करियर की शुरुआत के साथ सबसे बड़ी परेशानी आर्थिक समस्या को लेकर आती है। कई बार ऐसा होता है कि हम करियर की शुरुआत करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक समर्थन न होने के कारण खर्च और बचत को लेकर कई तरह की परेशानी और दुविधाएं हमारे करियर के दरवाजे पर खड़ी हुई नजर आती है। दूसरी तरफ हम यह भी सोचते हैं कि करियर शुरू होने के बाद फाइनेंस प्लानिंग करनी चाहिए, लेकिन जरा ठहरिए, क्या आपको पता है कि करियर शुरू होने से पहले भी आपको एक मजबूत फाइनेंस प्लानिंग की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
शुरुआत में ऐसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग
करियर के शुरुआती समय में सबसे बड़ी दिक्कत पैसों को लेकर यह आती है कि आप अपने बजट को ठीक से तय नहीं कर पाती हैं, जी हां, करियर की शुरुआत में आपके अधिक खर्च बढ़ जाते हैं, ऐसे में घर के साथ आपका भी एक बजट खर्च तैयार हो जाता है, जिसके बारे में आपके पास जानकारी होनी आवश्यक है। करियर की शुरुआत में बजट को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले आपको अपनी बचत के साथ खर्च के लिए अपनी इनकम को भी अलग करना होता है। साथ ही आपके हर दिन के साथ अपने आने वाले दिनों की भी प्लानिंग सही तरीके से करनी होती है। आपको यह पहले से अनुमान लगाना होगा कि आगे आप जो करना चाहती हैं, उसके लिए आपके पास कितने पैसे होने चाहिए और साथ ही आपके पास बचत की कितनी राशि होनी चाहिए, इस बात का भी अंदाजा आपको पहले से लगाना होगा, ताकि इससे आप करियर की शुरुआत में ही खुद को आर्थिक तौर पर किसी भी तरह की दिक्कत का शिकार नहीं होने दे पायेंगी।
पैसा बचाने की आदत
अगर आपको करियर की शुरुआत से पहले अधिक खर्च की आदत रही है या फिर आप इस बात का अंदाजा नहीं लगाते थे कि आप किस तरह तेजी से खर्च कर रही हैं, तो यह जरूरी है कि आप करियर शुरू करने के साथ ही खुद को पैसे बचाने की आदत में शामिल करें। यह बहुत जरूरी है कि आप अपने खर्चों का हिसाब- किताब रखें और अपने पैसे से बचत करें। एक सही तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग में बचत का अहम किरदार होता है। आप अगर अपने निजी फाइनेंस को संभालकर आगे बढ़ाना चाहती हैं, तो बहुत जरूरी है कि आप अपने बचत का ध्यान रखें। कोशिश करें कि आपके हर दिन के खर्च के साथ आप कितना पैसा बचा पाती हैं। आप अगर 10 रुपए के खर्च में हर दिन 1 या 2 रुपए भी बचा पाती हैं, तो इससे आपको पैसे की बचत करने का आसान रास्ता मिलता है और वक्त के साथ आपको इसकी आदत भी हो जाती है। करियर की शुरुआत में अगर आपके खर्च कम है, तो आप अपनी हर महीने की कमाई का 10 से 20 फीसदी हिस्सा बचत के रूप में रख सकती हैं। हो सकता है कि वर्तमान में बचे हुए पैसे भविष्य में आपके लिए इमरजेंसी फंड के तौर पर काम आए।
ध्यान रखें निवेश के सही पर्याय के बारे में
आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आपके पास निवेश के लिए सही और जरूरी पर्याय कौन-कौन से हैं। अगर आप बचत कर रही हैं, तो आपके पास निवेश करने के लिए यानी कि अपने पैसे को सुरक्षित करने के लिए भी सही पर्याय का होना जरूरी है। आप कभी भी अपने बचत के पैसे को किसी बैंक अकाउंट में न रखें। बैंक में सुरक्षित पैसे कभी न कभी खर्च हो जाते हैं और हमें इस बात का अंदाजा नहीं होता है कि जो पैसे खर्च हो रहे हैं, वो पैसे हमारे सेविंग्स का ही हिस्सा हैं। इसलिए आपको सही निवेश के पर्याय चुनकर वहां पर पैसा लगाना चाहिए। आप इसके लिए किसी ऐसे जानकार की मदद ले सकती हैं, जिसके पास कई तरह के पर्याय मौजूद रहते हैं। यह ध्यान रखें कि निवेश छोटा है या बड़ा यह मायने नहीं रखता, बल्कि यह जरूरी है कि आप एक छोटे से निवेश के लिए भी पूरी तरह से रिसर्च करें, तभी अपने बचत के पैसों का निवेश करें।
