विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पूरे विश्व में खासतौर से मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन का खास महत्व हो चुका है। तो आइए इस दिन के महत्व, इस साल के थीम के बारे में विस्तार से जानें।
कब मनाया जाता है यह दिवस
7 जून को खासतौर से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है, इस दिन की खास बात याद रखी जानी चाहिए। इस साल के अगर थीम की बात की जाए तो वर्ष 2024 के लिए खास थीम को तय किया गया है, जिसमें इस साल की थीम है, सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य। गौरतलब है कि इस दिन का महत्व इस लिहाज से है कि इस दिन को इस तरह से देखा जाता है कि हमारे जीवन में जिस तरह से खान-पान बेहद जरूरी है, वैसे ही खान-पान की गुणवत्ता को बरकरार रखना भी तो जरूरी है, इसलिए लोगों को इससे संबंधित रूप से जागरूक करना एक अहम बात है। इसलिए बाहर का खाना खाते हुए भी अगर फूड क्वालिटी मेंटेन यानी बैलेंस तरीके से नहीं परोसी जा रही है, तो उनको मेंटेन करना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ऐसे कई बार होता है कि बाहर का खाना या हम अगर बाहर से कोई सामान ला रहे हैं, तो वह खाना अच्छा नहीं होता है या फिर फ्रेश नहीं होता है और इसकी वजह से हम कई बार बीमार भी पड़ सकते हैं। तो इस तरह से लोगों को जागरूक किया जाए, तो अच्छा होता है। अगर बात WHO के आंकड़ों की की जाए तो उन्होंने कुछ गाइडलाइन रखे हैं, जिनमें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक खराब खाने के कारण एक दिन में करीब 16 लाख लोग बीमार होते हैं, तो वहीं एक और आंकड़े यह भी बताते हैं कि हर रोज पांच साल से कम उम्र के 340 बच्चे खराब गुणवत्ता वाले खाने की वजह से जान से हाथ धो बैठते हैं। एक बात और स्पष्ट है कि WHO के अनुसार डायरिया और कैंसर सहित करीब 200 बीमारियां ऐसी हैं, जो खराब और असुरक्षित खान-पान के कारण हो जाती है। यह भी एक महत्वपूर्ण जानकारी है कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ीं घटनाएं या स्थितियां ऐसी हैं, जो भोजन की खपत के साथ-साथ स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम से भी जुड़ा हुआ है।
इस दिन को मनाने की वजह
इस दिन को मनाने की एक बड़ी वजह यह भी है कि इस दिन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है कि लोगों को अच्छे खान-पान के लिए जागरूक किया जाए। साथ ही इस दिन के माध्यम से लोगों को खाने के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में भी बताने की कोशिश की जाती है। इस दिन की खासियत यह भी होती है कि इस दिन के माध्यम से लोगों को याद दिलाने की कोशिश होती है कि
शुद्ध और सुरक्षित भोजन सभी लोगों की सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि उनका एक महत्वपूर्ण हक और अधिकार भी है। साथ ही साथ इस दिवस का उद्देश्य लोगों को खाद्य सुरक्षा के विषयों के बारे में शिक्षित करना और सुरक्षित भोजन की पहुंच लोगों तक हो, इसको सुनिश्चित करना है। गौरतलब है कि इस दिन रैलियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही कई तरह के सेमीनार और कार्यशालाएं भी इस दौरान जरूर की जाती है। और तो और खाद्य सुरक्षा की जानकारी के लिए टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया का जम कर प्रयोग करने की कोशिश की जाती है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का इतिहास
अगर बात इस दिन के इतिहास के बारे में की जाए तो कृषि क्षेत्र अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) खाद्य मानक कार्यक्रम को लागू करने वाले कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन ने वर्ष 2016 में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया था, फिर इसके बाद यानी उसके अगले साल इस दिवस को जुलाई 2017 में मनाया गया। लेकिन फिर आगे चल कर खाद्य और कृषि संगठन के सम्मेलन ने अपने 40वें सत्र में एक प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए इसका समर्थन दिया, फिर अंततः 20 दिसंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपने अपने संकल्प 73/250 में विश्व खाद्य दिवस की स्थापना की और फिर उस साल से 7 जून 2019 को पहली बार विश्व खाद्य दिवस मनाया गया, जिसे खाद्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के वैश्विक प्रयासों में एक मील के पत्थर के रूप में देखा गया।
महत्वपूर्ण पहलू
अगर हम महत्वपूर्ण पहलुओं की बात करें, तो स्वास्थ्य सुरक्षा इसका सबसे अहम पहलू माना गया है। इन सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य-पदार्थ की बात करें, तो यह एक अहम बात है, क्योंकि इससे उत्पन्न रोगों से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते रहते हैं और यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है। वहीं खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने से खाद्य उत्पादों का वैश्विक व्यापार बढ़ता है और इसके निर्यात को प्रोत्साहित करता है। साथ ही साथ कृषि और खाद्य उत्पादन तकनीकों को अपनाने से भी कृषि में सुधार होता है, तो इस बात पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है। वहीं इस ओर भी ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की जा रही है कि खाद्य सुरक्षा से संबंधित समस्याएं जिनसे गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को परेशानी हो रही है। उन्हें भी सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराने से समाज समृद्ध होता है। इस बात का ध्यान रखा जाये, साथ ही साथ सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य उत्पादन प्रणालियों को भी बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है, ताकि इससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचे हैं और संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग हो। कुछ बातें जो स्पष्ट रूप से सामने आते हैं, जो कि तथ्यों पर आधारित है कि खाद्य संकट का सामना करने वालों की संख्या में वर्ष 2021 के बाद से 35 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई है, जो 58 देशों के 258 मिलियन लोगों को प्रभावित कर रही है। साथ ही साथ तीन में से एक व्यक्ति कुपोषण से पीड़ित है। साथ ही साथ यह जानना भी आपके लिए अनिवार्य है कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2022 में लगभग 828 मिलियन लोग भूख से पीड़ित थे और यह संख्या कोविड 19 की महामारी, संघर्ष, और जलवायु परिवर्तन के कारण और बढ़ी है। यह भी जान लें कि हर साल लगभग 60 करोड़ लोग असुरक्षित भोजन के खाने से बीमार पड़ते हैं।
WHO की खास बात कैसे रखें भोजन को सुरक्षित
WHO इस बात पर पुरजोर देता है कि बेहद जरूरी है कि आपके भोजन को साफ-सुथरा रखा जाये और स्वच्छता का ख्याल रखा जाए। इसलिए सबसे पहले वह इस बात पर जोर देता है कि आपको खाने से पहले हाथों को जरूर धोना चाहिए। कचरे की चीजों को छूने के बाद भी हाथों को जरूर धोना चाहिए। साथ ही दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि कच्चे और पके भोजन को हमेशा अलग रखने की कोशिश करें, क्योंकि कच्चे भोजन के बैक्टेरिया पके हुए खाने को खराब कर सकते हैं। तीसरी महत्वपूर्ण बात है कि खाने को कभी आधा पका या अधपका नहीं बनाएं। फूड थर्मामीटर का उपयोग भी आप कर सकती हैं। साथ ही साथ खाने को सही तापमान पर भी रखना जरूरी है और खाना बनाने के लिए सही पानी का इस्तेमाल करना जरूरी है।