आज जब किसी ‘मनी प्रॉब्लम’ में फंसते हैं, तो मां, दादी और नानी की बात जरूर याद आती है, ‘बच्चों, बूंद-बूंद से घड़ा भरता है।’ बड़े-बुजुर्ग जब हमें कहते थे कि बचत करो, ऐसे करो, शुरुआत तो करो, तब हमें लगता था ये क्या ही जानते हैं। दरअसल, वे ही थे जो सब जानते थे। हालांकि, अब दुनिया काफी एडवांस हो चुकी है, लेकिन उनकी दी गई सलाह वाकई इस जमाने में भी काम करती है। तो आइए जानिए 5 फाइनेंशियल सलाह जो आपको बुजुर्गों से सीखनी चाहिए और जो आज भी प्रासंगिक है।
जितनी चादर है, उतना ही पैर फैलाएं
यह कहावत आप सभी ने सुनी होगी और जब तक आप इसे समझ पाए होंगे, तब तक पैर बहुत ज्यादा फैल गए होंगे। यानी अपने खर्चे उतने ही करें जितना आप अफोर्ड कर सकती हैं। क्रेडिट कार्ड अच्छा है, लेकिन इसे भी उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना कि आप महीने के अंत में चुका सकें। जरूरत से ज्यादा खर्चीला होना आपके भविष्य के लिए सही नहीं है। इसलिए उतना ही खर्च करें जितनी जरूरत हो।
बेटी, आगे की सोच
मां ने कहा था, लेकिन आज की जनरेशन आज में ही एन्जॉय करना चाहती हैं। पहले लोग कई सारे खाते खुलवाते थे, अपने पैसों को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से इकठ्ठा करते थे और इंवेस्टमेंट के मामले में भी बड़ा सोच समझकर निवेश करते थे और नई जनरेशन इस सोच से बिल्कुल विपरीत है। आज कई सुविधाएं, अच्छे प्रॉफिट के साथ उपलब्ध हैं, जिन्हें हमें अपनी पुरानी जनरेशन की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। आगे की सोचते हुए, थोड़े-थोड़े पैसे इकठ्ठा करना, निवेश करना आज ही शुरू करें।
जो है, उसमें खुश रहें
मंदी से गुजरने के बादभी भी पुरानी पीढ़ी जानती थी कि कुछ चीजों के साथ कैसे खुश रहना है। चाहे आप गरीब हों या अमीर, खुशी की कुंजी यह नहीं है कि आपके पास क्या-क्या है या आपके बैंक खाते में कितनी राशि है। इसके बजाय जो है उसमें खुशी ढूंढें और हो सके तो सादे जीवन के तरफ रुख करें। सिर्फ पैसा कमाने पर ध्यान केंद्रित करके आप अपने आस-पास के लोगों को नजरअंदाज न करें। पैसे से खरीदी जा सकने वाली किसी भी चीज से ‘लोग’ कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं।
बजट को ‘लिख’ लो
हर हिसाब को किताब में लिखना जरूरी है। बड़े-बुजुर्गो की इस बात को आज की भाषा में समझाएं तो, एक बजट बनाएं और उस पर टिके रहें। अपनी आय, फिर ऐसे खर्च जो आपको करने ही हैं, जैसे कि किराया, कोई ऋण भुगतान, बीमा, ट्रेवलिंग, किराने का सामान और भी बहुत कुछ, इनकी लिस्ट बनाएं और लिख कर रखें। आज की जनरेशन हैं, तो कागज पर न सही लैपटॉप पर ही नोट बना लें। यदि आप अपने कुछ पैसे का हिसाब नहीं दे सकते हैं, तो बजट आपको अधिक खर्च के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेगा ताकि आप बचत और खर्चों के लिए अपने पैसे बांट सकें।
कब, क्या हो जाए
एक और बात जो आपको बुजुर्गों से सीखनी चाहिए और वह है स्वास्थ्य देखभाल। कब, क्या हो जाए इसके लिए पुरानी जनरेशन एफडी बनवाती थी और अब तो और सुविधाएं आ गई हैं। स्वास्थ्य खराब होने पर अस्पताल में लगने वाली लागत सबसे बड़ा खर्च है,जिसका आपको सामना आज नहीं तो कल करना ही पड़ेगा। उचित स्वास्थ्य बीमा होना सबसे अच्छा तरीका है, जिसे आप ध्यान में रख सकते हैं।