किराए के मकान की सबसे बड़ी परेशानी यही होती है कि आप किस तरह से अपना बजट कैसे प्लान करती हैं। अगर इस बीच आपने किसी जमीन में पैसे लगा दिए या फिर किसी दूसरे शहर में घर खरीद ली या फिर गाड़ी के साथ कोई सामान ईएमआई( EMI) पर लिया है, तो ऐसे में आपके लिए आर्थिक तौर पर कई सारे बड़े चैलेंज का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि सबसे जरूरी यह हो जाता है कि कैसे आप अपने किराए के घर के हर महीने का पैसा चुका रहे हैं और इसके साथ किस तरह आप हर महीने बैंक से लिए हुए कर्ज पर ईएमआई भर रही हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप किराए के मकान में रहते हुए ईएमआई को मैनेज कर सकती हैं।
बजट बनाने की करें प्लानिंग
आपके लिए सबसे जरूरी यह है कि आपको हर महीने के लिए अपना बजट तैयार करना चाहिए। जी हां, बजट के सहारे आपको उन सभी खर्चों का हिसाब करने का मौका मिलेगा, जो कि आपके लिए पहली पायदान पर आते हैं। इसके बाद आप उन खर्चों को अपने बजट की फेहरिस्त में शामिल कर सकती हैं। जिसे आप नजरअंदाज भी कर सकती हैं। इस तरीके से आपको यह समझने में आसानी होगी कि आपको खर्च के लिए अपना पैसा किस दिशा में आगे बढ़ाना है। हर महीने की पहली तारीख आने से पहले आपको अपने हर महीने की बजट की लिस्ट तैयार कर लेनी है। जाहिर-सी बात है कि इस बजट की सूची में सबसे पहले किराए के घर के पैसे चुकाने के साथ बैंक से लिए गए कर्ज पर ईएमआई भरने का नंबर आता है। मान लें कि अगर आप हर महीने नौकरी के हिसाब से 50 हजार का वेतन पाती हैं, तो इसमें किराए के लिए 25 हजार देने के बाद आपके पास बैंक का ईएमआई भरने के लिए 25 हजार ही शेष बचेंगे। बाकी के खर्च को लेकर आपके पास समस्या आ जाएगी। इसलिए कभी भी बजट बनाने के दौरान यह तय करें कि आपके महीने के वेतन से आप कितना खर्च उठा सकती हैं। यह जरूरी है कि किराए के खर्च के साथ ईएमआई भरने के फैसले में आपके लिए किसी और का साथ होना जरूरी है, क्योंकि यह आर्थिक तौर पर एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे आपके लिए कम वेतन के साथ अकेले संभालना कठिन हो सकता है।
किराया और ईएमआई से पहले देखें अपना बजट, लें मदद
अगर आप किराए के घर के साथ ईएमआई भरने का विचार कर रही हैं, तो इसमें जरूर किसी अन्य को शामिल करें। अन्य से हमारा मतलब है कि अपने भाई-बहन, पिता या फिर पार्टनर के साथ मिलकर ही किराए के खर्च के साथ बैंक से लिए गए किसी भी प्रकार के लोन की ईएमआई भरने का निर्णय लें। इससे आपको आर्थिक तौर पर एक बड़ी सहायता मिलती है और आप अकेले सारी आर्थिक जिम्मेदारी संभालने के भार से भी खुद को बचा सकती हैं। किसी और का आर्थिक सहारा होने से आप खर्च की जिम्मेदारी को आपस में बांट सकती हैं। इससे आपको काफी सहायता मिलती है कि आप कैसे अपना महीने का बजट तैयार करती हैं और अपनी सारी आर्थिक जिम्मेदारी को आसानी से पूरा करती हैं।
बांटें आर्थिक जिम्मेदारी
अगर आप किसी भी तरह की आर्थिक जिम्मेदारी किसी और के साथ बांट रही हैं, तो इसमें आप घर खर्च और किराए के साथ ईएमआई को मैनेज कर सकती हैं। बैंक हमेशा से ही आपसे ईएमआई लेने के लिए आपके किसी न किसी खाते को बैंक से जोड़ता है। इससे अपने आप हर महीने ईएमआई का पैसे आपके अकाउंट से काट लिया जाता है और आपको मैसेज के जरिए इसकी जानकारी मिलती है। अगर आप भी इसी प्रक्रिया से गुजर रही हैं, तो किराए का पैसे भरने की जिम्मेदारी आप अपने पार्टनर या फिर घर के किसी और सदस्य के कंधे पर डाल सकती हैं। इससे आप दोनों को ही पैसे को लेकर किसी भी तरह का भारीपन महसूस नहीं होगा और आप किराए के पैसे के साथ ईएमआई के पैसे चुकाने की जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम होती हैं।
