एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट होना हमेशा रोमांचक होता है, लेकिन फिर भी मन में एक अनचाहा डर भी लगा रहता है। शहर बदलने में महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नए शहर में जाने पर सबसे पहले तो आपके आपनों का साथ छूटता है। आपकी बहुत-सी चीजें बदल जाती हैं। इन सभी में सबसे ज्यादा जो चीज जरूरी है, वो है महिलाओं को अपने फाइनेंस को मैनेज करना। हालांकि, यह कहा जाता है कि महिलाएं नंबर्स के मामले में काफी तेज होती हैं, लेकिन फिर भी कुछ फाइनेंस से जुड़ी टिप्स तो सभी को चाहिए होती है। तो, चलिए जानते हैं कि दूसरे शहर में जाने से पहले कैसे करें अपना फाइनेंस मैनेज।
देखें जरूरी फंड और करेंट सेविंग के अंतर को
शहर बदलने से पहले आप अपने लॉन्ग टर्म गोल के लिए जरूरी फंड का आकलन करें। इसके साथ ही यह भी पता करें कि करेंट सेविंग के जरिए इस जरूरत का कितना हिस्सा पूरा हो सकता है। शहर बदलने से आपके बजट में ज्यादा कमी ना आए इसके लिए जरूरी फंड और करेंट सेविंग के अंतर को देखना चाहिए। अगर शहर बदलने पर ज्यादा खर्च होने की संभावना है, तो इसको मैनेज करने के लिए इसमें कटौती के बारे में प्लान तैयार करें।
किराये के घर के लिए तैयार रहें
महिलाओं को किसी दूसरे शहर में जाकर रहने का फैसला लेने से पहले उस शहर के बारे में अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। अगर वहां पर आपके दोस्त और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं तो बुनियादी बातें, जैसे कि उस शहर में किराए का घर लेने में कितना खर्चा आता है। वहां कम से कम कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी। इन सभी बातों को जानने के लिए उनसे बात जरूर करें। इन छोटी-छोटी बातों की जानकारी से आप अपने फाइनेंस को आसानी से मैनेज कर सकती हैं। इस तरह की जानकारी आपका बजट बनाने में काफी मदद करेगी। दूसरे शहर शिफ्ट होने से पहले आप रहने के लिए आस-पास की कुछ अच्छी जगहों के बारे में सर्च कर सकते हैं या अपने दोस्त-परिवार के सदस्यों से सुझाव भी ले सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप उनको अपना बजट जरूर बता दें।
ऑफिस के पास हो घर या पब्लिक ट्रांसपोर्ट होगा कितना महंगा?
अगर आप अपनी नौकरी को लेकर शहर बदल रही हैं तो अपने ऑफिस की लोकेशन का चयन अपनी सैलरी को ध्यान में रख कर ही करें। आपको इसके लिए सर्च करना चाहिए कि अपने ऑफिस के आस-पास रहना महंगा है या आपके बजट का है। अगर ऑफिस लोकेशन के पास रहने से आपका बजट बिगड़ रहा है तो आपको उसके लिए थोड़ी दूरी पर भी घर मिले, तो सही है। हां, यहां इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी है कि आप घर से ऑफिस जाएंगी कैसे? क्या उस शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सही है? उसका कितना खर्च है? या वहां आप खुद कोई वहां खरीद कर आना-जाना कर सकती हैं।
ब्रोकरेज से बचने की करें कोशिश
दूसरे शहर जाने से पहले आपको उस शहर में घर ढूंढने के लिए किसी ब्रोकर के चक्कर में नहीं पड़ना है। ब्रोकर के चलते आपको घर का ज्यादा किराया या कमीशन देना पड़ सकता है, जिससे आपका बजट बिगड़ जाएगा। अगर हो सके तो आप को खुद ही अच्छा और सस्ता घर सर्च करना चाहिए। आजकल तो ऑनलाइन भी कई ऐसी सुविधाएं हैं, जिनसे आप ब्रोकर की चिंता को दूर कर सकते हैं। लेकिन, अगर फिर भी आपको ब्रोकर ढूंढना ही पड़े तो इसके लिए अलग से सेविंग्स शुरू कर दें।
बनाएं खर्चों की श्रेणी
शहर बदलने के लिए आप अपने खर्चों की दो श्रेणी बनाएं। 'जरूरी' और 'शौकिया'। जरूरी और शौकिया चीजों की फेहरिस्त बनाने से आपको पता चल पाएगा कि कहां पर कटौती की जा सकती है। अगर आप किसी बड़े शहर में जा रहे हैं, तो आप अपने शौक में कटौती कर सकते हैं। इससे आपकी जेब पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।