नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। देशभर में मां दुर्गा की पूजा अलग-अलग तरीकों से की जाती है। नौ दिन तक मां दुर्गा की आराधना में लाखों लोग विलीन रहते हैं। यह पढ़ते ही आपकी आंखों के सामने मां दुर्गा की प्रतिमा आ गई होगी। बेहद सुंदर, भव्य और ऐसी आंखें जिनको देखते ही मानों, सारे दुख दूर हो जायें। आपकी भक्ति से मां दुर्गा भी अवगत हैं और यही कारण है कि आपकी रक्षा के लिए वह अपने दसों हाथों में तरह-तरह के शस्त्र धारण करती हैं। वह अपने भक्तों को कोई चोट न पहुंचे इसका पूरा ध्यान रखती हैं। हर परेशानी, हर बुरी चीज के लिए उनके पास अलग अस्त्र-शस्त्र हैं। वैसे, देखा जाए तो आपके आस-पास भी जीती-जागती मां दुर्गा हैं, बस कमी है तो उस नजर की जो उन्हें पहचान सके। तो आइए, आपको बताते हैं मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र का महत्व और आज के दौर में ये प्रासंगिक कैसे है, इसके बारे में विस्तार से।
शंख : वे रचती है पूरी सृष्टि
'ओम' नामक मौलिक ध्वनि का प्रतीक, जिससे पूरी सृष्टि उत्पन्न हुई। ऐसी मान्यता है कि यह भगवान वरुण द्वारा देवी दुर्गा को उपहार में दिया गया था। यह कहना गलत नहीं होगा कि एक महिला जब बच्चे को जन्म देती है, तो वह उसकी पूरी सृष्टि बनाती है। उसके लिए सब कुछ आसान हो, उसके लिए परीक्षाएं भी हों, उसके खान-पान और देख-रेख का जिम्मा एक मां पूरी तरह निभाती है, वह सब कुछ वैसे ही उत्पन्न करती हैं, जैसे कोई सृष्टि बन रही हो।
त्रिशूल : वे सामंजस्य से बसाती है दुनिया
ऐसा माना जाता है कि त्रिशूल भगवान शिव ने देवी दुर्गा को दिया था। इसके तीन नुकीले सिरे 'त्रिगुण', पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी के तीन गुणों के प्रतीक हैं। ये गुण हैं - सत्व, रज और तमः, इन तीन गुणों को आसान भाषा में समझाएं तो, सत्व -अच्छाई, शांति, सामंजस्यपूर्ण, रज - जुनून, गतिविधि, गति, और तम: अज्ञानता, जड़ता, आलस्य। आपके आस-पास ही आपको ये गुण आसानी से दिख रहे होंगे। एक औरत में आपको जहां अच्छाई, शांति, सामंजस्यपूर्ण दिखाई देता होगा, वही औरत जब काम के लिए निकलती है तो आपको उसमें रज यानी, जुनून, गतिविधि भी दिखाई देती होगी। साथ ही घर पर रहते हुए भी वह जिस तरह से परिवार के सदस्यों की बुराई को भूल कर लगातार अच्छाई से घर को संवारती हैं, वह दर्शाता है कि महिला सामंजस्य का प्रतीक है।
सुदर्शन चक्र : वे सब संभाल लेती है
ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने देवी दुर्गा को सुदर्शन चक्र भेंट किया। यह इस बात का प्रतीक है कि दुनिया देवी द्वारा नियंत्रित है और ब्रह्मांड सृष्टि के केंद्र के चारों ओर घूमता है। ऐसे में आपको तुरंत अपनी मां याद आ रही होगी। जैसे आपका पूरा ब्रह्मांड, आपका घर, आपकी मां के चारों ओर घूमता है। वो मानों, किसी देवी की तरह ही सुदर्शन चक्र संभाले सब कुछ संभाल लेती हैं, है न?
