भाई-बहन का त्यौहार रक्षाबंधन भाई-बहन के पर्व के रूप में तो मनाया ही जाता है, साथ ही इसे अन्य पर्व के रूप में भी मनाते हैं। इस पर्व को सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। पूरे भारत में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। आइए जानें विस्तार से।
कजरी पूर्णिमा
उत्तर भारत में रक्षाबंधन को कजरी पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसे बेहद खास तरीके से मनाया जाता है, इसे कजरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, इस दिन किसान अपने खेतों में फसल लगाते हैं, इस दिन दुर्गा से अच्छी फसल और उपज की कामना की जाती है।
नारियल पूर्णिमा
पश्चिम भारत में इसे नारियल पूर्णिमा के रूप में ही देखा जाता है, नारियल पूर्णिमा की खासियत होती है कि इसमें नारियल की पूजा होती है और इस दिन समुद्री क्षेत्र में रहने वाले मछुआरे वरुण देव और इंद्र देवता की पूजा कर समुद्र में नारियल फेंकते हैं। मान्यता है कि यह मछुआरों के लिए समुद्र देवता से विनती करने की एक परम्परा होती है।
राखी पूर्णिमा
राखी पूर्णिमा मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाई जाती है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, यहां रक्षाबंधन को ही राखी पूर्णिमा के नाम से पुकारा जाता है।
महाभारत में भी रक्षा बंधन का है संदर्भ
महाभारत में जब युधिष्ठिर इंद्रपस्थ में राजसूय यज्ञ कर रहे थे, उस समय सभा में शिशुपाल भी मौजूद था, शिशुपाल ने भगवान श्रीकृष्ण का अपमान किया तो श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया। लौटते हुए सुदर्शन चक्र नीचे गिर गया और भगवान की उंगली कट गई और रक्त गिरने लगा। उस समय द्रौपदी ने अपनी साड़ी के पल्लू को फाड़कर कृष्ण की उंगली में लपेट दिया था। उस वक्त कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा करने का निर्णय लिया।