अक्सर ऐसा होता है कि हर महीने अकाउंट में आने वाली सैलरी एक रास्ते से आती है और फिर कौन से अनजाने रास्ते से अकाउंट से बाहर चली जाती है। इसकी जानकारी हमें नहीं मिलती है। हर दिन छोटे-छोटे अमाउंट में पैसे ऐसे खत्म हो जाते हैं, जो पूरे महीने के अंत में केवल सैलरी का आधा तिहाई ही बच पाती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने हर महीने के बजट को पूरी योजना के साथ तैयार करें। सबसे जरूरी है कि आप अपने निजी और प्रोफेशनल खर्चों को लेकर अलग से प्लानिंग करें। तो आपको दोनों खर्चों को एक साथ मिलाने की गलती नहीं करनी चाहिए । ऐसा करने से आपका महीने का बजट बिगड़ता चला जाएगा और साल के अंत में सेविंग (बचत) के नाम पर आपके पास उम्मीद से काफी कम पैसे बचेंगे। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप अपना मासिक वित्तीय बजट तैयार कर सकती हैं।
क्या होता है बजट और क्यों जरूरी है बजट बनाना
आपके हर महीने का बजट यह बताता है कि आपको अपनी कमाई कब और कहां खर्च करनी है। बजट एक तरह से ट्रैकिंग टूल होता है, जो कि अधिक खर्च को रोकने में आपकी मदद करता है। सेविंग और वित्तीय खर्चों को संतुलित करने के लिए आपको अपने जीवन में बजट को बढ़ावा देना जरूरी है। बजट एक तरह से आय से अधिक खर्चों को संतुलित करने में आपकी मदद करता है। हर किसी को अपनी आय के खर्चों को संतुलित करना चाहिए। साथ ही आप कब, कहां और कितना खर्च करती हैं, इसे निर्धारित करने के लिए भी बजट जरूरी है।
आय और व्यय ट्रैक (expense track)
यह जान लें कि जब हम पैसा कमाते हैं, तो इसे आय के तौर पर ट्रैक करते हैं और जब हम अपनी आय के पैसे को खर्च करते हैं, तो यह व्यय ट्रैक के रूप में सामने आती है। आय और व्यय ट्रैक (expense track) को अपने जीवनशैली में अपनाना बेहद जरूरी है। आय और व्यय ट्रैक पहले से यह निर्धारित करने की अनुमति देता है कि हमारे पास उन चीजों को करने के लिए पर्याप्त पैसा होगा जो हमें यह बताता है कि हर महीने किस आधार पर हमें पैसे को खर्च करना है और सुरक्षित करना है। एक बार जब आप हर महीने का बजट तैयार कर लेती हैं, तो आपको हर महीने इसकी समीक्षा भी करनी चाहिए।
ऐसे करें अपने बजट को तैयार
आप अपने हर महीने की सैलरी को इस आधार पर विभाजित कर सकती है कि अपनी आय का 50 प्रतिशत जरूरतों पर खर्च करना, 30 प्रतिशत आप खुद की जरूरत और पसंद से जुड़ी चीजों पर खर्च करना और शेष 20 प्रतिशत की बचत करना। इस तरह से आप अपने खर्च के पैटर्न को समझ सकते हैं और फिर उसे संभाल भी सकती हैं। इससे आप आपातकालीन परिस्थिति में भी प्लान कर सकती हैं। आय का हिस्सा बचाना बजट बनाने का अंतिम लक्ष्य है और हर किसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप हर महीने एक निश्चित राशि बचा रहे हैं। आप अपनी आय, व्यय और बचत पर कई तरह की प्लानिंग के साथ हर महीने के आधार पर पूरे साल का एक सटीक बजट तैयार कर सकती हैं।
मासिक बजट में इन सभी को दें महत्व
