लोगों में काफी गलतफहमी रहती है कि महिलाएं फाइनेंस के मामले में अधिक जानकारी नहीं रहती है, लेकिन यह केवल एक गलतफहमी भर है। कई आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि निवेश करने के मामले में लड़कियां लड़कों से काफी आगे रहती हैं। महिलाएं स्मार्ट तो होती ही हैं, निवेश के मामले में, लेकिन वह अपने फाइनेंस को और अच्छे से संवार सकें। इसके लिए अगर वे कुछ अच्छी फाइनेंस की किताबें भी पढ़ें और इससे मदद लें, तो काफी अच्छा होगा। आइए विस्तार से जानते हैं, इन किताबों के बारे में।
फाइनेंशियल फ्रीडम पार्टी फॉर वुमन
डेबरा हैडसल की यह किताब काफी शानदार है। यह एक तरह से आपके लिए फाइनेंशियल सलाहकार का काम करती है। यह किताब महिलाओं को फाइनेंस से जुड़ीं हर छोटी जानकारियों को शेयर करता है और इस किताब की खूबी यह है कि यह महिलाओं के जीवन के विभिन्न चरणों में उनकी वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिखा है, और इसमें एक आपातकालीन निधि बनाने और जीवन बीमा खरीदने से लेकर सेवानिवृत्ति, विधवापन, तलाक के लिए बचत करने के भी तरीके सुझाये गए हैं।
गेट गुड विद मनी
गेट गुड विद मनी एक बेस्टसेलर किताब है, जिसमें वित्त मामलों की अच्छी जानकारी है और इसे टिफनी अलीचे ने लिखा है। यह एक तरह से महिलाओं के लिए ट्यूटर बना है। इसमें बड़े ही आसान तरीके से समझाया गया है कि किस तरह साधारण चेकलिस्ट, वर्कशीट और फ्लोचार्ट की सहायता से आपको अच्छी वित्तीय आदतें विकसित करने में मदद करता है। साथ ही भविष्य में कैसे आप एक अधिक पैसे बना सकती हैं, इसके बारे में भी विस्तार से बताता है।
हार्डवर्किंग वुमेंस गाइड टू मनी
यह देखने के बाद कि कैसे एक महिला में वित्तीय जिम्मेदारी की कमी उसके जीवन के सभी क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, वित्तीय सलाहकार कैथलीन थॉमस ने विशेष रूप से महिलाओं के लिए अपने पैसे का प्रबंधन करने के तरीके सीखने के लिए एक किताब लिखने का फैसला किया। इस किताब में आपको क्रमबद्ध तरीके से किस तरह से पैसों का निवेश करना चाहिए, इसके बारे में भी विस्तार से बनतया गया है।
योर मनी और योर लाइफ
विक्की रोबिन द्वारा लिखी गई यह किताब दूसरी फाइनेंस किताबों से अलग है। यह पैसों का जिंदगी में क्या महत्व, इसको विस्तार से दर्शाया गया है। इस किताब में बड़े ही आसान तरीके से कैसे खुद को आत्म निर्भर बनाया जा सकता है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें जो भी तरीके बताये गए हैं, उन्हें आप नियमित रूप से अपनी जिंदगी में आसानी से शामिल कर सकती हैं।
ऑन माई ओन टू फीट
गौर करें तो, विज्ञापनदाताओं की पूरी नजर रहती है कि किस तरह से महिलाओं को आकर्षित किया जाए। ऐसे में मनीषा ठाकोर की यह किताब हमारी वित्तीय साक्षरता की कमी को जानने और फिर उसे सुधारने के लिए प्रेरित करती है। कई लोग किस तरह से जरूरत से ज्यादा क्रेडिट कार्ड के जरिए ज्यादा खर्च करने के जाल में भी फंस जाते हैं। इन आदतों से कोई महिला कभी आर्थिक रूप से सशक्त कैसे बन सकती है, यह किताब युवा लड़कियों को फाइनेंस को समझने के बारे में सचेत करने की कोशिश करती है, ताकि वह वित्तीय आजादी के बारे में सोच पाएं।