घर खर्च के साथ बचत पर भी करें फोकस
हर महीने का घर खर्च संभालना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसे मैनेज करना भी आसान काम नहीं है। आप अपने घर खर्च में केवल जरूरी चीजों को प्राथमिकता दे सकती हैं। साथ ही आप अपने अन्य तरह के गैर जरूरी खर्चों को फिलहाल कुछ वक्त के लिए टाल दें। घर खर्च में घर के राशन से लेकर बिजली का बिल और भी कई तरह की जरूरी जिम्मेदारी होती है, जिसे पूरा करना जरूरी होता है। कोशिश करें कि आपके एक महीने का बजट आपके आने वाले महीने के लिए एक मार्गदर्शन की तरह काम करें। कैश नहीं है तो क्या हुआ, कार्ड काम आ जाएगा। यही सोच हमें अधिक खर्च की तरफ लेकर जाती है। क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पैसे भेजने की अन्य सुविधाएं कई बार खर्च की गिनती बड़ा देती है। अगर आपके पास कार्ड मौजूद है, तो उसे अपने घर की अलमारी में रख दें, ताकि जब भी मेडिकल इमरजेंसी होने पर कार्ड काम आ सकें। शॉपिंग, पार्टी या फिर घूमने के दौरान नकद पैसे अपने पास रखें। इससे आपके पास जितने पैसे होंगे आप उतना ही खर्च करेंगी। कार्ड की सुविधा होने से कई बार आवश्यकता से अधिक खर्च हो जाता है।
खर्चों का करें हिसाब
चाहे आप अकेली रहती हैं या फिर परिवार के साथ। आपके लिए अपने खर्च का हिसाब रखना बेहद जरूरी है और जब बात किराए के घर के पैसे भरने के साथ ईएमआई चुकाने की आती है, तो आपके लिए 100 रुपए के खर्च से लेकर 1000 रुपए तक के खर्चों का हिसाब लिखना जरूरी हो जाता है। आप अपने मोबाइल फोन पर भी हर दिन के खर्च का एक नोट बनाकर रख सकती हैं। इससे यह होगा कि आपने हर महीने कितना खर्च किया है और इसमें से कितना जरूरी और कितना गैर जरूरी खर्च है, इसकी जानकारी मिल जाएगी। आप अपने लिए कोई सामान खरीद रही हैं, तो एक बजट तय करें कि आपको इतने पैसे के अंदर ही खुद के लिए कपड़े या फिर अन्य जरूरी सामान की खरीदारी करनी है। साथ ही, आप अगले महीने की तुलना में आने वाले महीने में कम खर्च करेंगी। कब और क्या खरीदना है, इसकी समझ भी होना आवश्यक है। महीने के शुरुआत में घर के जरूरी खर्च पर फोकस करें, वहीं महीने के अंत के सप्ताह को ऐसे मैनेज करें कि आप अगले महीने के लिए कुछ पैसे अपने हर महीने के बजट से सुरक्षित कर लें।
मेडिकल जरूरतों के लिए अलग से बनाएं योजना
आपको अपनी निजी जिंदगी में किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी का सामना भी इस दौरान करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको कुछ पैसे अलग से बचा कर बैंक में सुरक्षित रखने चाहिए। इससे यह होगा कि आप किसी भी तरह के इमरजेंसी हालातों के लिए आर्थिक तौर पर सक्षम रहेंगी। उदाहरण के तौर पर अगर आप 10 रुपए में से 1 रुपया भी इमरजेंसी फंड के तौर पर एक तरफ रखती हैं, तो भविष्य में यह आपको काम आता है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि बैंक की एक ईएमआई को खत्म करने के बाद ही आप किसी अन्य तरह के बड़े खर्च की योजना बनाएं। कभी भी एक साथ दो तरह की ईएमआई को भरने का फैसला न लें। खासकर तब जब आप खुद किराए पर रह रही हैं। कई तरह के भारी बड़े खर्चों का भार लेकर आप अपनी आर्थिक रेल गाड़ी में ब्रेक न लगाएं। अपने पैसों का उपयोग सावधानी और सुविधा के अनुसार करें। जानकारों की राय ईएमआई को लेकर यही रहती है कि जितनी चादर है उतना ही पैर फैलाने की कोशिश करें।