अपने बालों की खूबसूरती बनाए रखने के लिए आप क्या-क्या नहीं करती हैं, लेकिन न चाहते हुए भी वो बेवजह कमजोर होने के साथ अपनी चमक खो ही देते हैं। अगर आप भी इनसे परेशान हैं, तो आइए जानते हैं कुछ टेस्ट, जिन्हें आप घर पर करके इनकी असली वजह जान सकती हैं।
बिना पैसे खर्च किए, खुद ही करें, घर पर टेस्ट
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में धूल, प्रदूषण के साथ तनाव एक ऐसी वजह बन चुकी है, जिसका सबसे बड़ा असर स्वास्थ्य के बाद हमारे बालों पर पड़ता है। उनकी खूबसूरती बरकरार रखने के लिए जब हम पार्लर जाते हैं, तो हमें तरह-तरह के घरेलू नुस्खों के साथ ट्रीटमेंट बता दिए जाते हैं। लेकिन कई बार उनकी बातों में आकर हम वो करवा भी लेते हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता। कभी सोचा है, ऐसा क्यों होता है? इसकी वजह है, दूसरों की बातों में आकर हम वो करते हैं, जो वे हमसे करवाना चाहते हैं। वो भी बिना असली परेशानी जाने। हालांकि आप चाहें तो घर पर ही कुछ टेस्ट के साथ अपने बालों की परेशानी का पता चुटकियों में लगा सकती हैं।
लचीलापन (इलास्टिसिटी)
स्वस्थ बालों की निशानी है उनका लचीलापन। जब बालों में नमी और प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है, तो उनका लचीलापन खत्म होने लगता है और बाल टूटने लगते हैं। ये बालों में रुखेपन की निशानी है, जिससे बाल अपनी खूबसूरती खो देते हैं। इसमें आम तौर पर बाल भूसे जैसे लगते हैं और अगर आप इन्हें नमी देना भी चाहें, तो ये अपनी नमी बरकरार नहीं रख पाते। इसकी जांच कैसे करनी है, जान लें।
टेस्ट: गीले बालों की एक लट तोड़कर उसके दोनों सिरों को पकड़ते हुए खींचकर तोड़ें। अगर बाल बिना खिंचाव के आसानी से टूट जाते हैं, तो इसका अर्थ है बालों में प्रोटीन और नमी की कमी है। प्रोटीन और नमी की कमी से बालों का लचीलापन खत्म हो जाता है और बाल बेजान हो जाते हैं। इस टेस्ट को टग टेस्ट भी कहते हैं।
दो-मुंहे बाल (स्प्लिट एंड्स)
बालों के खराब होने की सबसे बड़ी वजह है दो-मुंहे बाल। इसमें बाल झाड़ू जैसे लगने लगते हैं, जो ऊपर से घने और नीचे आते-आते पतले हो जाते हैं। अधिकतर महिलाएं, इस समस्या से जूझती रहती हैं और उन्हें पता ही नहीं चलता। हालांकि शुरू-शुरू में ये समस्या बहुत छोटी होती है, लेकिन समय के साथ ये इतनी बढ़ जाती है कि आपके बालों की स्टायलिंग के साथ आपके व्यक्तित्व को भी प्रभावित करने लगती है। ऐसे में एक जरूरी टेस्ट आपको करने चाहिए।
टेस्ट: बालों की एक छोटी-सी लट को सिरे से पकड़कर देखें, अगर बाल दो भागों में बंटकर वी (v) शेप बनाते हैं, तो इसका उचित ख्याल रखें।
पोरोसिटी
पोरोसिटी का अर्थ है आपके बाल कितनी आसानी से नमी को सोखकर, उसे बरकरार रखते हैं। अगर आपके बालों की पोरोसिटी कम है, तो इसका अर्थ ये है कि आपका क्यूटिकल इस कदर बंद है कि उसमें पानी तो क्या बालों का रंग भी प्रवेश नहीं कर पा रहा है। हालांकि इसके विपरीत, यदि बालों में ज्यादा पोरोसिटी है, तो इससे बाल बेजान और उलझे हुए लगने लगते हैं। ऐसे बालों को आप चाहे जितना संवारे, ये वापस आपस में उलझ जाते हैं।
टेस्ट: पोरोसिटी टेस्ट करने के लिए बालों में कंघी करने के बाद जो बाल कंघी में रह जाते हैं, उन्हें पानी से भरे एक गिलास में डाल दें। फिर उन्हें गौर से देखें कि ये कैसा व्यवहार कर रहे हैं। अगर बाल, पानी में धीरे-धीरे डूबते हैं, तो इसका अर्थ है कि बाल स्वस्थ हैं। अगर बाल पानी पर तैर रहे हैं, तो इसका अर्थ है इनकी पोरोसिटी कम हो गई है और अगर बाल तुरंत डूब जाते हैं, तो इसका अर्थ है कि इन बालों में पोरोसिटी काफी हाई है।
डलनेस
जब क्यूटिकल समतल(फ्लैट) होती है, तो वह प्रकाश को रिफ्लेक्ट करती है, जिससे बाल चमकदार और स्वस्थ लगते हैं। जब क्यूटिकल खुरदरा(रुखा) और बेजान होता है, तो ये रौशनी को अब्सॉर्ब कर लेता है, जिससे बाल बेजान लगने लगते हैं। बालों के रुखे होने की मुख्य वजह है, अधिक देर तक प्रदूषण का सामना करते हुए सूर्य की रौशनी में रहना, साथ ही हार्ड केमिकल से बने बालों के उत्पाद और सॉलिड वॉटर का इस्तेमाल करना। इससे आपके बालों की निचली त्वचा में कई बार खुजली भी होने लगती है।
टेस्ट:
आपके बाल डल हैं या नहीं, इसका टेस्ट करना बहुत आसान है। सूरज की रौशनी में अपने बालों में अपनी उंगलियां फिराएं और देखें आपके बाल, रौशनी को रिफ्लेक्ट करते हैं या नहीं? अगर आपके बालों में चमक है, तो इसका अर्थ है कि आपके बाल स्वस्थ हैं और अगर चमक नहीं है तो इसका अर्थ आपके बाल डल (बेजान) हैं।
निष्कर्ष
ऊपर बताए गए समस्याओं का पता चलते ही उन्हें महंगे प्रोडक्ट्स से छुपाने या हटाने की कोशिश करने की बजाय, बालों के किसी अच्छे विशेषज्ञ से मिलकर इनका तुरंत उपचार बेहद जरूरी है। वरना आगे चलकर ये आपके हेयर लॉस का कारण बनते हैं और फिर कोई उपचार काम नहीं आता।