वित्तीय योजना यानी कि आप अपने वर्तमान के साथ अपने भविष्य को कैसे आर्थिक तौर पर सुरक्षा देती हैं। जानकारों का कहना है कि हर किसी के लिए वित्तीय योजना की प्लानिंग करना बेहद जरूरी है, ताकि वह अपने रिटायरमेंट के लिए भी निवेश को जोड़ कर रख सकें और रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन को आर्थिक तौर पर बल प्रदान कर सकें। वर्तमान में अपने आर्थिक बजट को संभालते हुए यह बहुत मुश्किल हो जाता है कि आप किस तरह अपनी कमाई या फिर अपने बचत में से पैसों को बचा कर अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि आप कैसे अपनी वित्तीय योजना में रिटायरमेंट के लिए निवेश को शामिल कर सकती हैं।
जानें क्या होता है वित्तीय योजना बनाना
वित्तीय योजना बनाना यानी कि अपने खर्चों की एक योजना तैयार करना और इसके साथ अपने बचत में से सेविंग करना और फिर सुरक्षित भविष्य के लिए आप अपने पैसे का कैसे निवेश करती हैं, जो कि आपके रिटायरमेंट को एक आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान करता है। जाहिर-सी बात है कि आप एक बहुत अच्छा रिटायरमेंट प्लान कर रही हैं, तो यह आपके वर्तमान को आर्थिक तौर पर मुश्किल बना सकता है, ऐसे में आपके लिए एक सही तरीके से की हुई वित्तीय प्लानिंग काम आती है। आप अगर किसी जानकार की मदद से अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए वर्तमान में मेहनत करती हैं, तो आपके लिए वित्तीय प्लानिंग काम आती है। खासतौर पर रिटायरमेंट के बाद जब आपके पास पैसे कमाने का जरिया बहुत कम होता है, तो ऐसे में 30 से 50 साल के बीच की गई वित्तीय योजना आपके 60 साल से लेकर आगे के जीवन को मजबूत बनाती है।
रिटायरमेंट प्लान करते समय रखें इन बातों का ध्यान
जानकारों का कहना है कि नौकरी के साथ रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि अगर रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ की जाए, तो बुढ़ापे में कभी भी पैसों की तंगी नहीं झेलनी पड़ेगी। इसके बाद आपका जीवन बहुत ही आराम से कटेगा। कभी भी रिटायरमेंट की योजना बनाते समय आपके लिए यह अनुमान लगाना जरूरी है कि बुढ़ापे में आपको कौन से जरूरी खर्चों की जरूरत पड़ेगी। आप भले ही इसका सही तरीके से अंदाजा नहीं लगा पाएंगे, लेकिन एक अनुमान जरूर लगा सकती हैं। इसमें से एक अनुमान मेडिकल से जुड़ा हुआ है। जाहिर-सी बात है कि बाजार में जो चीज इस वक्त 300 रुपये की मिल रही है, वहीं भविष्य में बढ़कर 500 रुपए तक हो सकती है। बढ़ती हुई मंहगाई को देखते हुए आपके रोज का खर्च आपके भविष्य में कई गुणा बढ़ सकता है। इसी अनुमान के हिसाब से आपको अपने भविष्य के लिए यानी कि रिटायरमेंट के बाद के लिए योजना बनानी चाहिए।
बचत के लिए एक ऐसी योजना बनाएं
आपको अपने रिटायरमेंट के लिए एक नियम बनाना होगा। इस नियम के अनुसार आप अपनी कमाई का 50 फीसदी हिस्सा घर के जरूरी खर्च में निकाल देना चाहिए। आप बाकी के 30 प्रतिशत अपनी बाकी की जरूरत की चीजों के लिए खर्च कर सकती हैं। इसके बाद 20 प्रतिशत की कमाई आप अपने रिटायरमेंट के निवेश के लिए बचा सकती हैं। ऐसे में आप हर साल लाखों की कमाई अपने रिटायरमेंट के लिए जमा कर सकती हैं। आप यह भी कर सकती हैं कि अपने पैसों की बचत और निवेश के लिए आप किसी वित्तीय सलाहकार की सहायता भी ले सकती हैं। इससे आपको अपने रिटायर के लिए एक सही तरीके से योजना बनाने में मदद मिलेगी। सही तरीके से योजना से हमारा मतलब यह है कि आप एक वित्तीय सलाहकार की मदद से अपने आज को सुरक्षित करते हुए और अपने आज में अपने खर्च को अच्छी तरह से संभालते हुए अपने रिटायरमेंट के लिए निवेश करने में सफल हो सकती हैं।
इस तरीके से आप अपने रिटायरमेंट के पोर्टफोलियो को आसानी से संभाल पायेंगी।
हर तरह के हालात के लिए निवेश करता है तैयार
रिटायरमेंट के बाद किसी भी तरह की इमरजेंसी स्थिति कब और कहां से आ जाए, यह पता नहीं चलता। ऐसे वक्त में आपके पास आर्थिक मजबूती का होना बहुत जरूरी है। एक वित्तीय योजना बनाकर आप रिटायरमेंट के बाद हर तरह के लिए तैयार रह सकते हैं। आप सेहत से जुड़ी या फिर रिटायरमेंट के बाद अपनी अन्य जरूरत को पूरा करने के लिए खुद को किसी सहारे के आगे झुकायेंगे नहीं। वित्तीय निवेश के साथ आप रिटायरमेंट के बाद किसी भी तरह के हालात के लिए पूरी तरह से तैयार रह सकती हैं, जो कि आपके रास्ते में कभी-भी आ सकती है।
