वर्ल्ड बैंक डोनर डे की बात करें, तो हर साल 14 जून को दुनिया भर में यह दिवस खास तौर से मनाया जाता है। इसे विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे आखिर क्या कारण है, आइए जानते हैं विस्तार से।
क्यों मनाया जाता है यह दिवस
यह जानकारी हम सबको होनी चाहिए कि हर साल 14 जून को पूरी दुनिया में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है या वर्ल्ड डोनर दिवस कहा जाता है। अगर आधिकारिक तौर पर बात की जाये, तो वर्ष 2005 में विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा वार्षिक कार्यक्रम के रूप में नामित, यह दिवस दुनिया भर में स्वैच्छिक रक्तदाताओं को उनके रक्तदान के लिए धन्यवाद देने और जश्न मनाने का एक विशेष अवसर प्रदान करता है और सुरक्षित रक्त आधान तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। गौरतलब है कि इस वर्ष 20 वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी हो रही है।
इस अभियान का उद्देश्य
अगर हम इस अभियान के उद्देश्य की बात करें तो इसका उद्देश्य उन लाखों स्वैच्छिक रक्तदाताओं को धन्यवाद देना है और साथ ही उनका सम्मान करना है, जिन्होंने दुनिया भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान दिया है। साथ ही साथ राष्ट्रीय रक्तदान कार्यक्रमों की उपलब्धियों और चुनौतियों को प्रदर्शित करना तथा सर्वोत्तम प्रथाओं और सीखों को साझा करना भी इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है। एक और महत्वपूर्ण दिशा में यह दिवस मनाया जाता है कि सुरक्षित रक्त स्थान तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने के लिए नियमित, अवैतनिक रक्तदान की निरंतर आवश्यकता पर प्रकाश डाला जाए और युवा लोगों और आम जनता के बीच नियमित रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाये और रक्तदाताओं की सूची और उनकी कम्युनिटी में बढ़ावा किया जाए। यह दिवस यह भी दर्शाता है कि रक्तदान एक सुरक्षित और अनमोल उपहार है, उनके लिए जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है।
थीम
गौरतलब है कि पूरी दुनिया 14 जून, 2024 को रक्तदाता दिवस मनाती है और खास बात यह है कि इस दिन को स्वीकार करने के 20 साल पूरे होने का दिवस भी माना जा रहा है। इसलिए, WHO और दुनिया भर के अन्य संगठन इस थीम के पीछे एकजुट होकर काम करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि ब्लड डोनरों को धन्यवाद किया जा सके। इस बहाने वे दुनिया भर के रक्त दाताओं को उनकी करूणा और रोगियों के प्रभाव के लिए धन्यवाद देने का अवसर ले रहे हैं। अन्य उद्देश्य रक्त कार्यक्रमों की उपलब्धियों और चुनौतियों को चित्रित करना, नियमित, अवैतनिक रक्तदान की ओर ध्यान आकर्षित करना और युवा पीढ़ी के बीच नियमित रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा देना है। बता दें कि रक्तदान न केवल प्राप्तकर्ताओं के लिए प्रभावशाली है, बल्कि दाताओं के लिए भी उपयुक्त है, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है। गौरतलब है कि रक्तदान के कम से कम 48 घंटे बाद, शरीर नई रक्त कोशिकाएं( ब्लड सेल्स) प्रदान करता है, जो सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करती हैं। नियमित रूप से रक्तदान करने से दाताओं को अपने आयरन के स्तर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, उन्हें हृदय संबंधी बीमारी से बचाया जाता है, दिल के दौरे का खतरा कम होता है और एनीमिया या संक्रामक रोग जैसी चिकित्सा समस्याओं की पहचान होती है।
रक्तदान कौन कर सकता है
ऐसे पुरुष या महिला, जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो और जिनका वजन 48 किलों से अधिक हो। उन्हें रक्तदान करने में कोई भी परेशानी नहीं होगी। साथ ही साथ जो क्षय रोग ( ट्यूबोक्लोसिस), रति रोग(वेनेरियल), पीलिया, मलेरिया, मधुमेह या एड्स आदि बीमारियों से पीड़ित न हो, उन्हें ही रक्तदान करने के बारे में सोचना चाहिए। एक शर्त और होती है कि आप जब भी रक्तदान करना चाहते हैं, उसके पिछले तीन माह से किसी ने रक्तदान नहीं किया हो, ऐसे लोगों को ही रक्तदान करना चाहिए और जो भी शराब अथवा कोई नशीलीदवा नहीं लेते हों, उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए। गर्भावस्था या प्रसव के पश्चात शिशु को दूध पिलाने की 6 माह की अवधि में किसी भी महिला को रक्तदान नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने ब्लड का लॉस की क्षति होती है और साथ ही साथ प्रतिदिन नया रक्त बनता रहता है। ऐसे में एक बार में 350 मिलीलीटर ही लिया जाता है और शरीर 24 घंटों में ये रक्त उनका शरीर में वापस आ जाता है। बता दें कि ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त चार से पांच सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
रक्तदान क्यों करना चाहिए
इसके बारे में हमें जानकारी जरूर होनी चाहिए कि चिकित्सकों का यह मानना है कि अगर रक्तदान किया जाए या करते रहा जाए तो खून में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता रक्त प्रवाह में बाधा डालती है। रक्तदान करते रहने से शरीर द्वारा रक्त बनाने की क्रिया को भी तीव्र कर देता है। साथ ही साथ यह हमारे पूरे शारीरिक सिस्टम में सुधार करने में भी काफी मदद करता है। दरअसल, रक्तदान करने के बाद, शरीर में सेल्स की संख्या कम हो जाती है, जिसके बाद नए सेल्स बनने शुरू होते हैं। शरीर को फिट रखने में यह काफी मदद करता है। साथ ही शरीर में नए सिरे से खून बनना शुरू हो जाता है, जिससे आप पूरे शरीर में तरोताजगी का एहसास करते हैं और इसके साथ ही कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं। ऐसा भी माना गया है कि रक्तदान करने से आपके रक्त का गाढ़ापन कम हो जाता है और फिर शरीर में यह आसानी से प्रवाहित हो सकता है और फिर यह आपके हृदय तक तेज़ी से पहुंच जाता है। वहीं अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि रक्तदान करने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 88 प्रतिशत कम होता है। इसलिए भी इस नेक काम को करने के बारे में जरूर सोचना चाहिए। एक अच्छी बात यह भी होती है कि आपको यह स्वस्थ और फिट रखता है। एक अध्ययन में पाया गया कि रक्तदान करने से जो कैलोरी बर्न होती है, वह आपके शरीर की फायदे पहुंचाती है। जर्नल ऑफ द नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में प्रकाशित एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि यह सच है कि रक्तदान करने से लोगों के शरीर में आयरन की मात्रा कम हो सकती है। लेकिन बहुत अधिक आयरन की मात्रा हो, तो कैंसर होने की संभावना भी रहती है। इसलिए बार-बार रक्तदान करने वालों में लीवर, फेफड़े, कोलन, पेट और गले के कैंसर का जोखिम कम होता है।