किसी भी परिवार के लिए निवेश और बचत की योजना बेहद जरूरी होती है, वहीं अगर मामला बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा है, तो इसकी कीमत और बढ़ जाती है। निवेश किसी भी प्रकार का क्यों न हो, उसके लिए एक पक्की योजना होना जरूरी है। अगर शिक्षा को लेकर पहले से बचत और निवेश नहीं किया जाता है, तो यह बच्चे की पढ़ाई पर सवालिया निशान लगाने के साथ आपको किसी बड़े कर्ज की तरफ भी लेकर जाती है। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे आप पढ़ाई के लिए बचत और निवेश कर सकती हैं।
ऐसे करें बचत
बच्चे की पढ़ाई के लिए प्लानिंग करने से पहले बचत की योजना बनानी शुरू करनी होगी। जिस तरह सैलरी के लिए बैंक में अलग से एक अकाउंट होता है, ठीक इसी तरह बैंक में एक अलग से खाता खुलवाना चाहिए, जहां पर हर महीने या फिर सप्ताह कुछ पैसे अपने सैलरी में से ट्रांसफर करना चाहिए। आप इसका इस्तेमाल गुल्लक समझ कर भी कर सकती हैं, जहां पर हर दिन कुछ न कुछ पैसे गुल्लक में डालकर एक बड़ा अमाउंट जमा किया जाता था, जो कि जरूरत के वक्त सबसे अधिक काम आता।
करें प्लानिंग, तैयार करें लक्ष्य
पैसे से जुड़ी हर तरह की सेविंग के लिए एक लक्ष्य और मजबूत योजना की जरूरत होती है। फाइनेंस सलाहकार हिना पांडे का कहना है कि अपने बच्चे के स्कूल जाने के साथ ही आपको उसके भविष्य के लिए पैसे सुरक्षित करने का पहला कदम उठाना चाहिए, हालांकि इस बात का अनुमान लगाना मुश्किल है कि शिक्षा के लिए भविष्य में कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि आपका बच्चा कौन से क्षेत्र को चुनता है और उस वक्त उसकी पढ़ाई का खर्च कितना होगा, यह समझना कठिन कार्य है। फिर भी आप एक अंदाज से पैसे सुरक्षित करने की शुरुआत कर सकती हैं। हर महीने आपको अपनी कमाई में से कितनी राशि शिक्षा के लिए सुरक्षित रखनी है, इसे लेकर एक योजना बनानी होगी, ताकि 4 से 5 साल बाद एक अच्छा अमाउंट शिक्षा के लिए सुरक्षित हो पाए।
सेविंग के लिए योजनाएं
बैंक में अलग से अकाउंट शुरू करने के साथ शिक्षा के लिए निवेश करने के लिए कई सारी योजनाएं भी मौजूद हैं। सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ, म्यूचल फंड के जरिए आप लंबे समय के लिए एक बड़ी रकम को सुरक्षित कर सकती हैं, इसके साथ पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम के जरिए आप 5 साल तक अपना पैसा सुरक्षित रख सकती हैं। यह सारे निवेश के ऐसे जरिए हैं, जिसमें आप एक तय सीमा से पहले पैसे नहीं निकाल सकती हैं।
अगर विदेश में पढ़ाई का है प्लान
अगर विदेश में पढ़ाई की योजना है, तो इसके लिए आपको एजुकेशन लोन लेना पड़ सकता है। एजुकेशन लोन के जरिए आपके बच्चे में भी पैसे को लेकर जिम्मेदारी का भाव पैदा होगा। अगर पढ़ाई के लिए लोन लेना पड़ता है, तो एक दफा इस पर गंभीर तौर पर सोचना चाहिए, क्योंकि लोन लेने के साथ उसे भरने की जिम्मेदारी भी आती है।
एजुकेशन के पैसे का न करें इस्तेमाल
कई बार ऐसा होता है कि एजुकेशन के लिए जमा किए गए पैसे का उपयोग किसी अन्य काम के लिए कर दिया जाता है, लेकिन माता-पिता को यह कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों की पढ़ाई के लिए सुरक्षित किए गए पैसे को किसी और जगह इस्तेमाल न करें। इससे आप अपने सालों की प्लानिंग पर पानी फेर सकती हैं।