हिंदी सिनेमा में एक दौर में ऐसे कई रिश्ते होते थे, जो हम सभी के परिवार का हिस्सा होते थे, लेकिन अब फिल्मों में मां की भूमिकाएं भी सिमटी हुई नजर आती हैं, तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्यों जरूरी है कि फिल्मों में परिवार के खास किरदार दिखाए जाते रहें।
ताकि नयी जेनरेशन को भी दिखे कि परिवार का महत्व क्या है
आज भी हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे जैसी फिल्में प्रासंगिक हैं, इस तरह की पारिवारिक फिल्मों से लोगों का काफी जुड़ाव रहता है। लोग एक भावना महसूस करते हैं। आज भी ये फिल्में लोकप्रिय हो जाती हैं, क्योंकि इसमें हंसी-ठिठोली और काफी चीजें दर्शाई जाती हैं, जो पारिवारिक मूल्यों के महत्व को बताते हैं, भले ही आपका वर्ल्ड सिनेमा से एक्सपोजर हो जाए, लेकिन फिल्में पारिवारिक ही अच्छी लगती हैं, जिनके साथ सब लोग मिलें।
क्योंकि सिनेमा का प्रभाव होता है
मुमकिन है कि अगर फिल्मों में सिर्फ स्टार्स के बारे में बातचीत नहीं की जाए और फिल्म दो ही किरदारों पर सीमित न हो तो, आपकी नयी जेनरेशन भी आपसे पूछेंगे कि हमारे परिवार में कौन-कौन हैं, मां कभी नानी के घर चलो या कभी दादी के घर चलो या कभी मामा घर क्यों नहीं आते हैं, इससे आप अपने परिवार के बाकी लोगों से भी अवगत होते जाते हैं और नयी जेनरेशन को भी महत्व समझा पाते हैं।
ताकि दयालु और विनम्र बने रहें
फिल्मों का प्रभाव यह भी होता है कि यह आपकी नयी जेनरेशन को विनम्र बनाते हैं, जैसा कि आपने फिल्मों में देखा होगा कि फिल्मों में हाउस हेल्प को भी परिवार ही समझा जाता है, तो जाहिर है कि उनसे प्रभावित होकर वे भी अपने घर के हाउस हेल्प के साथ तमीज से पेश आएं, बेवजह उन पर चिल्लाएं या अनादर न करें।
ताकि बड़े-बुजुर्गों का हो सम्मान
फिल्मों में जिस तरह से बड़े- बुजुर्गों को सम्मान दिया जाता है, उसी तरह रियल जिंदगी में भी उन पर असर हो सकता है कि वे भी अपने से बड़े बुजुर्गों को फॉर ग्रांटेड न लें, बल्कि उनका सम्मान करें, इनके लिए नयी जेनरेशन के दिलों में कोई इमोशन रहे।
ताकि बना रहे जश्न का माहौल
जिस तरह से मस्ती और मजाक का माहौल बना रहता है, फिल्मों में वे चीजें देखनी अच्छी लगती हैं और फिर इसी तरह रियल लाइफ में भी हमेशा सकारात्मक प्रभाव रहे। इसके अलावा, जब फिल्मों में परिवार से जुड़े पर्व त्यौहार दिखाए जाते हैं, तो लोक परम्परा को भी बढ़ावा मिलता है और पर्व त्यौहार को तवज्जो मिलती है। नए जेनरेशन भी अपने परिवार को महत्व देना शुरू करेंगे।