छोटे शहरों में आज भी ठंड के मौसम आते ही जश्न का माहौल हो जाता है, वजह यह है कि ठंड के मौसम में धूप का आनंद लेने से लेकर कई तरह के पकवानों का भी आनंद लिया जाता है, तो जब भी आप छोटे शहर की तरफ रुख करें और कोई आपको बैडमिटन खेलते हुए तो कोई स्वेटर बुनते हुए या फिर ऐसी कोई भी गतिविधि करते हुए देखें, तो समझ जाइए ठंड के महीने का जश्न शुरू हो गया है, आइए जानते हैं विस्तार से कि ठंड का लुत्फ छोटे शहरों में आज भी कैसे उठाया जाता है।
धूप में गप्पे लड़ाना
ठंड के मौसम में अब भी महिलाएं जल्दी-जल्दी काम निबटा कर मंडली बना कर धूप सेंकने की तैयारी करती हैं, धूप में बैठ कर कभी मटर छीलना, तो कभी सब्जियां और साग चुनती और बिनती हैं और फिर एक दूसरे के साथ सुख-दुख साझा करती हैं, ठंड के मौसम में अपने-अपने बागीचे में खटिया लगा कर धूप का आनंद लेते हुए मैग्जीन पढ़ने का भी दौर रहता है।
स्वेटर बुनाई
ठंड के मौसम में स्वेटर बुनाई खूब होती है, महिलाएं एक दूसरे के साथ गप्पे करते हुए काफी अच्छे से स्वेटर की बुनाई भी करती हैं, आज भी छोटे शहरों में नवजात शिशुओं को मां हाथों से बुने हुए स्वेटर ही पहनाती हैं, यह ठंड की संस्कृति ऐसी संस्कृति है, जो कभी भी खत्म नहीं होगी और पुराने दौर वाली ये संस्कृति अब भी बरकरार रहेगी।
गाजर का हलवा
ठंड का मौसम एक ऐसा मौसम होता है, जब गाजर खूब कम दामों में मिलते हैं और किस्म-किस्म के मिलते हैं, ऐसे में घर-घर में गाजर का हलवा कई बार बनता है और फिर सभी महिलाएं एक दूसरे के घर टिफिन में गाजर के हलवे का आदान-प्रदान करती हैं। इसलिए भी ठंड का महीना गाजर का हलवा बनाने और खाने के लिए खास होता है, यह संस्कृति भी लंबे समय से चली आ रही है।
आग तापना
आग तापने की भी संस्कृति छोटे शहर में बरक़रार है, रात में मोहल्ले में सभी अपने काम निबटा के एक जगह पर लकड़ियों को जमा करके अपना बोनफायर करते हैं और फिर वहां गाने बजाने का सिलसिला चलता रहता है, यही नहीं लिट्टी और मटन की तरह-तरह की रेसिपी भी सभी ट्राई करते हैं।
बैंडमिटन खेलना
बैडमिंटन, पिट्टो और कबड्डी जैसे कई खेल होते हैं, जो ठंड के महीने में ही खेले जाते हैं, इस समय सभी अपने दोस्तों की टोली बना कर ये सारे खेल सड़क पर खेलना बेहद पसंद करते हैं। इस समय में धूप का आनंद लेने के बहाने दोस्तों के साथ खूब अच्छी मस्ती होती है।
पारम्परिक भोजन
कड़ाके की ठंड से खुद को, अपने बच्चों को और बड़े बुजुर्गों को बचाने के लिए ऐसी पारम्परिक चीजें हैं, जो बनाई जाती हैं, जिनमें पिट्ठा,लड्डू, च्वयनप्राश और टेस्टी मुरब्बा बनाये जाते हैं, जिन्हें खाना बेहद पसंद करती हैं महिलाएं और इन्हें भी साथ में बनाती हैं और फिर ठंड का लुत्फ उठाती हैं।