पद्मश्री लेखक रस्किन बॉन्ड ब्रिटिश मूल के हैं। बढ़ती उम्र के साथ उनकी लिखी हई कहानी और किताबों का सिलसिला भी बढ़ता गया है। उत्तराखंड के हिल स्टेशन मसूरी में उनका जन्म हुआ है और अपने अब तक के लेखनी के सफर में उन्होंने 500 से अधिक कहानियां और 6 से 7 के करीब उपन्यास लिखे हैं। 50 से अधिक लेखन के करियर में उन्होंने उपन्यासों के अलावा लघु कथाओं के साथ बच्चों की किताबें और कविताओं की भी रचना की है। आइए विस्तार से जानते हैं उनकी कुछ रचनाओं के बारे में।
फ्लाइट ऑफ पिजन्स
रस्किन बॉन्ड द्वारा लिखे गए इस उपन्यास में कहानी एक परिवार की है, जो कि भारत विद्रोह के समय चर्च में परिवार के कुलपति को मार दिए जाने पर अपने रिश्तेदारों तक पहुंचने के लिए हिंदू और मुसलमानों की मदद लेते हैं। रस्किन बॉन्ड का यह उपन्यास उन लोगों की पीड़ा को रेखांकित करती हैं, जिन्हें अनजाने में युद्ध की मार को झेलना पड़ा है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, उपन्यास एक दिलचस्प उड़ान भरता है और आजादी के सही मायने को भी बताता है।
सुजाना सेवन हस्बैंड्स
यह उपन्यास रस्किन बॉन्ड की लोकप्रिय क्लास्किल उपन्यास मानी जाती है, जो कि मूल रूप से एक छोटी सी कहानी के तौर पर लिखी गई है। यह कहानी लोकप्रिय रस्किन बॉन्ड की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक मानी जाती है। इस उपन्यास की कहानी नायिका सुजाना के सभी सात पतियों की रहस्यमय और दिलचस्प मौतौं के ईद-गिर्द घूमती है। इस उपन्यास के नाम से सात खून माफ फिल्म भी बनाई गई थी।
उपन्यास- द ब्लू अंब्रेला
रस्किन बॉन्ड द्वारा लिखा गया यह पहला उपन्यास है। ब्लू अंब्रेला पहाड़ी समुदाय के जीवन का वर्णन करती है, जहां पर आम लोग वीरता के हालातों तक पहुंच जाते हैं और कई ऐसे किरदार हैं, जिन्हें अपने अपराधों का प्रायश्चित करने का अवसर मिल जाता है। इस उपन्यास की खूबी यह है कि यह अपने सरल पात्रों के जरिए ममता, ईष्या, वीरता के साथ कई भावनों की एक लंबी कड़ी है। दिलचस्प है कि संक्षिप्त और सीधी होने के बाद भी इस उपन्यास की कहानी लोगों की शालीनता और सद्भावना के बारे में एक खास सबक सिखाती है।
चेरी ट्री
रस्किन बॉन्ड की यह लिखी हुई कविता है। इस किताब की कविता एक चेरी के बीज पर लिखी हुई कवि के जीवन की खुशियों के बारे में है, जिससे वह खुद का अपना पेड़ पाने के इरादे से लगाता है। बता दें कि किसी भी पौधे को पेड़ बनने के लिए लगभग आठ साल का वक्त लगता है। कवि ने इस किताब ने पौधे के पेड़ बनने के सफर के दौरान के मौसम का वर्णन किया है, जहां पर अंत में पेड़ विकसित होने पर खिलने लगता है।
रूम ऑन द रूफ
यह रस्किन बॉन्ड के उपन्यास लिखने का एक प्रयास भी है, जिसे उन्होंने रूम ऑन द रूफ से पूरा किया है। बॉन्ड ने इस उपन्यास को केवल 17 साल की उम्र में लिखा था और इसके लिए उन्होंने पुरस्कार भी जीता। यह उपन्यास एक ऐसे किरदरा के ईद-गिर्द घूमता है, जो देहरादून में रहने वाला 17 साल का भारतीय अनाथ लड़का है। इस उपन्यास की शुरुआत रस्टी के अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद नाखश होने से होती है। पुराने कठिनदायक जीवन से कैसे नए सफर पर निकला जाता है, उसे इस उपन्यास में बयान किया है।