होम मेकर महिलाओं के लिए बचत करना आसान नहीं होता है। घर की जिम्मेदारी संभालने के साथ होम मेकर का ध्यान इस बात पर होता है कि कैसे घर के खर्च के बीच पैसे की बचत की जाए। होम मेकर के ऊपर पूरे घर के खर्च और परिवार की जिम्मेदारी होती है। होम मेकर महिलाओं के लिए बचत अहम होती है, क्योंकि यह उन्हें वित्तीय सुरक्षा, आजादी और आत्मनिर्भरता प्रदान करती है। इसके अलावा उन्हें कुछ खास बैंक सेविंग्स योजनाएं होती हैं, जो कि महिलाओं के लिए खास लाभ और रियायतें प्रदान करती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं, होम मेकर महिलाओं के लिए जरूरी बैंक सेविंग्स और इसके नियम कौन-से हैं। महिला बचत खाता

होम मेकर महिलाएं सबसे पहले अपना बचत खाता तैयार कर सकती हैं। ऐसे में कई बैंक महिलाओं को बचत खातों पर विशेष सुविधाएं देती है। खासतौर पर न्यूनतम बैलेंस की छूट, अतिरिक्त ब्याज दर और बैंकिंग शुल्क में छूट दी जाती हैं। इस खाते के अंतर्गत आपको बैंक के नियमानुसार कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है , जैसे कि पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और पैन कार्ड। इससे महिलाओं को यह फायदा मिलता है कि इससे अधिक ब्याज दरें, कर में छूट और वित्तीय योजनाओं में प्राथमिकता मिलती है।
महिलाओं के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट

यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि होम मेकर महिलाएं पाई-पाई से पैसे जोड़ती हैं। ऐसे में अपने जमा पैसे को महिलाएं किसी भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के तौर पर रख सकती हैं। महिलाओं के लिए बैंकों में एफडी पर सामान्य बचत खातों के मुकाबले अधिक ब्याज दर मिलती है। इसके लिए आपको निश्चित समय के लिए पैसे जमा करने होते हैं, जैसे की 6 महीने, एक साल या फिर 3 साल के लिए। इस अवधि को चुनने के बाद आप पैसे नहीं निकाल सकती हैं। जान लें कि लंबी अवधि के लिए यह एक सुरक्षित निवेश योजना है, जो निश्चित रिटर्न देती है। साथ ही महिलाएं इस पर उच्च ब्याज दर भी पा सकती हैं।
पीपीएफ

पीपीएफ यानी कि पब्लिक प्रोवािडेेंट फंड एक तरह से दीर्घकालिक निवेश योजना है, जिसमें महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा मिलती है। उल्लेखनीय है कि पीपीएफ खाता किसी भी महिला के नाम से खोला जा सकता है और यह 15 साल की अवधि के लिए होता है। साथ ही इसमें हर साल जमा की जाने वाली राशि की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए की होती है। इस निवेश से टैक्स की भी बचत होती है और साथ ही अच्छी ब्याज दर भी मिलती है। दूसरी तरह यह एक सुरक्षित सरकारी गारंटी वाला विकल्प है।
स्वयं सहायता समूह में अकाउंट

होम मेकर महिलाएं स्वयं सहायता समूह में भी अपना अकाउंट शुरू कर सकती हैं। महिलाओं के लिए बैंक में सेविंग का यह भी एक तरीका है, जिसमें कई महिलाएं मिलकर एक समूह बनाकर पैसे को जुटाती हैं और फिर जरूरत के वक्त एक दूसरे को इन्हीं पैसों के साथ आर्थिक मदद भी देती हैं या फिर इस राशि को किसी छोटे व्यापार, ऋण या फिर किसी अन्य उद्देश्य के लिए भी खर्च करती हैं। हालांकि इस अकाउंट में पैसे सुरक्षित करने का एक नियम भी है। इस अकाउंट के लिए समूह में से कम से कम 5 महिलाएं जरूर होनी चाहिए और इसके लिए आपको एक तय योजना बनानी चाहिए। महिलाएं इसे मिलकर सामूहिक तौर से अपनी बचत बढ़ाने और छोटे बिजनेस को शुरू करने के लिए उपयोग कर सकती हैं।
बीमा और सुरक्षा योजनाएं

महिलाएं बीमा और सुरक्षा योजनाओं के जरिए भी बचत कर सकती हैं। जान लें कि कई बैंक महिलाओं को खास तौर पर बीमा योजनाएं जैसे कि जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा प्रदान करता है। इन योजनाओं में पॉलिसी लेने के लिए खास डॉक्युमेंटेशन की आवश्यकता होती है, जैसे कि मेडिकल रिपोर्ट, पहचान पत्र और पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। महिलाओं के लिए विशेष बीमा योजनाएं किफायती होती हैं और सुरक्षा प्रदान करती हैं।