इंश्योरेंस और इमरजेंसी फंड उपयोग भी जरूरी
करियर की शुरुआत में सबसे जरूरी है कि इंश्योरेंस का भी ध्यान देना। यह माना गया है कि अपनी साल भर की सैलरी का करीब 10 गुना मेडिकल के लिए जरूर रखना चाहिए। इससे आपको यह लाभ हो गया कि अगर आप या फिर आपका परिवार किसी मेडिकल परेशानी का सामना करते हैं, तो इस इंश्योरेंस आपके लिए बड़ी सहायता लेकर आ सकता है। इंश्योरेंस आपके लिए बैकअप आर्थिक सहायता का काम करता है। यह भी जरूरी है कि आप अपने लिए इमरजेंसी फंड भी जुटा कर रखें। कभी भी किसी तरह का इमरजेंसी हालात आपके सामने आ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने लिए इमरजेंसी फंड की व्यवस्था जरूर करके रखें। आप इसे अपने आर्थिक लक्ष्य में जरूर रखें। आपको अपनी सैलरी का कम से कम 3 से 5 फीसदी हिस्सा हर महीने भी निवेश करते जाएं। यह याद रखें कि किसी भी तरह के हालात में आपके लिए इमरजेंसी फंड काफी काम आता है।
कर्ज के जाल से बचें
आपके लिए यह भी सबसे अहम है कि आप खुद को कर्ज के जाल में फंसा कर न रखें। जी हां, करियर की शुरुआत में आपके लिए सबसे जरूरी खुद के करियर को संभालते हुए आर्थिक दिक्कतों का सामना करना और उसे संभालना है। ऐसे में अगर आप अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज का सहारा लेती हैं, तो यह आपको मुश्किल में डाल सकता है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना इन दिनों आम बात हो गई है। कई बार लोग घर और कार खरीदने के साथ घर की जरूरत भरी चीजें जैसे टीवी, फ्रिज और मोबाइल केलिए भी कर्ज लेने से पीछे नहीं हटते हैं, जो कि आपकी आज की जरूरत को पूरा करता है लेकिन आपको कर्ज के मायाजाल में फंसा देता है। कई बार लोग अपनी इन्हीं सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन भी ले लेते हैं। नतीजा यह होता है कि लोगों को पर्सनल लोन और दूसरे तरह के लोन के लिए ब्याज के तौर पर एक मोटी रकम चुकानी पड़ती है। यह जान लें कि पर्सनल लोन की ब्याज की दर अधिक होती है। इसलिए अपनी जरूरतों और सपनों को करियर की शुरुआत में एक तरफ रखें और अपना ध्यान वर्तमान में रखें। खुद को करियर की शुरुआत में आर्थिक तौर पर निखरने का मौका दें न कि बिखरने का।
क्रेडिट कार्ड से दूरी जरूरी
अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड मौजूद है, तो इसे अपनी पहुंच से बाहर रख दें। कुछ दिन के लिए यह भूल जाएं कि आपके पास क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी है। इसकी वजह यह है कि क्रेडिट कार्ड के जरिए आप पहले सामान खरीद लेते हैं। उधार पर लिए गए सामान के पैसे बैंक को बाद में चुकाने पड़ते हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आप खुद को उधारी की सीढ़ी पर चढ़ाना शुरू कर देंगी। इस वजह से क्रेडिट कार्ड के उपयोग के साथ किसी से उधार लेने की सोच को भी करियर ब्रेक के पहले और बाद में जगह न दें।
खर्च पर रखें ऐसे ध्यान
अपनी आमदनी और खर्चों को समझने के लिए आपके पास हर दिन और हर महीने की व्यय योजना (expense planning) का होना बेहद जरूरी है। जब भी आप एक व्यय योजना बनाती हैं, तो आप इससे अपने पिछले खर्चों का भी रिकॉर्ड रख पाती हैं। ऐसा करने से आपको अपने हर दिन के खर्च का अंदाजा लग जाता है। इससे आपको हर महीने बजट बनाने में मदद मिलेगी। व्यय योजना बनाने के दौरान आप अपने परिवार से जुड़े हुए लोगों की भी मदद ले सकती हैं। इससे आपके परिवार से जुड़े लोगों को भी एक अंदाजा हो जाएगा कि आप हर महीने एक वित्तीय योजना के साथ अपनी कमाई को संतुलित करेंगी।