ऑफिस पीकॉकिंग की नयी संस्कृति से किस तरह से ऑफिस या कार्यालय को फायदे हो रहे हैं। आइए जानते हैं इस संस्कृति के बारे में।
क्या है ऑफिस पीकॉकिंग
कोविड के बाद ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को घर पर रहते हुए काम करने की इजाजत दे दी थी। लेकिन अब सभी कंपनियों से इस विकल्प को खत्म करके एक नयी शुरुआत की है। ऐसे में अब एक बार वर्क फ्रॉम होम मोड में आने के बाद से उस कम्फर्ट से निकलने में कर्मचारियों को दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में अपने कर्मचारियों को नए-नए तरीके को अपनाकर उन्हें ऑफिस बुलाने की कोशिश कर रही हैं और इन्हें ही ऑफिस पीकॉकिंग का नाम दिया जा रहा है। ऐसा करने के लिए कई कार्यालय को स्टाइलिश ऑफिस में बदलने की कोशिश करने में लगे हुए हैं। वे ट्रेंडी फर्नीचर से लेकर अच्छे आकर्षक पैन्ट्री देने और सुख-सुविधाओं को देने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कर्मचारियों को वर्कप्लेस पर खास दिक्कतें महसूस न हों और वे अपने काम को एन्जॉय कर सकें। अगर एक वाक्य में कहें, तो इस संस्कृति के माध्यम से 9 to 5 जॉब की जो व्यवस्था की गई है, उन्हें बदलने की कोशिश की जा रही है और बोरियत को खत्म करने और पुराने ढर्रे को बदलने की कोशिश की जा रही है। यहां पीकॉकिंग शब्द से ऑफिस के काम में रंगों को जोड़ने यानी अधिक कलरफुल बनाने की कोशिश की जा रही है।
बढ़ता है कर्मचारियों का मनोबल
दरअसल, इस संस्कृति से यह तब्दीली आ रही है कि कर्मचारियों को काम करने की चाहत हो रही है और वे खुल कर एन्जॉय करना पसंद करते हैं, उन्हें ऑफिस जाने में यह महसूस नहीं होता है कि उन्हें सिर्फ शारीरिक रूप से वहां उपस्थित रहना जरूरी है, बल्कि वे दिल लगाकर और काम करेंगे और ऑफिस में जो क्रिएटिविटी है, उसको भी पूरी तरह से एन्जॉय करने की कोशिश करेंगे।
मनोरंजक बनेगा काम
इस संस्कृति को बढ़ावा देने का सबसे बड़ा फायदा यह भी हो रहा है कि काम करने में आसानी हो रही है, लोग अपने काम को बोझ समझ कर नहीं, बल्कि बेहद प्यार से कर रहे हैं। बेहद अच्छे तरीके से लोग अपने काम को समझने की भी कोशिश करते हैं और मनोरंजन का ही माध्यम समझ कर मजे लेकर काम करना पसंद करते हैं और काफी एन्जॉय करते हैं।
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि एक कर्मचारी के दृष्टिकोण से, यह स्वयं को कंपनी के एक सफल, सक्षम या महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में स्थापित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मान्यता या करियर में पदोन्नति हो सकती है। गौर करें तो यह एक कम्पनी और कर्मचारी दोनों के ही उत्साह को बढ़ावा देता है। हैदराबाद, बंगलुरु और ऐसे कई जगहों में कई कंपनियों में इसकी शुरुआत हो गई है।
क्यूबिकल्स और फॉर्मल वर्क स्टेशन को बाय-बाय
कम्पनी अपनी इस सोच में भी तब्दीली लाने की कोशिशों में जुट गई है कि सिर्फ फॉर्मल स्थानों पर और क्यूबिकल्स में ही काम किया जा सकता है। अब फॉर्मल क्यूबिकल्स और वक स्टेशन की जगह लग्जरी सोफे, शानदार और दिलचस्प तरीके से सजाये गए कॉफी स्टेशन और मीटिंग रूम के साथ-साथ आकर्षक वीडियो गेम कंसोल, इनडोर पौधों, दोपहर में हल्की नींद लेने वाले कपड़े और साथ ही कई सारी सुविधाओं को जोड़ रहे हैं।