हर महीने की पगार के साथ टैक्स का भुगतान एक बड़ा सवाल लेकर आता है। अक्सर ऐसा होता है कि सैलरी स्लिप पर टैक्स की कटती हुई रकम देखकर निवेश के माध्यम से हम इसे बचाने का प्रयास करते हैं। साल के अंत में टैक्स फाइल करने के दौरान कई बार आपकी वित्तीय प्लानिंग भी ऊपर-नीचे हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि आप साल की शुरुआत में ही आपकी वित्तीय प्लानिंग का पूरा डेटा टैक्स प्लानिंग के हिसाब से तैयार कर लें। आइए जानते हैं एक्सपर्ट हिना पांडे से।
क्यों जरूरी है आपके लिए टैक्स प्लानिंग
आपके वित्तीय प्लानिंग में टैक्स की प्लानिंग करना सबसे अहम हिस्सा है। इसकी वजह यह है कि आपको महीने के अंत में टैक्स भरने के साथ किसी भी तरह की कोई वित्तीय परेशानी न हो। वित्तीय प्लानिंग में टैक्स प्लानिंग में आपको टैक्स छूट, कटौती और फायदें के जरिए हर वित्त वर्ष में अपनी टैक्स की रकम को कम करने या भी संभालने में मदद मिलती है। जाहिर-सी बात है कि टैक्स की प्लानिंग करना हर किसी के आर्थिक विकास का अहम पड़ाव होती है।
साल की शुरुआत से करें टैक्स प्लानिंग
कई बार ऐसा होता है कि लोग साल के कुछ महीने गुजर जाने के बाद टैक्स की प्लानिंग शुरू करते हैं, जो कि एक गलत फैसला होता है। इसलिए साल के शुरू होने के साथ अपनी वित्तीय प्लानिंग और टैक्स प्लानिंग को एक साथ बैठकर करना चाहिए। इससे आपको सहायता मिलेगी की कि टैक्स बचाने के लिए आपको कहां पर कितना पैसा टैक्स बचाने के लिए निवेश करना है। इससे यह फायदा होगा कि सही रिटर्न वाली योजना को समझने और निवेश का अवसर मिलता है।
टैक्स प्लानिंग से पहले ये भी है जरूरी
टैक्स प्लानिंग करने से पहले आपको अपनी बचत को लेकर एक योजना बना लेनी चाहिए। टैक्स बचाने के लिए इंशोयरेंस प्रीमियम, होम लोन और बाकी के खर्च को ध्यान में रखकर ही अपने टैक्स की योजना बनाएं। यह भी ध्यान रखें, तो टैक्स बचाने के लिए पीपीएफ, बैंक एफडी और एनपीएस में निवेश कर सकती हैं।
31 मार्च से पहले निवेश जरूरी
हर साल नया साल शुरू होने से पहले मौजूदा वित्त वर्ष के आखिरी दिन तक निवेश और टैक्स सेविंग में पैसा जरूर लगा लें। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि टैक्स के कई सारे पैसे साल के अंत के 2 महीने में कट होते हैं, जो कि बाकी के महीने में नहीं कट हुए हैं। ऐसे में अगर आप पहले से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग कर लेती हैं, तो साल के अंत में टैक्स को बचाने के लिए आप कई सारे निवेश दिखा सकती हैं, जिससे टैक्स की बचत होती है।
टैक्स के लिए स्मार्ट प्लानिंग जरूरी
टैक्स की प्लानिंग करने के लिए सबसे जरूरी स्मार्ट वर्क करना होता है। इससे आप अपने आर्थिक हालात को भी संभाल कर रख सकती हैं। सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने निवेश की सभी कॉपी का रिकॉर्ड तैयार रखें। खासतौर पर पीपीएफ, बैंक के सारे बैलेंस की जानकारी की कॉपी को संभालकर रखें। अगर आपने टैक्स सेविंग के लिए एचआरए यानी की आपने रेंट के मकान को भी दिखाना चाह रही हैं, तो आपको इसे क्लेम करने के लिए एग्रीमेंट की कॉपी और हर महीने के रेंट की कॉपी को भी एक तरफ जमा करके रखना होगा।