खादी का कनेक्शन हमारी परंपरा ही नहीं हमारे इतिहास से भी बहुत गहरा रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक खादी रही है। गांधीजी ने हमेशा ही यह बात कही कि खादी के कपड़े पहनना, सिर्फ देशभक्ति की भावना को दर्शाना नहीं था, बल्कि हमारी भारतीय एकता को भी यह दिखाता है। पिछले लंबे समय से मेक इन इंडिया अभियान ने भी खादी की लोकप्रियता को बढ़ा दिया है। आजादी की लड़ाई और कौमी एकता का प्रतीक खादी ने हमेशा ही फैशन स्टेटमेंट में खास जगह बनाई है और इसकी खासियत रही है कि इसका महत्व कभी नहीं बदला है। हर दौर में खादी ने अपने रूप अलग तरह इख्तियार किया है और अपनी मौलिकता को ध्यान में रखते हुए, हर तरह से फैशन के साथ कदमताल किया है। खादी की यह भी खूबसूरती होती है कि यह इंडियन लुक के साथ-साथ, वेस्टर्न लुक में भी चार चांद लगाती है। तो आखिर खादी में ऐसी क्या खूबी है और कैसे इसके परिधान को अपनी वार्डरोब का हिस्सा बनाएं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं ।
नेचुरल फैब्रिक
खादी किसी भी नेचुरल फैब्रिक को कहा जा सकता है, जो हाथ से काटा या बुना जाता है फिर चाहे वह रेशम,कपास,जूट,ऊन कुछ भी हो।
इको फ्रेंडली है खादी
आज का युवा वर्ग के लिए फैशन के साथ-साथ पर्यावरण भी बहुत महत्वपूर्ण बन चुका है और खादी का कपड़ा पर्यावरण के लिए सबसे बेस्ट है। चूंकि इसे हाथ चरखे और सौर करघे की सहायता से पाया जा सकता है, तो यह बिजली का इस्तेमाल नहीं करता है, मतलब कार्बन का किसी तरह से कोई वेस्ट पर्यावरण को नहीं देता है। खास बात है कि खादी का एक मीटर कपड़ा, जहां सिर्फ तीन लीटर पानी में बनता है वहीं मिल वाले कपड़े के एक मीटर में 56 लीटर पानी खर्च होता है। गौरतलब है कि 2017 के एक रिपोर्ट के अनुसार अनुसार, चरखे के लिए जरूरी शॉर्ट-स्टेपल कपास के लिए कम उपजाऊ जमीन भी परफेक्ट होगी। इसके अलावा उसकी पैदावार किसी केमिकल की भी जरूरत नहीं होगी।
स्किन फ्रेंडली भी
खादी के कपड़े, मौसम के हिसाब से काम करते हैं,जिसकी वजह से इनके स्किन फ्रेंडली माना गया हैं। गर्मियों के मौसम में यह स्किन के लिए सच्चे दोस्त साबित होते हैं। इनके कपड़े इस तरह से बने होते हैं कि इन तक हवा पहुंच जाती है, जिससे पसीने की चिपचिप से स्किन को जूझना नहीं पड़ता है, जिसका मतलब साफ है कि त्वचा संबंधी इंफेक्शंस होने के चांसेज भी कम हो जाते हैं। यह गर्मियों के मौसम के लिए सबसे परफेक्ट होता है।
सभी को है पसंद
आज खादी के कपड़ों ने देश के साथ साथ विदेश में भी अपनी एक पैठ बनायी है, लेकिन इसके लिए समय समय पर देश में कई अलग-अलग तरह की मार्केटिंग स्ट्रेटजी पर काम किया गया है। कुछ समय पहले हुए ऑर्गेनिक फैशन मूवमेंट खादी को बहुत लोकप्रिय बनाया है। इसके अलावा, मौजूदा मोदी सरकार भी खादी के वस्त्रों को जबरदस्त तरीके से लगातार प्रमोट करती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में अपने कार्यक्रम मन की बात में कहा था कि खादी एक आंदोलन है, जिसे आगे बढ़ना चाहिए। हम हर तरह का कपड़ा पहनते हैं, तो एक कपड़ा खादी का क्यों न हो। इससे गरीब लोगों के लिए रोजगार में बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मन की बात कार्यक्रम के बाद खादी के कपड़ों के खरीद में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। गवर्मेंट आर्गेनाईजेशन खादी और ग्रामोउद्योग कमिशन और मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो,स्मॉल, मीडियम एंटरप्राइजेस ने इस पर जबरदस्त तरीके से काम किया है। 