बजट बनाने का सबसे अहम भाग यही है कि आप अपने हर महीने के खर्च के साथ हर महीने की सेविंग पर भी पूरा ध्यान दे सकें। बजट तैयार करना आपको अत्यधिक और अनावश्यक खर्च करने से भी सुरक्षित करता है। साथ ही आपको पैसे के प्रति जिम्मेदार भी बनाता है। एक सुनियोजित मासिक बजट तैयार करने के लिए आपको कुछ बातों को ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले अपने पैसे पर नियंत्रण प्राप्त करना। साथ ही साथ अपनी कमाई का सही तरीके से सही जगह उपयोग करना। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता करना। और इसके साथ ही अंत में सबसे जरूरी है महीने के बजट के आधार पर अपने हर दिन के खर्च पर नियंत्रण रखना। एक कुशल मासिक बजट के आधार पर आप अपने हर दिन का बजट सरलता से तैयार कर सकती हैं। शुरू में बजट के आधार पर खर्च करना आपको उलझन में डाल सकता है, लेकिन हाथ बांधकर पैसा खर्च करने की आदत आपको वक्त के साथ अपनानी होगी।
वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें
आपको हर महीने के साथ यह भी तय करना होगा कि साल भर में ऐसे कौन से जरूरी काम हैं, जिस पर आपके पैसे अधिक खर्च होने वाले हैं। यह भी याद रखें कि आपको अपने हर साल का वित्तीय लक्ष्य भी चुनना होगा। यह तरीका मासिक बजट तैयार करने का आपका पहला लक्ष्य होगी। उदाहरण के तौर पर आपको यह ध्यान देना कि इस साल आपके पास कोई बड़ी जिम्मेदारी है, जैसे-परिवार में किसी की शादी, सालगिरह, पार्टी, जन्मदिन या फिर कोई यात्रा। साथ ही आप हर महीने की अपनी आय के आधार पर साल के अंत में कितनी सेविंग करने का लक्ष्य बना रहे हैं, इसे ध्यान में रखते हुए अपने महीने का बजट तैयार करने की पहली सीढ़ी को चढ़ सकती हैं।
व्यय योजना बनाने का तरीका
अपनी आमदनी और खर्चों को समझने के लिए आपके पास हर दिन और हर महीने की व्यय योजना (expense planning) का होना बेहद जरूरी है। जब भी आप एक व्यय योजना बनाती हैं, तो आप इससे अपने पिछले खर्चों का भी रिकॉर्ड रख पाती हैं। ऐसा करने से आपको अपने हर दिन के खर्च का अंदाजा लग जाता है। इससे आपको हर महीने बजट बनाने में मदद मिलेगी। व्यय योजना बनाने के दौरान आप अपने परिवार से जुड़े हुए लोगों की भी मदद ले सकती हैं। इससे आपके परिवार से जुड़े लोगों को भी एक अंदाजा हो जाएगा कि आप हर महीने एक वित्तीय योजना के साथ अपनी कमाई को संतुलित करेंगी।
पिछले खर्चों का रिकॉर्ड क्यों जरूरी
आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि जो बीत गई सो बात गई, लेकिन मासिक बजट तैयार करने के दौरान आपके लिए बीती बात यानी कि बीता हुआ हिसाब जरूरी हो जाता है। पिछले खर्चों के आधार पर आप अपने आने वाले दिनों की पैसे से जुड़ी योजनाओं को मैनेज कर सकती हैं, जो कि आपकी एक तरह से सहायता भी करता है कि आपको पिछली बार खर्च में की गई किस गलती को दोहरा है या नहीं। साथ ही आपको हर महीने एक आइडिया भी देता है कि कैसे आप अपने खर्च और सेविंग को संभाल सकती हैं। उल्लेखनीय है कि कई बार ऐसा भी होता है कि आपको पिछले खर्च को देखते हुए आने वाले महीने के लिए अधिक पैसे भी मिल जाते हैं, जो कि आप अपने आगामी महीने के बजट या फिर सेविंग में शामिल कर सकती हैं।
