जीवन बीमा पॉलिसी हम सभी ने अपनी जिंदगी में इस शब्द को जरूर सुना है। इस शब्द की जरूरत को भी अब समझने की जरूरत है, क्योंकि आंकड़ों के मुताबिक भारत में सिर्फ 3.7 फीसदी लोगों के पास ही इंश्योरेंस है। परिवार में कोई एक कमाने वाला या वाली है, तो उसके जाने के बाद जीवन बीमा का महत्व समझ आता है। हालांकि आप जीवित हैं, तो भी इसके बहुत सारे फायदे हैं खासकर आपके रिटायरमेन्ट के बाद यह अहम भूमिका निभा सकता है। यही वजह है कि लोग अक्सर आपको बीमा कराने की सलाह देते हैं। अगर आपकी उम्र 40 के पार चुकी है, और अब आप जीवन बीमा लेने की सोच रही हैं, तो अभी भी बहुत देर नहीं हुई है, क्योंकि खुद को और अपने परिवार को भविष्य के लिए सुरक्षित करने की कोशिश हमेशा ही सही फैसला होता है, लेकिन हां इस उम्र में जीवन बीमा करवाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखने की आपको बेहद जरूरत है।
बीमा राशि तय करना
जीवन बीमा लेने से पहले इस बात पर विचार करना सबसे ज्यादा जरूरी है कि इसका कवर कितना होना चाहिए। पॉलिसी खरीदते समय आपको उम्र, अवधि, इनकम और भविष्य के खर्चो को ध्यान में रखना चाहिए। महंगाई को देखते हुए आप ऊंचा इंश्योरेंस कवर ले सकती हैं, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ आपकी आमदनी बढ़े न बढ़े, खर्चो में इजाफा जरूर होगा। बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनकी शादी भी आपकी ही जिम्मेदारी है।किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्थिति में कम बीमा होने से परिवार के भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
इस विषय की जानकार सी ए आरती दुबे की मानें तो 40 की उम्र वालों के पास उनकी सालाना कमाई का 20 गुना जीवन बीमा कवरेज होना चाहिए, तभी वह अपने परिवार के भविष्य को आनेवाले वक्त में सुरक्षित रख सकती हैं।
मेडिकल हिस्ट्री में हो पारदर्शिता
40 की उम्र ऐसी उम्र मानी जाती है, जिसमें कई बार आप शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी कुछ बीमारियों से ग्रसित भी हो जाते हैं। इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वाले कुछ लोगों लगता है कि अगर बीमारी के बारे में जानकारी अभी से दे देंगे, तो शायद प्रीमियम की राशि बढ़ जाएगी, लेकिन अपनी मेडिकल हिस्ट्री छुपाकर आप अपना ही सबसे ज्यादा नुकसान कर रहे हैं, जिससे कई बार क्लेम सेटलमेंट में भी दिक्कत हो सकती है। कुल मिलाकर आपका यह कदम आपके अपनों को भविष्य में आर्थिक संकट में डाल सकता है, जिनको आर्थिक रूप से संबल बनाने के लिए आपने पॉलिसी ली थी। उस पॉलिसी का फायदा उनको नहीं मिलेगा, इसलिए पॉलिसी लेते हुए हमेशा मेडिकल जानकारी सही दें।
पॉलिसी में हो इन पहलुओं पर फोकस
मौजूदा दौर में बाजार में 40 की उम्र के लिहाज से ढेरों पॉलिसी हैं। आप अपनी उम्र और जरूरत के मद्देनजर जीवन बीमा में इस बात का रखें खास ख्याल।
एन्यूटी या पेंशन प्लान्स
40 की उम्र एन्यूटी या पेंशन प्लान्स के लिए परफेक्ट मानी जाती है। आप रिटायरमेंट के बाद भी आत्मनिर्भरता के साथ बेहतर जीवन शैली जीना चाहते हैं, तो पेंशन प्लान करने से अच्छा क्या हो सकता है। आपको अपने जीवन जीवन बीमा में इस फैक्टर को अहमियत देने की जरूरत है।
यूलिप का सेविंग्स प्लान्स
40 की उम्र के बायर्स का अक्सर गोल सेविंग होता है, क्योंकि यह उम्र का बहुत अहम पड़ाव होता है। आपको पता होता है कि आनेवाले जिंदगी के अहम पड़ाओं के लिए बचत जरूरी है। ऐसे में निवेश करने पर आप लाइफ इंश्योरेंस के साथ अच्छा रिटर्न भी चाहते हैं, तो यूलिप यानि यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान ले सकती हैं। यूलिप, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और मार्केट लिंक इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट का कॉम्बिनेशन है। इसके तहत प्रीमियम का एक हिस्सा निश्चित समय के लिए इक्विटी या डेट फंड में निवेश किया जाता है। इससे आपके परिवार को आपके रहने और न रहने पर भी वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
40 की उम्र में आपके सामने भविष्य की तस्वीर लगभग साफ हो जाती है कि इतने लोग आप पर निर्भर हैं। भविष्य में बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी में ये खर्च आएगा और भी खर्चो के बारे में आपको समझ आ जाती है। उन खर्चो की समीक्षा करके टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लें। बीमाधारक की अचानक मौत हो जाने पर परिवार को इंश्योरेंस की पूरी रकम मिल जाएगी।
एक्स्ट्रा राइडर्स
राइडर का मतलब साफ शब्दों में कहें,तो पॉलिसी का एक एड ऑन कवर है, जो आपको कई मामलों में अतिरिक्त फायदा दे सकता है। इसमें अतिरिक्त लागत भी जुड़ती है, लेकिन 40 की उम्र के बायर्स ऐसे प्लान की अहमियत को समझते हैं, क्योंकि इस उम्र में लोग अलग-अलग जोखिमों से सुरक्षा की जरूरतों के बारे में जागरूक हो जाते हैं। एक्स्ट्रा राइडर्स क्रिटिकल इलनेस, डिसएबिलिटी और एक्सीडेंटल डेथ आदि से आपको और आप पर निर्भर रहने वाले परिवार को सुरक्षा देते हैं।