2004 से 2014 तक खादी की कुल बिक्री 914.07 करोड़ रुपये थी, और 2015 से 2018 के बीच बढ़कर 1, 828.3 करोड़ रुपये हो गई, जो 100 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ को दर्शाती है। आनेवाले सालों में यह और ग्रोथ करेगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फेमस फैशन डिजाइनर अनुज भुटानी ने एक फैशन वीक के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात मानी है कि आने वाले समय में इसका फैशन और अधिक बढ़ेगा, इसकी बड़ी वजह यह है कि यह हर सीजन में इस्तेमाल किया जा सकता है और यह फैब्रिक काफी आरामदायक और बजट में भी होता है।
कैसे करें वार्डरॉब में शामिल
खादी के फैशन को आप इन खास तरीको से अपने वार्डरोब में शामिल कर सकती हैं।
साड़ियों का नहीं है कोई जवाब
साड़ियां यूं भी हर महिलाओं के लिए बहुत खास मानी जाती हैं, लेकिन खादी की साड़ियों की एक अलग ही बात है। इन साड़ियों का ग्रेस ही अलग होता है। खादी की साड़ियां इको फ्रेंडली होने के साथ-साथ काफी आरामदायक भी होती हैं। अभिनेत्री कंगना रनौत को खादी की साड़ियां बहुत पसंद है, तो अभिनेत्री विद्या बालन के पास खादी की साड़ियों का अच्छा-खासा कलेक्शन ही है, जिसे वह अक्सर पहनकर अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाती रहती हैं।
कुर्ती और जैकेट हिट थी, हिट है
खादी की बात चले और कुर्ती और जैकेट का जिक्र ना हो, भला ये भी कैसे हो सकता है। तो खादी की कुर्ती और जैकेट्स कल भी फैशन में थे आज भी हैं और कल भी रहेंगे। स्कर्ट,जीन्स, पेंसिल पैंटस से लेकर प्लाज़ो तक सभी के साथ आप कुर्ती को मैच कर पहन सकती हैं। खादी के जैकेट्स अक्सर नए-नए फैशन स्टेटमेंट बनाता रहा है। नेहरु जैकेट से लेकर मोदी जैकेट इस बात का गवाह बनता रहा है। खादी के जैकेट्स में पुरुषों ही नहीं महिलाओं के लिए भी बहुत सारी वेरायटी है। आप इसे जींस, कुर्ती, ट्राउजर, पैंट के साथ कॉम्बिनेशन बना कर पहन सकती हैं।
तो दुपट्टे बनाएंगे लुक को लाजवाब
हम महिलाओं की आमतौर पर सोच यह रहती हैं कि खादी सबसे ज्यादा साड़ी में फबती हैं, लेकिन अगर आप खादी के डिजाइनर दुपट्टे को देख लेंगी, तो अपनी राय आज ही बदल लेंगी। खादी के दुपट्टे कई रंगों,प्रिंट और डिजाइन में आ रहे हैं। आप चाहें तो खादी के दुपट्टे के साथ एक अलग स्टाइल स्टेटमेंट बना सकती हैं । आप अपनी सलवार कमीज को खादी के दुपट्टे के मेल से एलिगेंट लुक दे सकती हैं। इसके अलावा, आप पोंचो स्टाइल में दुपट्टे को अपनी जींस और ट्यूब टॉप के साथ पहनकर भी अलग लुक दे सकती हैं।
लॉन्ग स्कर्ट का लुक है शानदार
खादी से बनी लॉन्ग स्कर्ट को आप टैंक टॉप या ट्यूब-टॉप के साथ जोड़ सकती है। लॉन्ग कुर्ती को आप लॉन्ग स्कर्ट के साथ जोड़ कर एक अलग एथनिक लुक खुद को दे सकती हैं। शॉर्ट कुर्ती से लेकर शर्ट के साथ भी इसे मैच कर पहना जा सकता है।
प्लाजो को पहनें नए ट्रेंड में
प्लाजो का ट्रेंड अब नया नहीं है, यही वजह है कि इसमें आए दिन बदलाव देखने को मिल रहे हैं। डिजाइन,पैटर्न से लेकर स्टाइल तक सभी में बहुत कुछ बदलाव आया है और खादी ने भी इस बदलाव को हाथों हाथ अपनाया है। आप प्लाजो को स्टाइलिश टॉप के अलावा स्पैगिटी टॉप के साथ पहन सकती हैं। इन दिनों मैचिंग प्रिंट के ब्रालेट टॉप और प्लाजो सभी की पहली पसंद बनें है।