घर खर्च पर सबसे पहली नजर
मासिक बजट में आपको सबसे पहले और सबसे अधिक महत्व घर खर्च पर होना चाहिए। आपके खान-पान का खर्च, निजी खर्च, बिजली, पानी, फोन बिल। अगर आप किराए के मकान पर रहते हैं, तो उसका किराया, इसके साथ आपके हर दिन की यात्रा के खर्च के लिए एक जरूरत राशि निकालकर एक तरफ रख दें। हर महीने के लिए कुछ अमाउंट मेडिकल के लिए भी रखें, ताकि परिवार में कोई भी मेडिकल इमरजेंसी आने पर आपको किसी से पैसे के लिए सहायता न मांगनी पड़े।
ऑनलाइन पेमेंट का न करें अधिक इस्तेमाल
पहले का दौर ऐसा था, जहां पर ऑनलाइन पेमेंट नहीं, बल्कि अलमारी में रखे हुए पैसे से घर खर्च मां चलाती थी। आज भले ही ऑनलाइन पेमेंट ने हमारे खर्च के लिए सुविधा लेकर आया है, लेकिन आप यह ध्यान देंगे, तो आपको इसका अंदाजा होगा कि ऑनलाइन पेमेंट के कारण आप कई बार शॉपिंग और खान-पान के लिए अधिक खर्च कर देती हैं। इसके बदले अगर आप इस योजना से काम करें कि आप अपने अकाउंट से जरूरत के पैसे जैसे 5 या 10 हजार रुपए निकालकर घर में रख लें। इसी से आप हर दिन के अपने खर्च को मैनेज करें। मान लें कि आपने अपने पर्स में 2 हजार रुपए रखे हैं। आपको यह तय करना चाहिए कि ये 2 हजार रुपए आपको अपनी जरूरत के हिसाब से 3 दिन तक खर्च करना है। ऐसा करने से आपके पास हर दिन खर्च करने के लिए एक टारगेट अमाउंट होगा और आप अधिक खर्च करने से सुरक्षित हो जायेंगी।
खुद को रखें क्रेडिट कार्ड से दूर
मासिक बजट बनाने से पहले क्रेडिट कार्ड को हमेशा खुद से दूर रखें। अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है, तो उसे अपने अलमारी में रख दें। कोई मेडिकल इमरजेंसी होने पर ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें। क्रेडिट कार्ड का नुकसान यह होता है कि यह आपको वो पैसा खर्च करने की अनुमति देता है जो आपकी कमाई का हिस्सा नहीं है। क्रेडिट का मतलब उधार होता है। क्रेडिट कार्ड के जरिए आप बैंक के कर्जदार बनते जाते हैं। साथ ही बैंक के जरिए क्रेडिट कार्ड पर ब्याज भी देना पड़ता है,जो कि आपके मासिक बजट को ही नहीं, बल्कि आपके पूरे साल के बजट को खराब कर देता है। कई बार क्रेडिट कार्ड के जरिए आप घर का कोई सामान भी खरीद लेते हैं और फिर हर महीने आपकी पगार से एक अमाउंट उस सामने के लिए बैंक आपके अकाउंट में से काट देता है। इस तरह से आपकी कमाई पर क्रेडिट कार्ड का बुरा असर पड़ता है।
फाइनेंस सलाहकार की मदद
अगर आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे आपको हर महीने का बजट तैयार करना है, तो इसके लिए आप फाइनेंशियल सलाहकार की मदद ले सकती हैं। एक फाइनेंस सलाहकार आपको एक सरल और सटीक बजट तैयार करने में पूरी मदद कर सकता है। साथ ही आप ऐसा करने से पैसे से जुड़े कई सारे जोखिम से खुद को सुरक्षित रख सकती हैं। पैसे को लेकर सबसे बड़ा जोखिम कर्ज लेना होता है और मासिक बजट के जरिए आप कर्ज से खुद को दूर रख सकती हैं।