हर लड़की शादी के ढेर सारे सपने देखती है और शादी फिक्स होते ही भविष्य के सुनहरे सपनों में खो जाती है. शादी से पहले कपड़े, ज्वेलरी की शॉपिंग, फ़ंक्शन व रस्मों-रिवाज की तैयारी, मेहमानों के आवभगत आदि बहुत कुछ जो करना होता है. ऐसे में कहाँ कुछ और सोचने का वक़्त निकाले. लेकिन एक बात और जानें कि शादी के साथ ही आपको अपने सुनहरे भविष्य के बारे में भी तो सोचना है. तो, इसके पहले कि आप अपने उनके साथ डेट पर हनीमून डेस्टिनेशन की प्लानिंग करें, कुछ बातें उनके साथ फाइनेंशियल प्लानिंग की भी कर लें. इस बारे में हमने बात की मुंबई के फाइनेंशियल कंसल्टेंट अमन मैक से. पेश है उनसे बातचीत के आधार पर यह लेख.
मासिक बजट बनाएं
शादी करने से पहले ये जरूर जानें कि आपके पार्टनर की आय कितनी है और आप दोनों की कुल आय मिलाकर घर खर्च कैसे चल सकता है. मंथली यानी मासिक होम बजट बनाएं कि आप दोनों के खर्चे कितने है और अपनी आय में आप इसे कैसे मैनेज कर पाएंगी. इसमें आप किराना, दूध, बिजली, फोन, इंटरनेट, बिल्स, मेड्स, रेस्टोरेंट्स, ट्रैवलिंग के अलावा जेब खर्च को भी शामिल करें.
घर को लेकर करें प्लानिंग
भविष्य में अपने सपनों का घर बनाने के बारे में भी अभी से डिस्कस करें. आप दोनों कब और कहाँ घर लेना चाहते हैं और इसके लिए आप लोगों के पास कितनी सेविंग्स है और होम लोन के बारे में आपके पार्टनर के क्या विचार हैं, इन पहलुओं पर भी डिस्कस करना न भूलें.
उधारी बकाया न रखें
सबसे पहले तो ये देखें कि आपके ऊपर कोई कर्ज तो बकाया नहीं है. क्रेडिट कार्ड्स आदि के बिल्स जरूर चुकता कर लें. कोई पर्सनल या होम लोन है, तो उसे चुका दें या अपने पार्टनर को इस बारे में पहले से ही बता दें, ताकि बाद में किसी बात को लेकर परेशानी न हो और आगे चलकर आपका मासिक बजट भी न गड़बड़ाए. शादी के बाद भी कोशिश करें कि आप क्रेडिट कार्ड पर उधारी न लें, बेहतर होगा कि कैश पेमेंट पर ध्यान दें, वरना क्रेडिट कार्ड्स के बिल्स कब लंबे-चौड़े हो जाते हैं, हम खुद ही नहीं जान पाते और फिर अपनी पसीने की कमाई से एक भारी-भरकम अमाउंट चुकाना पड़ता है.
जॉइन्ट अकाउंट न खोलें
शादी के बाद प्यार में इमोशनल होकर अक्सर नवविवाहित कपल जॉइन्ट अकाउंट खोल लेते हैं. ऐसा न करें. बेहतर होगा कि आप अलग-अलग अकाउंट ही रखें, फिर भले चाहेनॉमिनी अपने पार्टनर को ही बनाएं. इससे आप अपनी सैलरी को भी आसानी से मैनेज कर पाएंगे.
हेल्थ इंश्योरेंस है जरूरी
शादी के बाद कोई भी इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लें. हम आपको सलाह देंगे हेल्थ इंश्योरेंस लेने की, क्योंकि ज़िंदगी है, उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं और बीमारियाँ बिन बुलाए मेहमान की तरह होती है. ऐसे में इमरजेंसी में यह बहुत काम आती है. हेल्थ कवर के साथ आप टर्म इंश्योरेंस प्लान भी ले सकती हैं.
सेविंग्स के बारे में भी सोचें
हर महीने कुछ-न-कुछ पैसा जरूर बचाएं और एक अलग खाते में डाल दें. इसके लिए आप रेकरिंग अकाउंट भी खोल सकते हैं या म्यूचुअल फंड में सेविंग कर सकती हैं. पोस्ट ऑफिस में भी सेविंग्स के आपको काफी विकल्प मिलेंगे. इन पैसों से आप दोनों बाहर घूमने का प्लान कर सकते हैं या फिर भविष्य में बच्चे के लिए प्लान कर सकती हैं. कहने का मतलब है कि यह सेविंग्स समय आने पर आपके बहुत काम आएगी. तो इस पर बात करना कतई न भूलें.