भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की 70 प्रतिशत जनता अब भी गांवों में रहते हुए खेती पर निर्भर करती है। यही वजह है की मानसून इनके लिए खुशियों की सौगात लाता है और देश में शुरू होता है त्यौहारों का सिलसिला। तो आइए जानते हैं मानसून में मनाए जानेवाले कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ त्यौहार।
तीज
आम तौर पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड में यह पर्व मनाया जाता है। कजरी तीज, हरियाली तीज और हरतालिका तीज के नाम से मनाए जानेवाले ये त्यौहार, हर प्रांत में अलग विधि-विधान और अलग तारीख को मनाये जाते हैं, किंतु इसका स्वरूप एक है। इस दिन साज-शृंगार किया जाता है, सभी महिलाएं साथ में मिल कर गाना-बजाना करती हैं।
करमा जश्न
करम को समर्पित ये जश्न पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के साथ पूर्वी भारत के कुछ गांवों में मनाया जाता है। प्रकृति से जुड़ा ये महोत्सव मुंडादरी, हो, कुरुख, परगनिया, कोरबा, खारिया, ओरांव, कुरमाली, नागपुरी और संथाली समूहों के साथ कई अन्य आदिवासी समूहों को साथ लेकर आता है। इस महोत्सव के अंतर्गत सब मिल जुलकर फूल और लकड़ी लेने जंगल जाते हैं।
जन्माष्टमी
कृष्ण पक्ष की अष्टमी को वृंदावन में कृष्ण के जन्म अर्थात जन्माष्टमी को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। विशेष रूप से उनके जन्म स्थान वृंदावन, मथुरा और बरसाने में इस त्यौहार की छटा देखने लायक होती है। महाराष्ट्र में तो जन्माष्टमी के साथ गोकुल अष्टमी भी मनाई जाती है, जहां नवयुवक ऊंचाई पर लटकी और मटकी को फोड़ते हैं और उत्सव मनाते हैं।
गणेशोत्सव
विवेक और बुद्धि के देवता भगवान गणेश जी को समर्पित ये उत्सव मूल रूप से महाराष्ट्र का त्यौहार है, लेकिन अब इसे पूरे भारत में मनाया जाने लगा है। 11 दिनों तक अपने भक्तों के यहां मेहमान रूप में रहनेवाले गणेश सबके प्रिय हैं। यही वजह है कि गणेशोत्सव मानसून का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।
रक्षा बंधन
भाई बहन के प्रेम का प्रतिक रक्षा बंधन का त्यौहार पूरे भारत में श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। प्रत्येक भारतीय परिवार का ये प्रिय त्यौहार है, क्योंकि इस दिन पूरा परिवार एकजुट होता है और बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
मिंजर मेला
हिमाचल प्रदेश के चम्बा शहर में आयोजित होनेवाला एक सप्ताह का यह लोकप्रिय मिंजर मेला मक्के की अच्छी फसल का उत्सव है। ये मेला वहां के लोगों के लिए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस मिंजर मेले का मुख्य आकर्षण मिंजर जुलूस है, जिसे लोक-नर्तक, संगीतकारों और पारंपरिक पोशाक पहने भक्तों के साथ एक सुसज्जित रथ के साथ निकाला जाता है।
ओणम
मूल रूप से मानसून में अच्छी फसल के फलस्वरूप मनाया जानेवाला त्यौहार ओणम, सांस्कृतिक उत्सवों से भरे केरल का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। इस दिन केरल के हर घर में विशिष्ट पकवान बनाए जाते हैं, और भगवान को भोग लगाकर पूरे परिवार और इष्ट मित्रों के साथ इस भोजन का आनंद लिया जाता है, जिसे सद्या कहते हैं। इस दिन सभी लोग पारंपरिक पोशाकें पहनते हैं और घर के बाहर पुकलम नामक रंगोली सजाते हैं।
हरेली
हरियाली शब्द के लिए हिंदी शब्द का पर्याय हरेली पर्व, छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक कृषि पर्व है। मानसून के दौरान अच्छी फसल के लिए कृषि की पूजा की जाती है। गोंड जनजाति के बीच हरेली पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
बेहदीएनखलाम
मेघालय के जैंतिया हिल्स के जोवाई लोगों का सांस्कृतिक पर्व बेहदीएनखलाम, सात झोपड़ियों के देवता को समर्पित एक अनुष्ठानिक पर्व माना जाता है। माना जाता है कि इन देवता ने स्वर्ग से आकर पहाड़ियों में अपना राज्य स्थापित किया था। अच्छे मौसम और हैजा के दानव से अपनी सुरक्षा के लिए जोवाई लोग इनकी पूजा करते हैं। चार दिवसीय इस पर्व का मुख्य आकर्षण जोवाई पुरुषों का अपने मुंह पर कीचड़ लगाकर द्वंद्व युद्ध करना है।
साओ जोआओ
गोआ का ये मानसून महोत्सव, मूल रूप से सेंट जॉन द बैप्टिस्ट की दावत के प्रयाय के रूप में आयोजित किया जाता है। गोआ के साथ ये महोत्सव, पुर्तगाल में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन मदर मेरी ने प्रभु यीशु के जन्म की घोषणा की थी।
आदी पेरुक्कु
तमिलनाडु के सांस्कृतिक पर्व आदी पेरुक्कु को तमिल महीने आदी के अठारहवें दिन मनाया जाता है, इसलिए इसे पठिनेट्टु (अठारह) पेरुक्कु भी कहते हैं। इसी माह से वर्षा ऋतु में नदियों का जलस्तर काफी बढ़ जाता है। ऐसे में प्रकृति के प्रकोप से बचने और उसके प्रति अपनी कृतज्ञता दर्शाने के लिए इसे मनाया जाता है।
सापुतारा
सापुतारा मानसून महोत्सव, गुजरात पर्यटन की तरफ से मनाया जानेवाला एक महीने का उत्सव है। इसके अंतर्गत कई खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पौराणिक कथाओं, इतिहास और संस्कृति के समृद्ध मिश्रण का प्रतिक, ये महोत्सव गुजरात का मुख्य आकर्षण है।