भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य काफी लोकप्रिय राज्यों में से एक रहे हैं, यहां की प्राकृतिक खूबसूरती हमेशा ही बेहद पसंद की जाती है। ऐसे में यहां की कुदरती खूबसूरती के साथ-साथ यहां का लोक संगीत और नृत्य भी खास आकर्षण का केंद्र रहता है, तो आइए जानते हैं विस्तार से यहां के कुछ लोक प्रिय नृत्यों के बारे में।
असम के लोकप्रिय नृत्य
बिहू नृत्य असम के प्रचलित लोकप्रिय नृत्यों में से एक है, इस नृत्य की खूबी यह है कि साल में कम से कम तीन बार इस नृत्य का प्रदर्शन किया जाता है। बोहाग-बिहू नव वर्ष के अवसर पर, धान की फसल पकने पर माघ-बिहू तथा वसंत उत्सव पर ‘वैशाख-बिहू’ किया जाता है। बिहू शब्द दिमासा लोगों की भाषा से ली गई है, यह एक कृषि समुदाय है। इसे खुशी का नृत्य माना जाता है। यह भारत के असम का राज्य का सबसे लोकप्रिय नृत्य है। इसे पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जाता है और नर्तक पारंपरिक रंगीन असमिया परिधान पहनते हैं। यह नृत्य बेहद तीव्र गति से किया जाता है। इसके अलावा, झुमरा भी एक लोकप्रिय लोक नृत्य है। भाओना भी काफी शौक से किया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश के लोक-नृत्य
अरुणाचल प्रदेश के लोकप्रिय नृत्यों में से एक है पोपिर। यह अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले की आदिम जनजाति द्वारा किया जाने वाला कर्मकांड संबंधी नृत्य है। इसमें सम्पन्नता के देवता मोपिन को संतुष्ट करने की परंपरा है। इसके अलावा, पोंंग नृत्य उत्सव की नृत्य श्रेणी में आता है, इसमें महिलाएं एक-दूसरे का हाथ पकड़कर और मंडलियों में घूमते हुए नृत्य को अंजाम देती हैं। इस नृत्य को फसल के मौसम का जश्न माना जाता है। बारडो छम भी अरूणाचल प्रदेश के शारदुकपेन जनजाति समुदाय द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। इसको करते समय नर्तक रंगीत मुखौटे पहनते हैं, जो इस बात का संकेत करते हैं कि ईश्वर कर्मानुसार फल देता है। लायन एंड पीक डांस भी काफी शानदार लोक-नृत्य है, इस नृत्य में जानवरों की कहानी सुनाई जाती है।
नागालैंड के लोक नृत्य
नागालैंड के बैम्बू नृत्य को देखने भी दूर-दूर से लोग आते हैं, यह भी बेहद खूबसूरत नृत्यों में से एक है। गौरतलब है कि यह नागालैंड के आदिवासियों में प्रचलित लोकप्रिय लोकनृत्य है। इस नृत्य में बड़े-बड़े बैम्बू के डंडों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए इसे बैम्बू नृत्य के नाम से भी जाना जाता है।
सिक्किम के लोक नृत्य
यह नृत्य सिक्किम के गुरुंग समुदाय के एक परम्परागत लोक नृत्य का हिस्सा है, जो इस समुदाय के बहुरंगी जीवन को दर्शाता है। यह नृत्य माघ महीने की माघ पंचमी से शुरू होकर बैशाखी पूर्णिमा तक किया जाता है। इसमें सभी विशेष प्रकार के परिधान पहनते हैं और टोपियां भी खास होती हैं।
मणिपुरी के लोक नृत्य
मणिपुरी लोक नृत्य भी पूरे भारत में लोकप्रिय है। यहां पुंग चोलोम नृत्य, माई नृत्य, खंबा थाबी,नूपा नृत्य लोकप्रिय है। पुंग चोलोम नृत्य, आंदोलन के नृत्य के रूप में देखा जाता है। वही माई नृत्य, लाई हरोबा के उत्सव दौरान करते हैं, तो खंबा थाबी में लड़कियों को हाथों में फूलों के साथ रंगीन कपड़े पहनाए जाते हैं और फिर वह पुरुष साथियों के साथ नृत्य करती हैं।
त्रिपुरा के लोक नृत्य
त्रिपुरा में भी कई लोक नृत्य होते हैं, जिनमें गोंरिया नृत्य काफी लोकप्रिय हैं,इस नृत्य को भी पहाड़ और प्रकृति का नृत्य माना जाता है। इनके अलावा होजागिरी नृत्य, लेबांग नृत्य, ममिता नृत्य, मोसक सुल्मानी नृत्य, बिज्हू नृत्य और हिक-हक़ नृत्य शामिल है।
मेघालय में लोक नृत्य
मेघालय में लहो नृत्य काफी लोकप्रिय है और यह नृत्य मेघालय के पारन आदिवासी द्वारा किया जाता है। इस नृत्य को चिपिया नृत्य के नाम से भी जाना जाता है, यह नृत्य उनके उल्लास का प्रतीक होता है। इस नृत्य में महिला और पुरुष दोनों ही हिस्सा लेते हैं। महिलाएं रंगीन कपड़ों के साथ सोने चांदी के आभूषण भी पहनती हैं।
मिजोरम के लोक नृत्य
चरवा नृत्य मिजोरम में किया जाने वाला एक लोक नृत्य है, इसमें लोग जमीन पर रखे बांस को पकड़ते हुए डांस करते हैं, यह पूर्ण रूप से आपस के कॉर्डिनेशन का काम करता है। इनके अलावा, यहां खल्लम, चैलम, चावंग्लाइज़ोन, छेइहलम और थंगलाम जैसे लोक नृत्य लोकप्रिय हैं।