'2घंटे हो गए, अब मेरी बारी है !' मैंने मेरे छोटे भाई से कहा!
'तू पूरे वीक टीवी देखता है, मुझे बस संडे मिलता है और यहां भी दो घंटे से तू ये बकवास शो खतरों के खिलाड़ी देख रहा है !'
भाई ने बिना कुछ कहे आंखों में गुस्सा लिए टीवी का रिमोट सोफे पर पटका और मुंह गुब्बारे की तरह फुला कर अंदर कमरे में चला गया।
मैंने सोफे के हैंडरेस्ट पर अपनी दोनों टांगें लटका दी और जी सिनेमा पर आ रही फिल्म 'हम आपके है कौन' देखने लगी!
पफ्फी धिकताना गाने पर नाच ही रहा था कि मम्मी को रिमोट चाहिए था! अब उन्हें संडे को क्या देखना है? राम जाने!
लग गया मास्टर शेफ, किचन में बन रही खिचड़ी के कूकर की सिटी बजी और मम्मी के इशारे से पहले ही मैंने उठकर गैस बंद कर दी।अगले ही पल रिमोट फिर मेरे हाथ में था और दूसरे हाथ में था गरमागरम खिचड़ी का प्याला!
आज 2 साल बाद मेरे हाथ में फिर एक गरमागरम खिचड़ी का प्याला है, सामने मेरी ही तरह, लेकिन छोटे अवतार में एक बच्ची बैठी है,जिसके पैर और गाल खिचड़ी से लिपे हुए हैं। वही थोड़े आगे लेफ्ट में एक औरत है जो कालनिर्णय के पिछले पन्ने पर छपी दही-भल्ले की आसान रेसिपी पढ़ रही है।
टीवी? टीवी चल रही है न, शार्क टैंक आ रहा है। ज़ी सिनेमा का सब्सक्रिप्शन है या नहीं, मैं नहीं जानती!
रिमोट? अब दो रिमोट आ गए हैं घर में...कल सफाई करते हुए देखा था इसमें कई सारे बटन्स आ गए हैं।
एक और शख्स है इस घर में जो ऊपर सोफे के हैंडरेस्ट पर टाँगे लटकाए बैठा है....
यह शख्स घर का खर्च चलाता है और टीवी का रिमोट भी!