भारतीय संस्कृति में ‘नमस्ते’ संस्कृति की अपनी पहचान है। विदेशी भी भारतीय की इस संस्कृति से बेहद प्रभावित होते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
नमस्ते का खास मतलब
हम में से काफी कम लोगों को यह पता होगा कि नमस्ते एक संस्कृत शब्द है। और संस्कृत भाषा भी काफी पुरानी भाषा है। यह 1500 ईसा पूर्व पुरानी भाषा है, ऐसे में आपके लिए यह जानना भी दिलचस्प होगा कि नमस्ते सिर्फ अभिवादन का एक तरीका नहीं होता है, बल्कि योग और प्रार्थना में भी इसका काफी महत्व होता है। और नमस्ते के अगर शुद्ध उच्चारण की बात की जाए तो ‘न’ ‘म’ ‘स्ते’ के रूप में किया जाता है, जिसमें 'नाम' शब्द का अर्थ है झुकना और 'स्ते' का मतलब है आपके लिए। मतलब नमस्ते का मतलब है, हमने आपको प्रणाम किया। यह एक माध्यम होता है कि हम किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति सम्मान, स्वागत अभिवादन और शिष्टाचार की भावना को दर्शाएं।
नमस्ते का इस्तेमाल
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के अलावा, नेपाल, बांग्लादेश और कई एशियाई देशों में भी नमस्ते की संस्कृति है। इन देशों में नमस्ते एक छात्र अपने शिक्षक के प्रति सम्मान दिखाने की भावना से करते हैं। साथ ही कई जगहों पर अगर कोई व्यक्ति विनम्रता या करूणा दिखाता है या सहायता करता है, तो धन्यवाद करने के लिए भी नमस्ते का उपयोग किया जाता है। नमस्ते किसी अन्य व्यक्ति, इकाई या देवता के प्रति प्रशंसा और सम्मान की अभिव्यक्ति है। इसका उपयोग नमस्ते अभिवादन और यहां तक कि अलविदा के रूप में भी किया जा सकता है, इसलिए आप किसी से मिलने पर, या अलग होने से पहले नमस्ते कह सकते हैं। नमस्ते किसी अन्य व्यक्ति या किसी के भी प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है। इसका उपयोग अभिवादन के साथ-साथ अलविदा कहने के लिए भी होता है।
योग में नमस्ते का मतलब
योग की दुनिया में नमस्ते कहने का एक खास महत्व है। आपने गौर किया होगा कि योग कक्षा की शुरुआत और अंत में नमस्ते कहा जाता है और यह छात्रों के बीच शिक्षक और उस कला के प्रति कृतज्ञता की भावना को दर्शाने के लिए किया जाता है। दरअसल, नमस्ते उस परम सत्य का सम्मान है कि हम सभी एक हैं, जिसे योग एक संरचनात्मक पद्धति के माध्यम से सिखाने का प्रयास करता है।
वैज्ञानिक फायदे भी हैं नमस्ते के
यह जानना भी जरूरी है कि नमस्ते के वैज्ञानिक फायदे काफी होते हैं और यही वजह है कि हम नमस्ते करते समय अपनी हथेलियों को आपस में जोड़ते हैं। इससे हमारी उंगलियां एक आ जाती हैं और वहां के एक्यूपॉइंट पर हल्का दबाव पड़ता है तो इसका अच्छा असर आंखों, दिमाग और कानों को मिलता है और इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है। इसलिए नमस्ते करने से शरीर में पॉजिटिविटी का विकास होता है और हमारे दिल को एक अलग तरह का सुकून मिलता है, जिससे हमारा मन शांत होता है और ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है।