परिवार के साथ रहते हुए भी हम पैसों के मामले में बेफ्रिक रहते हैं। हमारी यह सोच रहती हैं कि पैसों से जुड़ी जरूरत को हम अपने परिवार के साथ मिलकर पूरा कर सकती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दूसरे शहर में अकेले आप कैसे मनी मैनेज कर सकती हैं। जब भी आपको काम के सिलसिले में या फिर किसी दूसरी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे शहर में जाकर रहना पड़ता है, तो ऐसे में सबसे मुश्किल काम पैसों को संभालने से शुरू होता है। ऐसे हालत में जरूरी है कि आपके पास मनी मैनेजमेंट से जुड़ी कला का होना है। आपको यह तय करना आना चाहिए कि कब आपको कितना खर्च करना है। आइए जानते हैं विस्तार से।
खुद के लिए करें पैसे सुरक्षित

जानकारों का मानना है कि महिलाओं को अक्सर ऐसा लगता है कि पैसा जमा रखना यानी कि बैंक में पैसे रखना। लेकिन आपको यह ध्यान रखना है कि घर के ख़र्चों के साथ-साथ, आपको अपने लिए कैसे पैसे सुरक्षित रखते हैं। याद रखें कि इन पैसों से निवेश के बारे सोचें। आपको गंभीरता से अपने भविष्य के बारे में सोच कर चलना चाहिए, अपनी कमाई का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा आप भूल जाएं और उसे कहीं सही जगह पर निवेश करें।आजकल कई सरकारी निवेश के तरीके भी महिलाओं को ध्यान में रख कर तैयार किए जा रहे हैं, आप उनके बारे में अच्छे से जानें और फिर निर्णय लें।
एक शहर से दूसरे शहर में मनी मैनेजमेंट

आपको दूसरे शहर में अकेले रहना है, तो ऐसे में आपको सबसे पहले किराए के घर के बारे में सोचना होगा। इसके लिए आपको शिफ्ट होने से पहले किराए के घर को लेकर जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। जल्दबाजी में आप किराए के घर को लेकर कोई फैसला नहीं लें। अगर आप जल्दबाजी करती हैं,तो एक साल के लिए आप डिपॅाजिट के पैसे देकर अपने पैसे को फंसा देती हैं। इसलिए घर दूसरे शहर में जाकर रहने का फैसला लेने से पहले उस शहर के बारे में अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। अगर वहां पर आपके दोस्त और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं तो बुनियादी बातें, जैसे कि उस शहर में किराए का घर लेने में कितना खर्चा आता है। वहां कम से कम कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी। इन सभी बातों को जानने के लिए उनसे बात जरूर करें। इन छोटी-छोटी बातों की जानकारी से आप अपने फाइनेंस को आसानी से मैनेज कर सकती हैं। इस तरह की जानकारी आपका बजट बनाने में काफी मदद करेगी। साथ ही आपको किराए के घर को लेकर पैसे के हिसाब के बारे में भी पता चलेगा।
किराए के घर के लिए

आपको आस-पास यात्रा और अस्पताल,बाजार जैसी सुविधाएं भी देखनी है और साथ ही आपको यह भी देखना है कि आप महीने के कितने हजार किराए के लिए दे रही हैं।अगर आप अपनी नौकरी को लेकर शहर बदल रही हैं तो आपको यह देखना होगा कि आपके ऑफिस के आस-पास रहना महंगा है या आपके बजट का है। अगर ऑफिस लोकेशन के पास रहने से आपका बजट बिगड़ रहा है तो आपको उसके लिए थोड़ी दूरी पर भी घर मिले, तो सही है। हां, यहां इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी है कि आप घर से ऑफिस जाएंगी कैसे? क्या उस शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सही है? उसका कितना खर्च है? या वहां आप खुद कोई वहां खरीद कर आना-जाना कर सकती हैं। साथ ही आपको यात्रा के लिए बस और ट्रेन की सुविधा घर और ऑफिस से कितनी दूर है, इसका भी ध्यान देना होगा। क्योंकि हर दिन टैक्सी या रिक्शा से एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करना आपकी मनी मैनेजमेंट को हिला सकता है।
बनाएं अपने खर्च की लिस्ट

