पूरे साल आप किसी कंपनी में दिन रात मेहनत सिर्फ इसलिए करती हैं, क्योंकि आपको उम्मीद होती है कि साल में एक बार तो सैलरी जरूर बढ़ेगी, लेकिन जब सैलरी बढ़ जाती है, तो हम कभी यह योजना नहीं बनाते हैं कि उस पैसों का हमें क्या करना चाहिए, उसे किस तरह से निवेश करें, क्योंकि हम यह भूल जाते हैं कि आपकी जो सैलरी बढ़ती है, वह आपके खर्च से बढ़े हुए पैसे होते हैं, तो एक्सपर्ट हमेशा यही राय देते हैं कि उन पैसों को कहीं सही से निवेश किया जाए, न कि सैलरी बढ़ते ही अपने खर्च भी बढ़ा दिए जाएं। तो आइए जानते हैं कि उन जब भी सैलरी में इजाफा हो, उन पैसों का इस्तेमाल किस तरह से करें।
अपनी बढ़ी हुई सैलरी का 50 प्रतिशत बचाएं
एक्सपर्ट का यह मानना है कि धीरे-धीरे महंगाई बढ़ती जा रही है, ऐसे में अपनी बढ़ी हुई कमाई का 50 प्रतिशत हमेशा बचाने के बारे में सोचना चाहिए। जैसे अगर दस हजार बढ़े हैं, तो उसमें से कुछ पैसे बचाना ही बेहतर होगा। उन पैसों से एसआईपी शुरू कर देना सबसे बेहतर विकल्प होगा। आप इससे बांड्स, स्टॉक्स, म्युचुअल फंड्स और इंश्योरेंस भी ले सकती हैं।
रिटायरमेंट टर्म कवर
यह भी एक बेहतर विकल्प है कि आप रिटायरमेंट टर्म कवर करे, क्योंकि यह भी आपके भविष्य की योजनाओं के लिए बेहद जरूरी है। कंपाउंडिंग से यह सुनिश्चित होगा कि अगर निवेशक थोड़ा और पैसा बचाता है तो उसका रिटायरमेंट कॉर्पस बढ़ता है। इसके साथ ही इसे रिन्यू करते रहना भी जरूरी है।
इमरजेंसी फंड को बढ़ाएं
यह बेहद जरूरी है कि आप अपने जीवन में एक इमरजेंसी फंड जरूर रखें। कोरोना काल ने यह बात ठीक तरीके से समझा दिया है, सो इस बात का ख्याल रखना जरूरी है। तो, अगर आपने इमरजेंसी फंड बनाया है तो इनक्रिमेंट के साथ 2-3 फीसदी रकम उसमें और बढ़ा दीजिए। इस बात का ध्यान रखिए कि यह पैसे वैसे पैसे होने चाहिए, जो जरूरत पड़ने पर आप फौरन निकाल सकें, आपको इसे लेकर किसी भी तरह की दिक्कत न हो।
कर्ज को कम करने की कोशिश
यह तो सच है कि अगर आपने होम लोन लिया हुआ है, तो आपको कर्ज को चुकाने में दिक्कत तो आएगी, लेकिन अगर आपने कोई छोटा कर्ज ले रखा है, तो सैलरी आने पर सबसे पहले उसको चूका दें, इससे आपको ही फायदा होगा, भविष्य में आप पर किसी भी तरह का प्रेशर कम रहेगा।
लक्ष्य तय करना है जरूरी
अपनी बढ़ी हुई सैलरी के बाद, आपके लिए यह बेहद जरूरी हो जायेगा कि आप अपने लिए लम्बे समय वाले लक्ष्य और शॉर्ट यानी छोटे समय वाले लक्ष्यों के बारे में सोचें। जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, तो दूसरी तरफ लांग टर्म्स प्लान्स के बारे में भी सोचें।
बस याद रखें कि सैलरी बढ़ते ही आपको सेविंग्स यानी बचत के बारे में ही सोचना है।