रिटायरमेंट के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
रिटायरमेंट के लिए आप राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का भी सहारा ले सकती हैं। यह एक तरह की सरकारी योजना है। हालांकि इस योजना का लाभ पहले केवल सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता था, लेकिन अब इसका लाभ प्राइवेट कर्मचारी भी उठा सकते हैं। 60 साल की उम्र होने के बाद आप इस पैसे का इस्तेमाल अपने लिए कर सकती हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
इस फंड से भी आपको रिटायरमेंट के बाद एक अच्छा रिटर्न मिलता है। पीपीएफ में निवेश के लिए 15 साल का समय लगता है। आपको इस खाते को खोलने के लिए 500 रुपए से शुरुआत कर सकती हैं। आप इस हिसाब से एक वित्तीय साल में सबसे अधिक 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकती हैं। पीपीएफ में आपकी जमा राशि पर आपको 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिलता है।
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड मार्केट के रिस्क के आधार पर होता है, लेकिन किसी जानकारी की मदद से आप म्यूचुअल फंड में समझदारी के साथ निवेश कर सकती हैं। किसी जानकार की सहायता से आपको मार्केट में आपके पैसे का सही हिसाब समझने में आसानी होगी और आपके लिए पैसों को लेकर खतरा भी काफी कम होगा। माना गया है कि 3 साल या फिर उससे अधिक की निवेश अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में रिटर्न 12 से 15 प्रतिशत हर साल की सीमा है। रिटायर होने पर म्यूचुअल फंड काफी रकम प्रदान करता है, लेकिन आपको जब भी म्यूचुअल फंड में निवेश करती हैं, तो आपको बाजार के रिस्क पर भी ध्यान देना चाहिए।
क्यों जरूरी है वित्तीय योजना के साथ रिटायरमेंट योजना
किसी भी तरह की निवेश की प्लानिंग करने से पहले हमारे लिए इस बात को समझना जरूरी है कि आखिर क्यों हमारे लिए किसी-भी तरह की कोई प्लानिंग क्यों मायने रखती है। यह जान लें कि वित्तीय योजना और रिटायरमेंट योजना दोनों को पूरा करना आपके लिए जरूरी है, क्योंकि यह दोनों एक दूसरे के साथ मिलकर ही काम करते हैं। एक पर्याप्त और पूरी तरह से व्यापक रिटायरमेंट योजना बनाने के लिए आपके पास सबसे पहले एक वित्तीय योजना होनी चाहिए, जो कि आपके पैसे का निवेश शुरू करने में सहायक रहेगी। देखा जाए, तो रिटायरमेंट योजना के बिना यह जानना कठिन हो सकता है कि आप अपनी जीवनशैली की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने निवेश को मासिक खर्च में कैसे विभाजित करती हैं। आपके अपनी वित्तीय योजना बनाने से पहले यह सोचना होगा कि आपको छोटी और बड़ी दोनों अवधि के लिए आर्थिक आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए आप जब भी वित्तीय योजना बनाती हैं, तो अपने आज और अपने भविष्य यानी कि अपनी वर्तमान वित्तीय योजना और रिटायरमेंट योजना को मिलाकर ही एक योजना बनाएं।
रिटायरमेंट योजना के लिए इन बातों का रखें ध्यान
जैसे ही आप रिटायरमेंट के बारे में सोचना शुरू करती हैं, तो कुछ जरूरी चीजों पर विचार करना जरूरी होता है, जो कि आपके रिटायरमेंट के लक्ष्यों को प्रभावित करेगी। उदाहरण के तौर पर इसे समझा जाए, तो आपकी पारिवारिक योजना क्या है? कई लोगों के लिए परिवार शुरू करना एक केंद्रीय जीवन लक्ष्य है, लेकिन परिवार के लिए की जाने वाली प्लानिंग भी आपकी बचत को नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें आपके बच्चे की पढ़ाई, घर खर्च, मेडिकल अन्य जरूरी चीजें शामिल हो जाती हैं। इसलिए आप अपने परिवार को लेकर किस तरह की वित्तीय योजना बनाती है, यह आपके रिटायरमेंट की योजना को प्रभावित कर सकती है। दूसरी तरफ कई लोगों का मानना है कि रिटायरमेंट के बाद उनका खर्च पहले की तुलना में 30 प्रतिशत कम हो सकता है, हालांकि कई बार ऐसा होता नहीं है, क्योंकि परिवार में किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी रिटायरमेंट के बाद आपके बचाए हुए पैसे को खत्म कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि जब भी आप रिटायरमेंट के लिए निवेश की योजना बनाती हैं, तो अपने कल आज और कल को अच्छी तरह से जांच कर, उसी हिसाब से निवेश और खर्च करें।