सेविंग्स जरूरी है और उतनी ही जरूरी है अपनी सेविंग्स को सही प्लान में इंवेस्ट करना. सेविंग्स को लेकर कई तरह के विज्ञापन आपको देखने को मिल जाते हैं, उनमें से एक है, म्यूचुअल फंड- सही है. जी हां, बिल्कुल सही है. आजकल कई तरह के इंवेस्टमेंट प्लांस में से सबसे पॉप्युलर है म्यूचुअल फंड, जिसमें लोग अपना पैसा इन्वेस्ट करना सही मानते हैं. म्यूचुअल फंड में आप अपनी सुविधा के अनुसार एसआईपी के जरिए इंवेस्ट कर सकते हैं. तो हम आपको आज इसी तरह की स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या है एसआईपी
सबसे पहले तो जान लें कि सिप क्या होता है. सिप (SIP) का पूरा अर्थ है सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान. इस प्लान में आपको हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड की किसी एक स्कीम में डालनी होती है. यह आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुरू किया जाता है. इसके लिए आपको अपनी कोई भारी-भरकम रकम को एक साथ इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं है, जैसा कि फिक्स डिपॉजिट में होता है. इसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसमें इन्वेस्ट का जो अमाउंट आपने तय किया हुआ होता है, वह एक निश्चित तारीख को खुद-ब-खुद आपके अकाउंट में से निकल जाता है और इन्वेस्ट के लिए ले लिया जाता है.
कितना अमाउंट करें इन्वेस्ट
सिप में इन्वेस्ट करने के लिए जरूरी नहीं कि आपके पास बहुत सारा पैसा हो, तभी इन्वेस्ट किया जाए. आप कम-से-कम 100 या 500 से भी शुरुआत कर सकते हैं और आपके पास ज्यादा धन राशि है, तो उससे भी इन्वेस्ट शुरू कर सकती हैं.
प्रक्रिया है आसान
यदि आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहती हैं, तो आप किसी भी प्रोफेशनल से मिल सकते हैं, जो आपको आपके पैसों को कब, कितना और कहाँ इन्वेस्ट करना है, इसकी जानकारी दे देगा. यहां तक कि आप बैंक में जाकर भी बात कर सकते हैं, वहां बड़े धैर्य के साथ आपको हर तरह की स्कीम के बारे में समझाया जाता है. इसमें इन्वेस्ट करने के लिए आपको कुछ डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है, जैसे- एड्रेस प्रूफ और आइडेंटिटी प्रूफ की.
रिस्क से है दूर
यदि आप रिस्क लेने से डरती हैं, तो यह प्लान आपके लिए ही है, क्योंकि इसमें इन्वेस्ट करते समय आपको शेयर बाजार की चिंता नहीं रहती, यानी शेयर बाजार के भाव ऊंचे होने या गिरने से इस पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता और आप बेफ़िक्र होकर म्यूचुअल फंड में अपनी इनवेस्टमेंट को जारी रख सकते हैं.
इसका एक फायदा यह भी है कि यदि आप लॉंग टर्म प्लान में जाती हैं, तो आपको कंपाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है. यानी यदि आपने लंबे समय के लिए इन्वेस्ट किया है और उस समय के पूरा होने पर आपको जब रिटर्न मिलना होता है, तो आपके उस रिटर्न पर भी आपको रिटर्न मिलता है, जब तक कि आप अपने उस फंड को नहीं निकाल लेते हैं.
अकाउंट चेक
आजकल नेटबैंकिंग ने बहुत सारे रास्ते आसान कर दिए हैं. आप घर बैठे अपने अकाउंट पर निगरानी रख सकती हैं. इसी तरह आप अपने इन्वेस्टमेंट के बारे में अपने मोबाइल ऐप पर इसकी पूरी जानकारी पा सकती हैं यानी बेफ़िक्र होकर इनवेस्टमेंट किया जा सकता है.