इन दिनों बाजार में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं, जाहिर सी बात है कि ऐसे में आपके दिमाग में कई बार यह बातें आती हैं कि निवेश के लिए कौन सा विकल्प सही है, कौन सा नहीं, क्योंकि निवेश के बाद, हम कभी भी यह नहीं चाहते हैं कि हम रिस्क भी लें और रिटर्न भी न मिले, इसलिए हम आपको ऐसे कुछ विकल्प बता रहे हैं, जिसमें आप कम रिस्क में अच्छा रिटर्न हासिल कर सकती हैं।
पीपीएफ
पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक ऐसा फंड है, जिसमें आपको अधिक जोखिम रखने की जरूरत नहीं होती है, भले ही इसमें काफी ब्याज न मिले, लेकिन निवेश के लिए यह अच्छा विकल्प है, क्योंकि एक सीमित समय के बाद, आपके पास अच्छे पैसे जमा हो जाते हैं और जिसको आप अपने बच्चे या किसी भी महत्वपूर्ण काम के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें आपको हर साल अपनी आय और जरूरत के मुताबिक धनराशि जमा करनी होती है, इसमें लगभग 7.1 प्रतिशत मिलता है। इसमें आप एक साल में 500 रुपये से लेकर डेढ़ लाख तक जमा कर सकती हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट करना भी वर्तमान दौर में एक अच्छा विकल्प है, जिसे आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए आप किसी भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट, जिसे एफडी कहते हैं रख सकती हैं। वर्तमान दौर में फिक्स्ड डिपॉजिट में 7. 85 प्रतिशत तक ब्याज मिल जाता है, जिसे आसानी से चुना जा सकता है।
सोना
सोना हमेशा ही एक अच्छा निवेश माना जाता है और काफी सुरक्षित भी माना जाता है, इसलिए आपको सोना में निवेश तो करना ही चाहिए, इसमें जोखिम भी पूर्ण रूप से कम होता है। हालांकि सोना खरीदने से अच्छा विकल्प होता है कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश किया करें। ईटीएफ एक तरह से डिजिटल गोल्ड निवेश है, इसके बारे में किसी एक्सपर्ट की राय जरूर ले लें।
म्यूचुअल फंड्स
यह भी निवेश करने का एक शानदार तरीका है, जिसमें आपको निवेश के साथ इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपको लंबा समय गुजारना है, ऐसा नहीं है कि आपने आज पैसे डाले और इसमें एक साल में आपको मुनाफा नजर आने लगेगा, लेकिन अगर आप लंबे समय तक इसमें निवेश करती हैं, तो आपको इसमें अच्छा फायदा मिलेगा, सो जरूरी है कि इस निवेश पर भी विस्तार से सोचें।
नेशनल पेंशन स्कीम
नेशनल पेंशन स्कीम में भी आपको निवेश करने के बारे में विस्तार से सोचना है, नेशनल पेंशन स्कीम आपके बुढ़ापे के लिए एक अच्छी स्कीम होती है, इसमें भी आपको जरूर पैसे डालने चाहिए। इसे स्कीम को पैसे कमाने के लिहाज से नहीं, बल्कि बुढ़ापे की बचत के हिसाब से ही देखिए।