आपको एक शहर से दूसरे शहर में मनी मैनेजमेंट के लिए किराए के घर के बाद अपने खर्च की लिस्ट भी बनानी है। आपको यह ध्यान रखना है कि हर दिन किराए के अलावा आपको घर खर्च के लिए कितने पैसों की आवश्यकता पड़ेगी। वहीं साथ ही इमरजेंसी के लिए भी आपको कुछ खर्च अलग से रखना होगा। आपको .यह ध्यान देना होगा कि शिफ्ट होने के बाद आपके जरूरत के हिसाब से खर्च कौन-से हैं। ध्यान दें कि आपको जरूरत वाले खर्च पर पहले फोकस करना है। जैसे कि घर के लिए राशन का सामान, बिजली और खाने की व्यवस्था, ऑफिस और घर आने-जाने का किराया और साथ ही अस्पताल के खर्च के लिए कुछ पैसे एक तरफ रखना चाहिए। शिफ्ट होने के 6 महीने तक आपका फोकस केवल जरूरत के खर्चों पर होना चाहिए। एक बार आप अपने पैसों को सही तरीके से मैनेज कर लेती हैं, तो फिर आपको शौकिया चीजों पर खर्च करने के लिए सोचना चाहिए। अगर आप किसी बड़े शहर में जा रहे हैं, तो आप अपने शौक में कटौती कर सकते हैं। इससे आपकी जेब पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
मासिक आय को बांटना
आप यह भी कर सकती हैं कि अपने मासिक आय को कई भागों में बांटना। आप अपनी जरूरत के हिसाब से अपने हर महीने की कमाई को बांट सकती हैं। इससे आपको पैसे को लेकर महीने के अंत में कोई दिक्कत नहीं होगी। मान लें कि आपको 10 हजार रुपए महीने मिल रहे हैं। ऐसे में आप 4 हजार का राशन, 2 हजार बिजली और गैस का बिल, 2 हजार यात्रा के लिए और 2 हजार इमरजेंसी के लिए रख सकती हैं। इस तरह आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसों का बंटवारा कर सकती हैं।
नए शहर में सोच-समझकर खर्च करें
आपको नए शहर में हमेशा से ही सोच-समझकर खर्च करना चाहिए। जब भी आप नए शहर में जाती हैं, तो खर्च को लेकर घबराएं नहीं। हालांकि नए शहर में प्रवेश करने से पहले अपने पास पहले से जमा हुए पैसे जरूर रखें। इससे यह होगा कि नए शहर में आपको किसी भी हालत में आर्थिक तौर पर मजबूत होने में सहायता मिलेगी। नए शहर में पैसा ही आपके लिए किसी भी इमरजेंसी हालात को निपटने के लिए सहारा होता है। साथ ही आप जब भी किसी नए शहर में जाती हैं, तो किसी न किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में रहे, जिसे आप जरूरत के वक्त संपर्क कर सकें। साथ ही जब भी आप नए शहर में होती हैं, तो पार्टी और दोस्तों के साथ घूमने के साथ हाउस पार्टी के खर्च से खुद को कुछ समय के लिए दूर रखें। खासतौर पर शुरू के 6 महीने आपको शहर को समझना चाहिए और साथ ही कम खर्च में आगे बढ़ने की सीख लेनी चाहिए।
बैंक में जमा करें पैसे
नए शहर में मनी मैनेजमेंट करने की एक सीख बैंक को लेकर भी जुड़ी हुई है। कोशिश करें कि आप हर महीने अपनी पगार में से कुछ पैसे बैंक में जरूर सेव करें। भले ही आप महीने के 3 हजार बैंक में जमा करें। लेकिन ऐसा जरूर करें। बैंक में सुरक्षित किए हुए पैसे नए शहर में आपके लिए हर महीने का सहारा बन सकता है। अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड मौजूद है, तो इसे अपनी पहुंच से बाहर रख दें। कुछ दिन के लिए यह भूल जाएं कि आपके पास क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी है। इसकी वजह यह है कि क्रेडिट कार्ड के जरिए आप पहले सामान खरीद लेती हैं और फिर उधार पर लिए गए सामान के पैसे बैंक को बाद में चुकाने पड़ते हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आप खुद को उधारी की सीढ़ी पर चढ़ाना शुरू कर देंगी। इस वजह से क्रेडिट कार्ड के उपयोग के साथ किसी से उधार लेने की सोच को भी नए शहर में नए भविष्य में न आने दें। जरूरी है कि मुश्किल हालातों के लिए पैसे अलग से जमा करके रखें। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो कर लिए बड़ी मानसिक और आर्थिक परेशानी लेकर आ सकती है। यह भी ध्यान रखें कि अगर आप किसी भी तरह के बैंक कर्ज का भार लेकर चल रही हैं, तो इसे पहले चुका दें। अगर बैंक कर्ज की रकम काफी बड़ी है, तो दूसरे शहर जाने से पहले इसे लेकर एक योजना बनाएं। हो सके, तो दूसरे शहर में कर्ज के बोझ के साथ प्रवेश न करें।