जो आज में यकीन करते हैं, वह कल की फ़िक्र नहीं करते. है न? लेकिन कल की फ़िक्र भी तो जरूरी है. कल यानी 60 के बाद जब आपकी नौकरी नहीं होगी... जी हां, हम बात कर रहे हैं आपके रिटायरमेंट प्लान की, ताकि आप जब तक जिएं, ठाठ से जिएं. आप अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए बहुत कुछ प्लान करते हैं, थोड़ा खुद के बारे में भी सोचें कि जब आपके हाथ-पैर थोड़े कमजोर हो जाएँ, कमर थोड़ी झुक जाए और 9-5 जॉब से छुटकारा पा शरीर को थोड़ा आराम देना चाहें, तब भी ज़िंदगी आसानी से और बेफ़िक्र चलती रहे और इसके लिए प्लानिंग तो आपको आज से करनी होगी.
कब से शुरू करें प्लानिंग
यूं तो बचत की आदत आपको तब से होनी चाहिए, जब से आपके हाथ में आपका अपना कमाया धन हाथ में आने लगे. हर रोज़ बचत करें. जब आपकी एक निश्चित तनख्वाह घर आने लगे, तभी से रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर बचत करें.
बनें दूरदर्शी
अगर आपने 30 साल की उम्र में रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू की है, तो आपके पास रिटायरमेंट लिए 30 साल हैं. रिटायरमेंट पर आपके पास कितने पैसे होने चाहिए और उस समय महंगाई कितनी बढ़ चुकी होगी और आपको आज की तुलना में कितना गुना ज्यादा पैसा चाहिए होगा, उसके अनुमान से आप आज से ही म्यूचुअल फंड में हर महीने कम से कम 2000-3000 रुपये निवेश करना शुरू कर दें.
हेल्थ संबंधी प्लान लें
ज़िंदगी आसानी से बसर हो, इसके लिए जरूरी है कि आपकी सेहत बनी रहे. तो इसके लिए आप हेल्थ संबंधी इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लें, ताकि आपकी जमा पूंजी बीमारी आदि पर खर्च न हो और न ही पैसे के लिए आपको किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े.
कहां करें निवेश
यदि आप बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो आज से ही सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए इंवेस्ट करना शुरू कर दें, क्योंकि जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतना बेहतर रिटर्न मिलेगा. आप हर महीने कुछ अमाउंट की बचत करके उससे सिप शुरू कर सकते हैं. इसके तहत एक निश्चित व नियमित अंतराल पर एक निश्चित रकम आपके बैंक अकाउंट से अपने आप कट जाती है और इसे म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर दिया जाता है.
रिस्क फैक्टर को रखें ध्यान
कहीं भी निवेश करते समय आपको यह ध्यान देना चाहिए कि उसमें रिस्क कितनी है. अगर आपके रिटायरमेंट को अभी 10 साल से ज्यादा का वक्त बचा हुआ है, तो आप इक्विटी में इंवेस्ट करने के बारे में सोच सकते हैं, क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है. बेहतर होगा कि आप लंबी अवधि के लिए इंवेस्ट करें, इसमें रिस्क को थोड़ा कम किया जा सकता है.
फिक्स डिपॉजिट
जिन लोगों को इंवेस्टमेंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, उन्हें भी फिक्स डिपॉजिट सबसे आसान लगता होगा. इसमें आपके पास जितना भी बचत का पैसा है आप उसे एक निश्चित अवधि के लिए बैंक में फिक्स डिपॉजिट करा दें आपको हर महीने इसका ब्याज़ मिलता रहेगा. अवधि पूरी होने के बाद भी आप चाहें तो उस अमाउंट को फिर से फिक्स कर सकते हैं या जरूरत के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. बस, आप एक अच्छा प्लान चुनें.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
भारत सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) की स्कीम है. इस स्कीम के तहत आप कम-से-कम 1.5 लाख और अधिकतम 15 लाख रुपये तक इंवेस्ट कर सकते हैं. 1.5 लाख रुपये के इनवेस्टमेंट पर आपको हर महीने 1 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी. यदि आपने 15 लाख रुपये हर महीने इंवेस्ट किये हैं, तो आपको हर महीने 10 हजार रुपये की पेंशन 10 साल तक मिलेगी. उसके बाद जो भी आपका मूलधन है, वह वापस दे दिया जाएगा. पेंशन का भुगतान एनईएफटी या आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम के जरिये किया जाता है.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
यह भी सरकार की ही ओर से समर्थित एक स्कीम है जिसमें 60 साल से ऊपर के लोगों को फायदा मिलता है. आप यह स्कीम 5 साल के लिए ले सकते हैं. जो लोग 55 से 60 के बीच हैं, रिटायर हो गए हैं या वीआरएस ले ली है, वे इस योजना के पात्र माने जाते हैं. ज्वाइंट में यह सेविंग स्कीम पति/पत्नी के साथ शुरू कर सकते हैं. इसमें आप ज्यादा से ज्यादा 15 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं और कम-से-कम 1 हजार रुपये जमा कर सकते हैं. 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
यदि आप अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि इसके लिए एक सही वित्तीय सलाहकार की मदद लें. वो आपको हर तरह के प्लान्स को आपकी ज़रूरतों को देखते हुए बखूबी समझाएंगे.