रिटायरमेंट प्लान से पहचाने जानेवाले वित्तीय सहायता को आम तौर पर पेंशन प्लान कहा जाता है, जो रिटायरमेंट के बाद घर पर रहते हुए आपका बहुत बड़ा सहारा बनती है। आइए जानते हैं पेंशन प्लान से जुड़ी खास बातें।
क्यों जरूरी है पेंशन प्लान
पेंशन, जिसे सम्मान निधि भी कहा जाता है, का उद्देश्य है सम्मान के साथ आपको उसी तरह की जीवनशैली प्रदान करना, जैसा कि आप अपनी मंथली इनकम के दौरान अपनाया करती थीं। आम तौर पर सभी छोटी-बड़ी कंपनी अपने कर्मचारियों की इनकम के एक हिस्से को बतौर प्रीमियम अलग रखकर एक मॉनिटरी रिजर्व बनाती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद उनके अनुभवों से भरे सुनहरे वर्षों में आर्थिक रूप से उनकी मदद हो सके। फिलहाल सरकारी इंश्योरंस कंपनियों के अलावा कई बैंकिंग और नॉन- बैंकिंग इंश्योरंस कंपनियां भी हैं, जो आपके रिटायरमेंट को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए पेंशन प्लान ऑफर कर रही हैं। ऐसे में अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद अपना भविष्य सिक्योर करना चाहती हैं, तो आपको भी विभिन्न प्रकार की पेंशन स्कीम के साथ ये जानना बेहद जरूरी है कि आपके लिए कौन सा पेंशन प्लान बेहतर होगा।
पेंशन प्लान के प्रकार
सबसे पहले तो आप ये जान लीजिए कि पेंशनर के तौर पर भरे जा रहे प्रीमियम के मद्देनजर 3 तरह के पेंशन प्लान होते हैं, जिनमें इमिडिएट एन्युटी पेंशन प्लान, डिफर्ड एन्युटी पेंशन प्लान और यूनिट लिंक्ड पेंशन प्लान शामिल हैं। इमिडिएट एन्युटी पेंशन प्लान के अंतर्गत आपको पूरी प्रीमियम राशि एक बार में ही भरनी होती है, उसके बाद आपको निश्चित अवधि के बाद हर महीने या तीन महीने या छः महीनों में पेंशन की राशि मिलने लगती है। गौरतलब है कि यदि आपकी मृत्यु हो जाती है, तो यह राशि आपके नॉमिनी को मिलती है। डिफर्ड एन्युटी पेंशन प्लान में आपको प्रीमियम का एक लंपसम अमाउंट या पॉलिसी की अवधि के दौरान नियमित किस्तों का चयन करना होता है। पॉलिसी की अवधि के दौरान प्रीमियम के साथ उसका इंट्रस्ट भी जमा होता जाता है, जो पॉलिसी की समाप्ति पर रेगुलर पेआउट यानी नियमित राशि के रूप में मिलती है। इसके अलावा यूनिट लिंक्ड पेंशन प्लांस में आपके द्वारा भुगतान किए जानेवाले प्रीमियम को इंश्योरंस कंपनी कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों, जैसे बॉण्ड, स्टॉक और सिक्योरिटीज में निवेश करते है, जिससे पॉलिसी अवधि के बाद आपको अधिक राशि मिल सके। हालांकि आपको मिलनेवाली राशि बाजार की स्थिति पर निर्भर होती है। यदि आप इन जोखिमों से बचना चाहती हैं, तो आप इन विकल्पों की बजाय सरकारी सेक्टर्स में भी निवेश कर सकती हैं। वहां आपको पॉलिसी अवधि के अंत में एक निश्चित अमाउंट मिलेगा और आप बाजार जोखिमों से बच जाएंगी।
पेंशन प्लान की विशेषताएं
ट्रेडिशनल पेंशन प्लान के अलावा भारत सरकार की तरफ से चलाए जा रहे ऐसे कई पेंशन स्कीम हैं, जिनके बारे में आपको न सिर्फ जानना चाहिए, बल्कि सोच-समझकर उनमें इंवेस्ट भी करना चाहिए। पेंशन स्कीम के अंतर्गत नेशनल पेंशन स्कीम और एम्प्लॉई पेंशन स्कीम आते हैं। जोखिम न लेनेवालों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम एक आदर्श स्कीम है। स्कीम के अंतर्गत आपके प्रीमियम को इक्विटी, डेब्ट और सरकारी बॉण्ड में निवेश किया जाता है, जिसमें आप चाहें तो 60 साल की आयु कंप्लीट होने के बाद अपनी जमा राशि में से 60 प्रतिशत राशि लेकर 40 प्रतिशत राशि को पेंशन के तौर पर हर महीने ले सकती हैं। गौरतलब है कि 18 से 65 वर्ष के आयु वर्ग का कोई भी भारतीय नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकता है। इसके अलावा एम्प्लॉई पेंशन स्कीम खासकर उन सरकारी कर्मचारियों को ध्यान में रखकर बनाई गई स्कीम है, जिनका रजिस्ट्रेशन न सिर्फ एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन के तहत हुआ हो, बल्कि उन्होंने 10 सालों तक लगातार किसी सरकारी कंपनी में अपनी सेवाएं भी दी हों। इसमें उन कर्मचारियों का एम्प्लॉयर हर महीने उनकी सैलरी से प्रीमियम का पूरा भुगतान करता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को पेंशन के सभी बेनिफिट्स मिल सके।