कमल फूल : वे अधूरे ज्ञान से संपूर्ण ज्ञान की तरफ ले जाती है
कमल को भगवान ब्रह्मा का प्रतीक माना जाता है, जो ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। आधा खिला हुआ कमल मनुष्य के मन में आध्यात्मिक चेतना के उदय का प्रतीक है। मां ही आपकी सबसे बड़ी गुरु हैं और बचपन को याद करें तो वही हैं, जिन्होंने आपके मन में आने वाले हर सवाल का जवाब दिया होगा। आधा फूल ज्ञान का खिलाकर उन्होंने आपको स्कूल भेजा होगा और वहां भी मिली होंगी आपको एक और देवी, जो आपकी टीचर बनकर आपके अधूरे ज्ञान को कमल की तरह पूरा खिला रही होंगी।
धनुष और बाण : वे ऊर्जा लेकर आती हैं
धनुष और बाण पवनदेव और सूर्यदेव ने दिए हैं, जो ऊर्जा के प्रतीक हैं। धनुष स्थितिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और तीर गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यह इस बात का भी प्रतीक है कि मां दुर्गा ही ब्रह्मांड में ऊर्जा के सभी स्रोतों को नियंत्रित करती हैं। अगर आप मुश्किल में हैं, तो सबसे पहला कॉल आप अपनी दोस्त को ही करती होंगी और हमें यकीन है कि वह धनुष और बाण न सही, लेकिन एक तरह की ऊर्जा लेकर आपके पास आती होंगी और सबकुछ ठीक कर देती होंगी।
तलवार : वे क्रांति भी लाती हैं
ऐसी मान्यता है कि देवी दुर्गा को तलवार भगवान गणेश ने दी है। यह ज्ञान का प्रतीक है। तलवार ज्ञान की तीक्ष्णता का प्रतिनिधित्व करती है ,जबकि इसकी चमक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है। तलवार एक कलम की तरह है, जिससे आप क्रांति ला सकती हैं। अपने ज्ञान का इस्तेमाल करके आप अपनी कलम को तलवार बना सकती हैं और इतिहास गवाह है कि लिख कर लायी जाने वाली क्रांति ने कई अच्छे बदलाव किये हैं।
वज्र : वे फिर से खड़ी ही जाती हैं, आत्मविश्वास जगाती हैं
इंद्रदेव का उपहार वज्र आत्मा की दृढ़ता और मजबूत संकल्प शक्ति का प्रतीक है। अदम्य आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति से मां दुर्गा अपने भक्तों को बलवान बनाती हैं। वज्र का उपहार आपका कोई करीबी आपको तब देता है, जब आप जिंदगी से हार जाते हैं। यह आपके ऑफिस में आपके साथ काम करने वाली कोई सहकर्मी भी हो सकती है। वज्र का उपहार आपके अंदर आत्मविश्वास जगाता है और आप फिर से उठ खड़े होने के लिए तैयार हो जाते हैं।
भाला : वे सही गलत का फर्क समझ जाती है, सही रास्ता दिखाती है
भाला शुभता का प्रतीक है और इसे भगवान अग्नि ने उपहार में दिया है। यह उग्र शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह सही और गलत कर्मों के बीच का अंतर जानता है। सही और गलत के बीच अगर आप कभी फंसे हैं, तो आपके आसपास आपके करीबी मानो, मां दुर्गा ही बन जाते हैं। भाला लिए वे आपको सही रास्ता दिखाते हैं।
सांप : वे धैर्य रख कर, फिर कुछ कदम उठाना सिखाती है
भगवान शिव का नाग चेतना और ऊर्जा का प्रतीक है। यह चेतना की निम्नतम अवस्था से उसकी ऊपरी अवस्था में परिवर्तन का भी प्रतिनिधित्व करता है। सांप जैसा शस्त्र तो आपके मन में ही है। जैसे किसी सिचुएशन में आप बिल्कुल शांत होकर सबकुछ समझते हैं और फिर उसे पूरा दम लगाकर ठीक करने में जुट जाते हैं।
कुल्हाड़ी : वे अपने हक के लिए आवाज उठाना सिखाती है
ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा द्वारा मां दुर्गा को एक कुल्हाड़ी और कवच प्रदान किया गया है। यह बुराई से लड़ने और किसी भी परिणाम से न डरने का प्रतीक है। बुराई से लड़ने के लिए अगर आपको शस्त्र उठाना पड़े, तो यह गलत नहीं है और ऐसा आपने आस-पास भी देखा होगा। इसका सबसे बेहतरीन उदहारण है देश की सीमा पर लड़ने वाले हमारे योद्धा।