महीने के अंत तक आमदनी कहां चली जाती है, यह हमें पता भी नहीं होता। इसका सबसे बड़ा कारण है शौक और जरूरत के बीच सही पहचान और बैलेंस न बना पाना। यह भी सही नहीं है कि आप अपना शौक पूरा न करें और अपनी जरूरत को पूरा न कर पाना भी सही नहीं है। तो, चलिए आपको बताते हैं कि अपने शौक और जरूरत के मुताबिक बजट को किस तरह से बाटें!
रखें हर छोटी-बड़ी चीज़ का हिसाब
सबसे पहले आप पिछले 6 महीने के सभी बिल और रसीद को इकट्ठा कर लें। वहीं अब इसके बाद आपने जो चीजें खरीदी हैं और जितना खर्च किया है, उसकी एक लिस्ट अलग से बना लें। इसमें अखबार के बिल या कार वॉश जैसे छोटे-छोटे खर्चों को भी शामिल जरूर करें। सबसे जरूरी लिस्ट बनाते समय आप अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट का भी शामिल जरूर करें। अब आप इस काम को 2-3 महीने तक लगातार करें। इससे आपको महीने के औसत खर्च का आइडिया मिल जाएगा।
फिजूल खर्चे को पहचानिए
जरूरत न होने पर भी, क्योंकि कोई लुभावनी स्कीम या सेल चल रही है आप शॉपिंग कर लेती हैं। आलस्य की वजह से खाना न बनाकर आप बाहर का खाना खाती हैं। यह सब फिजूल खर्ची ही है। आप जब अपनी सभी खर्च की लिस्ट बनाएंगी हैं, तो आपको खुद पता चलेगा की आपने बिना किसी जरूरत के फिजूल खर्ची की है। महीने के अंत में जो आपका बजट बिगड़ता है, वह आपकी फिजूल खर्ची का ही नतीजा है।
कुछ चीजों पर न हो कटौती
आप अपने घर का बजट बनाते समय अपने परिवार वालों के खर्चों पर हद से ज्यादा पाबंदी भी ना लगाएं। समय की विपरीत परिस्थिति में कभी-कभी ऐसी चीजें भी हो सकती हैं, जिससे कि आपका खर्च बढ़कर आपके घर का बजट हिल सकता है तो उसके लिए भी आपको पहले से ही तैयार रहना होगा। इतना ही नहीं अपने बेसिक खर्च जैसे कि रसोई में लगने वाली चीजें और जरूरी दवाइयों पर होने वाले खर्चों में हद से ज्यादा कटौती न करें। इसी के साथ ही घर का बजट बनाते समय आपको अपने फिजूल खर्ची को ध्यान में रखकर उसमें कटौती करें। घर का बजट बनाते वक्त भी अपने हर छोटे बड़े खर्चों पर ध्यान दें और जरूरी चीजों को ध्यान में रखकर ही अपना बजट बनाएं।
मेडिकल इंश्योरेंस
अस्पताल की जरूरत पड़ते ही एक लम्बा-चौड़ा बिल सामने आ जाता है। अपनों के इलाज के बीच अगर पैसों की कमी आए तो यह बहुत ही बुरा होता है। ऐसे में मेडिकल इंश्योरेंस एक सही सलाह है। अपने आर्थिक सलाहकार से बात करके अपनी सैलरी के अनुसार, अपने और अपने परिवार वालों के मेडिकल इंश्योरेंस जरूर कराएं।
सेविंग्स सबसे पहले
घर के बड़े सेविंग्स करना हमें बचपन से ही सिखाते हैं और यह गलत नहीं है। आपको हमेशा सेविंग्स के लिए अपने बजट को तैयार करना चाहिए। लॉन्ग टर्म हो या शॉर्ट टर्म, सेविंग्स करना बेहद जरूरी है और इसे नियमित रूप से करना चाहिए। सेविंग्स के लिए भी आर्थिक सलाहकार से बात करें और बाजार एक जोखिम को समझते हुए अपने सैलरी को समझें और निवेश करें!