पेंशन स्कीम के फायदे
रिटायरमेंट के बाद सम्मान से जीना हर किसी का सपना होता है, ऐसे में सम्मान निधि अर्थात पेंशन के कई फायदे हैं। इसमेँ सबसे पहला फायदा है पेंशन से मिल रही आर्थिक सुरक्षा के साथ आर्थिक आजादी। पेंशन का मूल उद्देश्य यही है कि रिटायरमेंट के बाद न सिर्फ आपके इनकम का एक निश्चित श्रोत बना रहे, बल्कि आपकी जीवनशैली पर ज्यादा फर्क न पड़े। इसके अलावा कंपाउंड इंट्रस्ट के कारण लगातार बढ़ती जा रही महंगाई से भी आप न सिर्फ बचे रहें, बल्कि निश्चिंत भी रहें। हालांकि इसके लिए जरूरी है सही पेंशन प्लान के साथ सही स्कीम का चुनाव करना, क्योंकि ये आपको बाजार के अधीन आनेवाली सारी जोखिमों से भी दूर रखती है। पेंशन प्लान से आपको आपके द्वारा दिए गए प्रीमियम पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80ccc के तहत कई टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं। हालांकि यह आपके प्लान पर भी निर्भर करता है कि आपने कौन सा पेंशन प्लान चुना है। यही वजह है कि पेंशन प्लान का चुनाव सोच-समझकर करें। आप चाहें तो इस सिलसिले में अपने किसी अनुभवी पारिवारिक सदस्य, दोस्त, रिश्तेदार या एक्सपर्ट की भी सलाह ले सकती हैं।
पेंशन प्लान चुनते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
इसमें दो राय नहीं कि पेंशन प्लान के तहत मिलनेवाली पेंशन राशि, आपके इनकम का महज एक हिस्सा होती है, इनकम नहीं। ऐसे में इन पैसों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए। हालांकि इससे ज्यादा जरूरी यह है कि आप जब अपने पेंशन स्कीम चुनें तो अपनी वर्तमान उम्र के साथ अपनी मंथली इनकम, मौजूदा खर्च, इनकम के सोर्स, महंगाई दर, जीवनशैली और रियटायरमेंट के बाद आपको कितनी राशि मिलनी चाहिए, इन सब बातों का भी भी विचार कर लें। रिटायरमेंट के बाद आपकी आर्थिक आजादी सही मायनों में इन्हीं बातों से आंकी जाती है। ऐसे में कोशिश करें कि अपने लिए सुनहरे भविष्य की योजना बनाते वक्त आप एक बेहतर पेंशन प्लान के साथ एक मजबूत नींव बनाएं, जो किसी भी स्थिति-परिस्थिति में न डगमगाए। हालांकि आप चाहें तो इन योजनाओं को बनाते समय रिटायरमेंट कैलकुलेटर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। रिटायरमेंट कैलकुलेटर से आप अपने रिटायरमेंट फंड का सही-सही आकलन कर पाएंगी।
सरकारी इंश्योरंस संस्थाएं
वर्तमान समय में अपने भविष्य के प्रति जागरूक कर्मचारियों को ध्यान में रखकर भारत सरकार के अधीन रहनेवाली कुछ इंश्योरंस संस्थाएं, लोगों को बेहतर पेंशन प्लान देने की कोशिशों में लगी हैं। इनमें लाइफ इंश्योरंस कॉर्पोरेशन की एलआईसी न्यू जीवन शांति प्लान और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एसबीआई लाइफ प्रमुख हैं। एलआईसी न्यू जीवन शांति प्लान एक नॉन-पार्टिसिपेटरी, नॉन-लिंक्ड और सिंगल प्रीमियम पेंमेंट प्लान है, जो डिफर्ड एन्युटी के साथ बेहतर रिटर्न देती हैं। इसमें आप एक साथ निवेश करके लंबे समय तक इनकम का लाभ उठा सकती हैं। सिर्फ यही नहीं दिव्यांगजनों के लिए इसमें ऐड-कवर का लाभ भी है। इसके साथ ही एसबीआई लाइफ एक नॉन-लिंक्ड, व्यक्तिगत बचत पेंशन योजना है, जो बेहतर पेंशन प्लान की तलाश करनेवालों के लिए एक अच्छी योजना है। इसके अंतर्गत आपकी राशि, रिवर्सनरी बोनस के साथ मिलती है, जिसे आपको पॉलिसी अवधि के दौरान जोड़ना होता है। इसमें आप पसंदीदा टर्म राइडर के साथ लाइफ कवर का भी लाभ उठा सकती हैं। सिर्फ यही नहीं, इसमें आपको न सिर्फ आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80ccc के तहत टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं, बल्कि इसमें पॉलिसी मेच्योरिटी के बाद यदि आप न रहें तो आपके पेंशन के हकदार आपके नॉमिनी होते हैं।