भारत के कई पर्यटन स्थलों में एक और लोकप्रिय नाम बोध गया का है। बोध गया की पहचान वहां के प्राचीन मंदिर, म्यूजियम के साथ कई सारे विशेष मूर्तियों से है, जो साल के हर महीने पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। खासकर विदेशी पर्यटकों के भारत घूमने की लिस्ट में बोधगया का नाम जरूर शामिल होता है। ऐसे में आइए आपको विस्तार से बताते हैं, बोध गया यानी कि ज्ञान की नगरी की उन खूबियों के बारे में, जो आपके लिए इस शहर को और भी करीब लेकर आएगी।
बोध गया का इतिहास
बिहार स्थित बोध गया का इतिहास भगवान बुद्ध से जुड़ा हुआ है। यही इस स्थल की सबसे बड़ी खूबी है। बोध गया एक प्राचीन स्थल है। यह पूरा शहर फल्गु नदी के तट पर खूबसूरती से बसा हुआ है। माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने फल्गु नदी के तट पर बोधि वृक्ष के नीचे ही तपस्या करके अपार ज्ञान की प्राप्ति की थी। 13 वीं शताब्दी के समय बोधगया भगवान बुद्ध के कारण बहुत लोकप्रिय रहा था, लेकिन बाद में इसे राजनीतिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। वक्त के साथ कई तरह की यातायात की सुविधाएं बोध गया तक पहुंची, जिसके जरिए देश और विदेश के कई पर्यटकों की नजर में यह शहर आ गया। इस शहर का नाम बोध गया क्यों पड़ा, इसके पीछे भी एक इतिहास है। बोधि नाम से पेड़ बिहार के गया में मौजूद है, वहीं बोध गया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में एक पीपल का पेड़ है, इसी पेड़ के नीचे बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त हुआ।
बोधगया की रोचक जानकारी
भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति इस शहर से की है, जो कि पटना से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे पूरी तरह से आध्यत्म में डूबा हुआ शहर है। यहां पर पर्यटक भगवान बुद्ध के ज्ञान को पढ़ने और सुनने अधिक आते हैं। गया में महाबोधि मंदिर के करीब बोधि वृक्ष जो कि आकर्षण का केंद्र है। बोध गया को पहले संबोधि के नाम से जाना जाता था, बाद में इसका नाम महाबोधि रखा गया और फिर 18 वीं सदी के बाद इसे बोध गया नाम दे दिया गया।
यहां जरूर घूमें
बोध गया में घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं। यहां पर रॉयल भूटान मठ सबसे लोकप्रिय मठ है। इस मठ का निर्माण भूटान के राजा ने किया था। इसमें बहुत ही खूबसूरत वास्तुकला के साथ निर्माण किया गया। इस मठ में मिट्टी की नक्काशी में बुद्ध के जीवन काल को दिखाया गया है। महाबोधि मंदिर के अलावा राजगीर एक स्थान है, जिसे ऐतिहासिक नगरी भी कहा जाता है। इस भूमि से कई प्राचीन राजाओं का जुड़ाव है। इस स्थान पर बौद्ध ने नई सारे उपदेश दिए थे। इसके साथ ही यहां पर गृद्धकूट पहाड़ी पर स्थित एक स्तूप भी है।
यह भी देखें
अगर आप बोध गया के इतिहास को परिचित करना चाहते हैं, तो आप गया में स्थित आर्कियोलॅाजिकल म्यूजियम घूमने जा सकते हैं। इस म्यूजियम में तीन हॉल हैं। इसके अंदर हिंदू और बौद्ध धर्म में कई सारी कलाकृति और मूर्तियां मौजूद हैं। दुंगेश्वरी हिल्स पर आपको कई सारे मंदिर देखने मिल जायेंगे। यहां पर एक गुफा भी मौजूद है, जहां पर कई सारी प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा, बराबर गुफा, प्रेतशिला पहाड़ी, फोवा सेंटर के साथ कई सारे ऐसे स्थान हैं, जो कि आपकी पसंद का हिस्सा बन सकती हैं। इसके अलावा बोध गया में 18 फीट ऊंची बुद्ध की प्रतिमा है, जो कि इस शहर की निशानी मानी जाती है। इसे देखना न भूलें।
ऐसे पहुंचें बोध गया
बोध गया जाने के लिए वैसे कई सारे स्थान मौजूद हैं, इसके लिए आप हवाई मार्ग भी चुन सकती हैं। आप पटना और कोलकाता एयरपोर्ट से भी बोध गया जा सकती हैं। पटना से बोध गया 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। साथ ही भारत के हर शहर से घरेलू विमान यात्रा के लिए लिया जा सकता है। इसके अलावा, बोध गया स्टेशन भी पटना में मौजूद है। जहां से आप बोध गया घूमने की शुरुआत कर सकती हैं। पटना से राज्य पर्यटन निगम की बसें बोध गया लेकर जाती हैं। बोध गया घूमने के लिए आपके पास 2 से 3 दिन का समय जरूर होना चाहिए।
लोकप्रिय भोजन
अगर आप बोध गया जाने की सोच रहे हैं, तो यहां का लोकप्रिय भोजन लिट्टी-चोखा है। इसका स्वाद लेना न भूलें। मीठे में यहां पर सबसे अधिक लाई( मूढ़ी से बना हुआ), खाजा और अनरसा काफी पसंद किया जाता है। गया की मिठाइयां देश में काफी प्रसिद्ध है। इन मिठाइयों को सूखी शक्कर से बनाया जाता है। यहां पर ठहरने के लिए 300 से 500 रुपए के बीच में अच्छे होटल की सुविधा है। आप मार्च से अक्टूबर के बीच इस शहर में अच्छी तरह से घूम सकती हैं।