फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोटैशियम और कैल्शियम से भरपूर चीकू, खाने में जितना स्वादिष्ट है, उतना ही स्वास्थ्यवर्धक भी है। आइए जानते हैं उसके ढेर सारे फायदे।
गुणों का खजाना चीकू
सपोटेसी परिवार से संबंधित सपोटा यानी चीकू का वैज्ञानिक नाम मनिकलरा जपोटा है। इसकी मूल उत्पत्ति मध्य अमेरिका के वर्षा वनों से हुई है, किंतु वर्षों से ये भारत के प्रिय फलों में शुमार है और कर्नाटक इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाड़ु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। स्वाद से भरपूर चीकू, पॉलीफेनोल कंपाउंड टैनिन से भरपूर है, जिसमें एस्ट्रिंजेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वाइरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं। चीकू के ये गुण डाइजेशन को दुरुस्त रखने के साथ स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी, हेल्दी त्वचा और बालों को रेशमी बनाते हैं। इसके अलावा, चीकू वजन कम करने, बीमारियों से लड़ने और दिल की बीमारियों में भी लाभदायक है।
त्वचा के साथ बालों के लिए भी फायदेमंद
चीकू में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में एजिंग के लिए जिम्मेदार तत्वों को समाप्त करते हुए हमें ग्लोइंग स्किन( चमकती त्वचा) के साथ चमकदार बाल भी देते हैं। इसके अलावा, इसमें फाइबर, विटामिन-ई और मिनरल्स होते हैं, जो हमारी त्वचा को मॉइश्चराइज करते हैं। विशेष रूप से चीकू के बीज में रहनेवाले गिरी( नारियल) के तेल से सूजन में भी फायदा पहुंचता है। गौरतलब है कि ये तेल सिर्फ त्वचा पर ही नहीं, बालों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। विशेष रूप से घुंघराले बालों के लिए ये तेल लाजवाब है। हेल्दी बालों के साथ इस तेल में उपस्थित सेबरहाइक डर्मेटाइटिल कंपाउंड खुजली वाली त्वचा के लिए बहुत लाभदायक है। बेहतर परिणाम के लिए चीकू के बीजों के पेस्ट को कैस्टर ऑयल में मिलाकर सिर में खुजली वाली स्किन पर लगाएं और अगले दिन धो लें। यह पेस्ट सिर की त्वचा के साथ कीड़े काटने या मधुमक्खी के डंक में भी सहायक है।
ऊर्जा का क्विक स्रोत
आम तौर पर क्विक एनर्जी के लिए हम मीठे का सेवन करते हैं, किंतु कैलोरी और ग्लूकोज से भरपूर चीकू सही मायनों में नैच्युलर एनर्जी का स्रोत है। वर्क आउट के बाद क्विक एनर्जी के लिए आप इसका सेवन बेफिक्र होकर कर सकते हैं। सिर्फ यही नहीं बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं के लिए भी ये काफी लाभदायक है। गर्भावस्था की शुरुआत में जिन महिलाओं को मतली और चक्कर आने की शिकायत होती है, उन्हें चीकू अवश्य खाना चाहिए। इसके अलावा, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीकू आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में काफी कारगर साबित होता है। विशेष रूप से इसमें मौजूद पॉलीफेनोल तत्व, आपके शरीर में मौजूद हार्मफुल टॉक्सिंस से लड़ने में न सिर्फ मदद करता है, बल्कि बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-वाइरल गुण, आपको असंख्य बीमारियों से भी बचाता है।
हड्डियों को मजबूत बनाता है
डॉक्टर्स की मानें तो यदि आपने हर रोज अपने आहार में चीकू को शामिल किया है, तो आपको वृद्धावस्था में पोषक तत्वों के लिए किसी सप्लीमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन से भरपूर चीकू में हड्डियों को मजबूती प्रदान करनेवाले गुण होते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया डाइजेशन में भी ये अपनी अहम भूमिका निभाता है। इसको खाने से गैस्ट्राइटिस की समस्या नहीं होती। सिर्फ यही नहीं, सूजन रोधी होने से ये जोड़ों के दर्द के साथ गठिया के रोग, कैंसर, मोटापा और हार्ट से संबंधित बीमारियों में भी मददगार है। यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आप भी इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन एक सीमा में रहकर और वो भी अपने डॉक्टर के परामर्श पर। इसमें नेच्युरल शुगर काफी हाई होते हैं, जिससे अधिक मात्रा में इसका सेवन आपके शरीर में शुगर की मात्रा को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा, लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित मरीजों को भी इसे खाने से पहले, विशेष सावधानी बरतते हुए अपने डॉक्टर से परामर्श ले लेनी चाहिए, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं, जो लेटेक्स से रिलेटेड गंभीर परिणामों को और बढ़ा सकते हैं।
मैग्नीशियम और पोटैशियम, चीकू में पाए जानेवाले ये दो मिनरल्स एक स्वस्थ और सामान्य ब्लड प्रेशर के लिए अति आवश्यक हैं। मैग्नीशियम, जहां उत्तम रक्त संचार के लिए जरूरी है, वहीं पोटैशियम, शरीर से सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। सिर्फ यही नहीं चीकू में कुछ ऐसे गुण भी होते हैं, जो आपके नर्वस सिस्टम को शांत करते हुए आपको तनाव से दूर जाने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से न सिर्फ आपको रिलैक्सेशन का एहसास होता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।