लग सकती है, लेकिन यकीन मानिए ये आपकी हिंदी शब्दावली को और समृद्ध ही करेंगी।
सुदृढ़ हिंदी भाषियों के लिए भी है विकल्प
यदि आप हिंदी भाषा की बुनियादी समझ रखती हैं और अपनी हिंदी को और बेहतर बनाना चाहती हैं, तो आपके लिए यमुना कचरु की ‘मध्यवर्ती हिंदी’ फायदेमंद साबित होगी। इस पुस्तक में हिंदी व्याकरण के साथ उसकी शब्दावली और उच्चारण के अधिक उन्नत पहलुओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही आपके लिए उषा आर. जैन की ‘उन्नत हिंदी व्याकरण’ और रमाकांत अग्निहोत्री की ‘हिंदी: एक आवश्यक व्याकरण’ पुस्तकें भी अच्छी मार्गदर्शिका साबित हो सकती है। विशेष रूप से ‘हिंदी: एक आवश्यक व्याकरण’ में जटिल वाक्य संरचना के साथ मुहावरेदार अभिव्यक्ति और उन्नत शब्दावली का विस्तृत वर्णन है।
लघु कथाओं और उपन्यासों के साथ काव्यों का भी है योगदान
अपनी भाषा कौशल के साथ हिंदी शब्दावली को समृद्ध करने के लिए आप कविताओं का भी सहारा ले सकती हैं। इन कविताओं में आप हरिवंशराय बच्चन की ‘मधुशाला’, रवींद्रनाथ टैगोर की ‘गीतांजलि’ और कालिदास रचित ‘कुमारसंभव’ विशेष रूप से पढ़ सकती हैं। ‘मधुशाला’ में हरिवंशराय बच्चन ने जहां सरल तरीके से जीवन की विसंगतियों को बताया है, वहीं ‘गीतांजलि’ में रवींद्रनाथ टैगोर ने भारतीय साहित्य के साथ संस्कृति की गहरी झांकी दिखाने का प्रयास किया है। इसके अलावा प्राचीन भारत के महानतम कवियों में से एक कालिदास ने अपने महाकाव्य ‘कुमारसंभव’ में भारतीय पौराणिक कथाओं को जटिल वाक्य संरचनाओं में पिरोते हुए उस दौर की समृद्ध संस्कृति और अपने प्रभावशाली साहित्य को दर्शाया है।
काव्यों के साथ साहित्य और संस्कृतिनिष्ठ महाकाव्य भी हैं ज़रूरी
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प्रत्येक भाषा की जान उसकी सांस्कृतिक और साहित्यिक जानकारी होती है, जिसकी समझ होना बेहद ज़रूरी है। इस संदर्भ में पहला नाम आता है वाल्मिकी रचित ‘रामायण’ का। भारतीय साहित्य और संस्कृति के सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक ‘रामायण’ वो महाकाव्य है, जिसे पढ़कर न सिर्फ आपकी पढ़ने की समझ विकसित होगी, बल्कि आपको पौराणिक कथाओं के साथ भारतीय संस्कृति के बारे में भी काफी कुछ जानने को मिलेगा। ‘रामायण’ के साथ वेद व्यास द्वारा रचित ‘महाभारत’ भी हमारे साहित्य और संस्कृति की समृद्ध धरोहर है, जो युगों-युगों से हम सबका मार्गदर्शन करती आ रही है। इन महाकाव्यों के अलावा संस्कृति में गहरी रूचि रखनेवाले इरावती कर्वे की ‘युगांत: एक युग का अंत’ का भी अध्ययन कर सकते हैं। इस पुस्तक में लेखिका ने महाभारत को केंद्र बनाकर भारतीय संस्कृति और समाज पर कई निबंध लिखे हैं। विशेष रूप से हिंदी भाषा में महारत हासिल करनेवालों के लिए यह पुस्तक एक ज़रूरी दस्तावेज की तरह है।
बड़ों के साथ बच्चों के लिए भी है कुछ खास
यदि आप चाहती हैं कि आपके साथ आपके बच्चे भी हिंदी भाषा में अपनी दिलचस्पी बनाएं और अपनी हिंदी शब्दावली को समृद्ध करें, तो उनके लिए विष्णु शर्मा की ‘पंचतंत्र की कहानियाँ’ सबसे अच्छी पुस्तक है। सरल भाषा में लिखी गई इस पुस्तक में प्राचीन दंतकथाओं और चित्रों के माध्यम से बच्चों को बेहद रोचक तरीके से नैतिक शिक्षा देते हुए भारतीय संस्कृति और मूल्यों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा अनंत पई की ‘अकबर बीरबल की कहानियाँ’ और प्राण कुमार शर्मा की ‘चाचा चौधरी’ भी बच्चों के लिए शानदार पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों के जरिए आप बच्चों में बुद्धिमान बनने की ललक के साथ हिंदी भाषा के प्रति रुचि जगाने का भी प्रयास कर सकती हैं।
इसके अलावा कई अन्य विकल्प भी हैं
आज के आधुनिक युग में हिंदी शब्दावली को सुधारने और उसे समृद्ध करने के लिए ऐसे कई ऑनलाइन ऐप्स आ गए हैं, जिनका उपयोग आप कर सकती हैं। इनमें डुओलिंगो, रॉसेटा स्टोन, मेमराइज़ और हिंदीपॉड101 मुख्य हैं। इन ऑनलाइन ऐप्स के अलावा अपनी हिंदी शब्दावली को मजबूत बनाने के लिए आप हिंदी भाषी क्षेत्रों से प्रकाशित होनेवाली लोकप्रिय अखबारों का भी अध्ययन कर सकती हैं।