साल 2023 अपनी समाप्ति की तरफ है और नए साल का आगमन आपके जीवन में कई सारी किताबों का झरोखा लेकर आएगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस रफ्तार से साल खत्म होता है, अपने साथ वो कई ऐसी सारी किताबों को भी डब्बे में बंद कर उसे पुराने होने की फेहरिस्त में शामिल कर देता है। हम इस साल के खत्म होने के साथ साहित्य की दुनिया के बीते हुए सालों से कुछ ऐसी किताबें फिर से खोज कर लाए हैं, जो बदलते वक्त और बदलते साल के साथ अपनी पहचान को कायम किए हुए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं 5 ऐसी किताबें जो कि हर साहित्य प्रेमी को अवश्य पढ़नी चाहिए।
पिंजर
अमृता प्रीतम द्वारा लिखित ‘पिंजर’ एक महिला के प्रेम, त्याग, परिवार और खुद की तलाश की कहानी है, जो कि विभाजन की पीड़ा में पूरी तरह से लिपटी हुई है। यह कहानी पूरो और राशिद नामक के व्यक्ति के ईद-गिर्द घूमती है, जो कि शादी से पहले अगवा कर ली जाती है और फिर विभाजन के कारण पूरो अपने परिवार और प्यार के साथ देश से भी जुदा हो जाती है। पूरो पिंजर की कैद से बाहर आकर अपने माता-पिता के पास लौटती जरूर है, लेकिन समाज के डर से परिवार उसे अपनाता नहीं है और वह फिर से लौट जाती है, उसी ‘पिंजर’ में। यह जान लें कि ‘पिंजर’ को भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया सबसे बेहतरीन उपन्यास माना जाता है।
तमस
पद्म भूषण भीष्म साहनी द्वारा लिखित ‘तमस’ भी भारत के विभाजन की तस्वीर को दिखाती है। अगर आप साहित्य प्रेमी हैं, तो ‘तमस’ आपके किताबों के पिटारे का हिस्सा जरूर होनी चाहिए। इस किताब में विभाजन के पहले लोगों की सामाजिक मानसिकता और उसके साथ हुए भयानक सांप्रदायिक दंगों की दशा को दर्दनाक तरीके से बयान किया है। अगर आपने अभी तक इस किताब को नहीं पढ़ा है, तो इसे जरूरी इस साल के खत्म होने से पहले अपनी किताबों में शामिल करें। उल्लेखनीय है कि देश के विभाजन को वह अपनी जिंदगी का सबसे दर्दनाक दुख मानते हैं और उसी का किस्सा उन्होंने तमस में बयान किया है।
आपका बंटी
मन्नू भंडारी द्वारा लिखित ‘आपका बंटी’ 9 साल के बच्चे बंटी का दर्द दिखाती है। आप इसे एक कालजयी उपन्यास कह सकते हैं। इस किताब में बंटी के मन और जीवन के दुख का प्रवाह आपको भी खुद में समेट लेता है। एक ऐसा बच्चा, जो इतनी कम उम्र में माता-पिता के तलाक का सामना करता है। बंटी के जीवन का उसकी परिस्थितियों का मार्मिक वर्णन किया गया है। बच्चे के जीवन के युद्ध से सीख मिलती है कि कैसे कठिन परिस्थितियां आप पर हावी होती है और आप उनका कैसे सामना करती हैं। इस किताब में एक बच्चे के हालातों को मनोवैज्ञानिक तरीके से भी बताया गया है।
वोल्गा से गंगा
महापंडित राहुल सांकृत्यायन की लिखी गई किताब ‘वोल्गा से गंगा’ एक नहीं, बल्कि 20 लघु कथाओं का मेला है। दिलचस्प है कि इस किताब की लघु कथाएं 6 हजार ईसा पूर्व से शुरू होती हैं और 1942 पर समाप्त होती है। यह सारी कहानियां अपने आप में एक यात्रा करते हुए पाठकों के दिल और दिमाग में निवास करती हैं। दिलचस्प है कि राहुल द्वारा लिखित यह सभी लघु कथाएं विज्ञान, इतिहास को भी बारीकी से समझाती है। यह किताब आप किसी भी दशक में पढ़ें, यह हमेशा प्रासंगिक रहती है। इसकी सारी कहानियां 8 हजार वर्षों से अधिक पुरानी होने के साथ रोचक और ज्ञानवर्धक है। इस किताब को साहित्य प्रेमियों को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।
निर्मला
मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित ‘निर्मला’ हर साहित्य प्रेमी के लिए एक अहम किताब है। यह किताब एक कम उम्र की लड़की के अधेड़ उम्र के पुरुष के साथ शादी हो जाने के बाद के सफर की कहानी है। इस किताब की खूबी यह है कि यह उस दौर की किताब है, जब इस तरह के विषय को बोल्ड माना जाता था। मुंशी प्रेमचंद की यह किताब एक औरत के जीवन के उस कड़वे सच से लोगों को परिचित कराती है, जिस पर लोगों को अक्सर ध्यान नहीं जाता या फिर जिसे अनदेखा कर दिया जाता है।