मेहमाननवाजी की बात जाए, तो भारत जैसे देश में अतिथि को देवता के समान माना जाता है, कुछ ऐसा ही कई अन्य देशों में भी है। तो भारत की संस्कृति से तो हम वाकिफ ही हैं, ऐसे कई अन्य देश भी हैं, जहां की संस्कृति में मेहमाननवाजी के अपने दिलचस्प तौर तरीके होते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
जापान में मेहमाननवाजी
जापान में सबसे पहले जब लोग अपने घर पर आये मेहमान से मिलते हैं, तो ओज्मा शिमासु कहते हैं, जिसका मतलब होता है कि माफ कीजिएगा, अगर मैंने आपको तकलीफ दी हो तो। जापान में अगर आपने एक निर्धारित समय किसी को दे दिया है तो यह बेहद जरूरी है कि आप समय पर पहुंचें, वरना होस्ट बुरा मान जाते हैं। भारत में जैसे हम अपने साथ किसी और भी बिना निमंत्रण के साथ लेकर चले जाते हैं। जापान में इसे अच्छा नहीं माना जाता है, आपको पहले से होस्ट को इसकी जानकारी देकर रखनी है। जापान में अगर आप किसी के घर पहली बार जा रही हैं, तो छोटा ही सही कोई तोहफा जरूर लेकर जाना चाहिए। साथ ही घर में बाहर के जूते नहीं आते हैं, आने वाले मेहमानों को घर के बाहर ही जूते खोलने को कहा जाता है। अपने होस्ट के खाने की तारीफ करते रहना भी सदाचार की गिनती में आती है। यह बेहद अच्छी बात मानी जायेगी, अगर खाने के बाद आप अपने होस्ट के साथ डाइनिंग टेबल को साफ करने में मदद करेंगे तो।
अमेरिका में मेहमाननवाजी
अमेरिका के बारे में सभी जानते हैं कि वहां के लोग ज्यादातर एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं। ऐसे में वे बाहर से आये लोगों के लिए अपने घर के दरवाजे खोले रखते हैं। ये नए लोगों से दोस्ती करना पसंद करते हैं। यहां बातचीत का तौर तरीका काफी अनौपचारिक होता है। मेहमानों के आने पर बैठने की जो जगह होती है, उसे बिल्कुल सामान्य रखा जाता है। लेकिन हां, खाने पीने की मेन्यू को लेकर होस्ट को पहले से अपने बारे में जानकारी दे देना भी बेहतर होता है। अमेरिका में अमूमन डिनर पर जल्दी बुलाते हैं। अमेरिका में लोगों को घर वाली फीलिंग दिलाने की भी कोशिश की जाती है। साथ ही पिकनिक को भी सभी बेहद एन्जॉय करते हैं। बॉन फायर भी पसंद किया जाता है। डिनर अमूमन बुफे स्टाइल में रखा जाता है। शाम के समय के लिए इनफॉर्मल ड्रेसेज अधिक पहने जाते हैं। वहां एक प्लेट में भी खाना खाने की आदत होती है। अमेरिका में लोग अपने घरों में कुत्ते और बिल्लियों को घर के सदस्य जैसा ही मानते हैं और आने वाले मेहमानों से भी उम्मीद की जाती है कि वे उनके साथ अच्छा बर्ताव रखें। अक्सर पार्टी के बाद, जब मेहमान घर लौट जाते हैं, तो वे एक कर्टसी मेसेज या कॉल जरूर करते हैं होस्ट को कि उन्हें उनका साथ अच्छा लगा।
ब्रिटेन में मेहमाननवाजी
मेहमाननवाजी का ब्रिटिश अंदाज भी बेहद खास होता है। वे भी अपने मेहमान को बेहद पसंद करते हैं। बातों-बातों में सॉरी कहने की एक अलग ही आदत होती है ब्रिटिश लोगों की। साथ ही यहां मेहमानों के अभिवादन के लिए हाथ मिलाने की भी संस्कृति नहीं होती है और न ही फ्लाइंग किस करने की। अमूमन कई लोग मेहमानों के आने पर भी हाथों में मोबाइल लेकर बैठे रहते हैं, उनका ध्यान मोबाइल पर ही होता है, यह बात गलत मानी जाती है। किसी के घर पर जाने पर उन्हें कोई छोटा सा तोहफा देना अच्छा माना जाता है।
जर्मनी में मेहमाननवाजी
जर्मनी में लोग वक्त के पाबंद होते हैं, इसलिए अगर आपने उन्हें एक निर्धारित समय दिया है, तो आपको उसी समय पहुंच जाना होगा, साथ ही आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए, अगर आपके घर पर आपने पूरा खाना नहीं बना लिया है तो टेबल पर कम से कम स्नैक्स जरूर रख दें। जर्मनी में तब तक लोग खाना पसंद नहीं करते, जब तक कि होस्ट खुद न बोलें कि एन्जॉय योर मील। जर्मनी के लोगों को खाने की मेज पर काम की बातें करना पसंद नहीं हैं, वे पूरी तरह से अपने खाने को तवज्जो देते हैं। यहां अगर आपने अपनी प्लेट में खाना छोड़ा है, तो वे काफी नाराज भी होते हैं। यहां खाने के बाद डिजर्ट होता ही है, सो आपको अपने पेट में उसके लिए जगह बनानी ही होगी।
फ्रेंच संस्कृति में मेहमाननवाजी
फ्रेंच लोगों को बिन बुलाये मेहमानों का आना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। जो ऐसा करते हैं, उन्हें बदतमीज माना जाता है। यहां लोगों को वेल ड्रेस होकर आना पसंद होता है। इस बात को लोग यहां बदतमीजी मानते हैं, अगर आप सही तरीके से किसी के घर आने पर उनका अभिवादन न करें और जाते हुए सही तरीके से बाय न कहें। इस संस्कृति में टेबल मैनर्स को भी काफी तवज्जो दिया जाता है। अगर आप खाने के लिए बैठे हैं और आपने किसी मील को प्लेट में परोसने के लिए उठाया है, तो आपको उसे अपने आस-पास बैठे लोगों को भी परोसते हुए आगे बढ़ना है। वाइन भी यहां की संस्कृति का हिस्सा हैं और खाने के साथ वाइन जरूर दी जाती है और लोगों को वाइन के स्वाद के बारे में भी जरूर बताना होता है होस्ट को। आप अगर किसी को वाइन गिफ्ट भी कर रहे हैं तो आपको बेस्ट वाइन ही देनी होगी। अगर किसी ने आपको कोई तोहफा दिया है, तो उसे उनके सामने ही खोलने की परंपरा होती है और लोगों को बताना भी होता है कि उन्हें तोहफा कैसा लगा।