गौर करें तो हिंदी दिवस हर साल पूरे भारत में 14 सितंबर को मनाया जाता है। लेकिन विश्व हिंदी दिवस का एक अलग महत्व है और वर्ष 2006 से इसे हर साल 10 जनवरी को मनाया जा रहा है। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।
क्यों मनाया जाता है ये दिवस
वर्ष 1949 में दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार हिंदी बोली गयी थी और 2006 में ही पहला विश्व हिंदी दिवस देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा मनाया गया था। गौरतलब है कि हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में माना जाता है और अंग्रेजी के अलावा यह भारत संघ की आधिकारिक भाषाओं में से एक मानी गई है। इसलिए विश्व हिंदी दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका भाषा के महत्व को बढ़ावा देना रहा है। ऐसे में इस दिन का महत्व यही है कि लोग इस भाषा का बढ़-चढ़ कर प्रसार-प्रचार करें। साथ ही साथ लोग इसके लिए भाषणों, प्रदर्शनों, संगीत और थिएटर कलाओं को चुनें, ताकि हिंदी भाषा को सही तरीके से सम्मान मिल सके। यह बात दिलचस्प है कि हिंदी, दुनिया के सांस्कृतिक और भाषाई परिदृश्य में एक प्रमुख भूमिका निभाती है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि इस भाषा की सुंदरता और विविधता की सराहना समय-समय पर की जाये और इसी उद्देश्य के साथ यह दिन मनाया जाता है।
वर्ल्ड हिंदी कॉन्फ्रेंस
यह जानना दिलचस्प है कि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार एक सम्मेलन भी आयोजित करती है। इसे ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ का नाम दिया गया है। और इसके बारे में चर्चा यह होती है कि पहली बार 1975 में नागपुर में यह आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन की खास बात यह है कि इसमें में 30 देशों के कुल 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
महत्व क्या है हिंदी दिवस का
विश्व हिंदी दिवस हिंदी भाषा के महत्व को चिह्नित करने और वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए मनाया जाता है। हिंदी को अनौपचारिक रूप से भारत में, विशेषकर देश के उत्तरी भागों में, राष्ट्रीय भाषा माना जाता है। यह देश की अभिव्यक्ति के सबसे बुनियादी पहचान दर्शाने में एक है। बता दें कि हिन्दी शब्द फारसी शब्द हिन्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सिंधु नदी का देश, ऐसे में विश्व स्तर में ऐसी पहचान हिंदी की मुकम्मल हो, इसकी लगातार कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि त्रिनिदाद और टोबैगो, नेपाल, सूरीनाम, गुयाना, मॉरीशस और फिजी में भी कुछ लोग हिंदी बोलते हैं। यही वजह है कि वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय विश्व हिंदी दिवस मनाने के लिए इस दिन को तय किया गया है।
हिंदी दिवस और वर्ल्ड हिंदी दिवस में क्या है अंतर
कई लोग इस बात को लेकर असमंझस में पड़ जाते हैं, वह 14 सितंबर को होने वाले हिंदी दिवस को ही हिंदी दिवस मानते हैं, फिर 10 जनवरी को मनाये जाने वाले वर्ल्ड हिंदी दिवस की उपयोगिता क्या है। तो आइए दोनों दिवस या दोनों दिनों की तुलना के बारे में विस्तार से जान लेते हैं। हिंदी दिवस मुख्य रूप से भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को नामित किये जाने के सम्मान में मनाया जाता है। जबकि वर्ल्ड हिंदी दिवस, प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन का जश्न मनाता है।
हिंदी के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य
हिंदी का अस्तित्व हमेशा ही कायम रहेगा। ऐसे में आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि हिंदी उन सात भारतीय भाषाओं में से एक है जिनका उपयोग वेब यूआरएल बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही सत्रह हिंदी दुनिया भर में लगभग 430 मिलियन लोगों की मूल भाषा है। वहीं हिंदी और नेपाली देवनागरी लिपि का उपयोग करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ शब्द अंग्रेजी हिंदी से लिए गए हैं, जिनमें चटनी, लूट, बंगला, गुरु, जंगल, कर्म और योग और ऐसे कई और नाम हैं, एक दिलचस्प जानकारी यह भी है कि अपभ्रंश, एक संस्कृत शाखा, हिंदी का सबसे पुराना रूप था और लगभग 400 ई में कालिदास ने अपभ्रंश में विक्रमोर्वशीयम् की रचना की। हिंदी संस्कृत की ही वंशज भाषा मानी जाती है और इसमें मूल भाषा की शब्दावली और वाक्य रचना बरकरार है। यह जानना भी दिलचस्प है कि ‘प्रेम सागर’ हिन्दी का पहला प्रकाशित उपन्यास था, पुस्तक, जिसमें कृष्ण किंवदंतियां शामिल थीं, लल्लू लाल द्वारा प्रकाशित की गई थी। एक सर्वे के अनुसार वर्ष 2050 तक हिंदी दुनिया की सबसे शक्तिशाली भाषाओं में से एक मानी जायेगी। यह भी दिलचस्प है जानना कि हिंदी वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर की अपनी ध्वनि है। साथ ही, हिंदी में शब्द उसी क्रम में बोले जाते हैं जैसे वे पृष्ठ पर दिखाई देते हैं।